आर्य समाज: छुआछूत व पाखण्ड को त्यागने का संकल्प

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़)आर्य समाज कमालगंज के तत्वावधान में चलने वाले घर – घर यज्ञ अभियान के अन्तर्गत आज खुदागंज में युवा चरित्र निर्माण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें आर्य समाज के विद्वानों द्वारा युवक युवतियों को संस्कारों की शिक्षा के साथ-साथ यज्ञ के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व से अवगत कराया गया। इस अवसर पर आयोजित सामूहिक यज्ञ में आहुतियां देकर ग्राम वासियों ने ईश्वर से सुख संवृद्धि की कामना की।

आर्य समाज के पुरोहित आचार्य संदीप आर्य ने वैदिक मंत्रों से यज्ञ सम्पन्न कराया। उन्होंने कहा कि यज्ञ वैदिक संस्कृति का आधार स्तम्भ है यह जीव के इस लोक से लेकर परलोक तक की उन्नति का सर्वोत्तम साधन है। यज्ञ करने वाले मनुष्य के अंदर दया उदारता और मनुष्यता के गुण विकसित होते हैं। हमारी प्राचीन गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली में बालक बालिकाओं को प्रारंभ से ही संध्या,यज्ञ करने की शिक्षा दी जाती थी जिससे उनका चरित्र उत्तम व शरीर बलबान होता था। गुरुकुल शिक्षा पद्वति का उद्देश्य युवाओं के उत्तम चरित्र का निर्माण करना था जिससे उनका चरित्र उत्तम व उनके अंदर राष्ट्रभक्ति के गुण विकसित हों।

परन्तु लार्ड मैकाले द्वारा थोपी हुई स्कूल कालेज की शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ़ जीविकोपार्जन का ज्ञान देना है। आधुनिक युग में बड़ते पाश्चात्य शैली के प्रभाव से युवक युवतियों का चारित्रिक पतन बढ़ रहा है जिससे देश का भविष्य खतरे में है। आर्य समाज का उद्देश्य गांव – गांव जाकर युवा शक्ति को जाग्रत कर उनके अंदर राष्ट्रीयता के भाव भरना है। इसी उद्देश्य को लेकर आर्य समाज की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में इन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। मानदेव आर्य ने अपने भजनों के माध्यम से ग्रामीण जनमानस में फैले छुआछूत और पाखण्ड को त्यागने का संकल्प कराया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य घर- घर जाकर लोगों को जगरूक करना है।

घनशयाम आर्य ने युवाओं में बढ़ती नशाखोरी और धूम्रपान की आदत पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिविरों को प्रत्येक गांव में लगाने की आवश्यकता है। रमेश आर्य ने कहा कि बेटियों को शिक्षा के साथ – साथ आत्म रक्षा का प्रशिक्षण भी अनिवार्य होना चाहिए जिससे वे हर परिस्थिति का सामना कर सकें। मुख्य यजमान सुरेश चंद्र बाबा जी ने सभी विद्वानों का आभार व्यक्त कर आर्य समाज के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में आचार्य सतीश देव,अमर सिंह आर्य,राम रहीश आर्य मोहरपाल,विजय सिंह खुशीराम आर्य,विजेंद्र सिंह,जगदीश यादव सर्वेश यादव,उर्मिला देवी,अमृता,सरोजनी देवी आदि उपस्थित रहे।

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