फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) सूबे के डीजीपी राजीव कृष्ण ने ही दुर्दांत अपराधी नेम कुमार दुबे उर्फ बिलैया को मुठभेड़ में मार गिराया था।
यह घटना वर्ष 1999 थाना कमालगंज के ग्राम ईसापुर में शाम की है। जनपद कन्नौज कोतवाली छिबरामऊ के ग्राम निगोह का मूल निवासी शातिर अपराधी नेम कुमार बिलैया कमालगंज की कटरी क्षेत्र से घोड़ी पर सवार होकर उधरनपुर की ओर जा रहा था। थाना कमालगंज के जांबाज सिपाही फिरोज इंद्रपाल सेंगर आदि ने सूचना मिलते ही बिलैया का पीछा किया।
पुलिस से बचने के लिए बिलैया ग्राम ईसापुर मे रुक गया। जान बचाने के लिए बिलैया एक बालिका को पड़कर जैकी अहमद के मकान के अंदर कमरे में घुसकर बंद हो गया था। पुलिस अभिरक्षा से भागे अपराधी बिलैया की घेराबंदी किए जाने का मैसेज वायरलेस पर प्रसारित हो रहा था। सहयोग के लिए अन्यथनों से फोर्स बुलाया जा रहा था। फतेहगढ़ में पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात राजीव कृष्ण अपनी पत्नी के साथ कानपुर की ओर जा रहे थे। जब उनको पता चला तो वह तुरंत ही वापस लौटे। पत्नी को मुख्यालय भिजवा दिया और स्वयं मौके पर जाकर पिस्तौल लेकर एनकाउंटर करने के लिए डट गए।
थोड़ी देर बाद ही बिलैया ने पकड़ी गई बच्ची को कमरे से बाहर निकाल दिया था। बिलैया की फायरिंग मैं कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे दरोगा रामशरन गोयल घायल हो गए थे एसपी के गनर की एक-47 में भी गोली टकराई थी। बिलैया को मारने के लिए कच्ची धन्नी वाली छत में छेद किए गए। ऊपर से कमरे में आग डाली गई थी बिलैया जान बचाने के लिए कमरे में रखी मिट्टी की बखारी के अंदर छिप गया था। धुएं से जब उसका दम घुटने लगा तो वह कुंडी खोलकर तेजी से बाहर निकला। उसी दौरान सामने मोर्चा संभाले पुलिस कर्मियों ने बिलैया पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी।
शरीर में गोली धसते ही बिलैया पीछे की ओर मुडा और तेज हो-हो आवाज निकलता हुआ पट गिर पडा था। इनामी बदमाश बिलैया के मारे जाने पर पुलिस महकमें में खुशी प्राप्त हो गई थी। बताया गया की बिलैया साथी अपराधी अनुपम दुबे की मौसी का लड़का था। खुटिया निवासी छुटंकू पंडित ने बिलैया की रेकी कर पुलिस को सटीक सूचना दी थी कि वह करवा चौथ वाले दिन घोड़ी से छिबरामऊ जाएगा। बिलैया के मारे जाने पर उसकी घोड़ी छुटंकू को मिल गई थी जिस पर सवार होकर छुटंकू ने थाने आना-जाना शुरू कर दिया था।
एफबीडी न्यूज के संपादक आनंद भान शाक्य संयोग से मुठभेड़ स्थल पर सहयोगी साथी पत्रकार अनिल तिवारी के साथ मौजूद थे। दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर आनंद भान शाक्य कवरेज करने मौके पर गए थे। राजीव कृष्ण के डीजीपी बनने के बाद उनकी तैनाती स्थलों के बारे में फर्रुखाबाद का उल्लेख नहीं किया है। पत्रकार आनंद भान शाक्य ने चंद्र कम दूरी पर तेज तर्रार एपी राजीव कृष्ण को पिस्तौल से गोली चलाते देखा था। तत्कालीन भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने एसपी को बधाई देकर उनका हौसला बढ़ाया था।