संकिसा स्तूप पर पुजारी ने पंचशील ध्वज छीने

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) विश्व प्रसिद्ध भगवान बुद्ध के संकिसा स्थित स्तूप पर पुजारी द्वारा पंचशील ध्वज धीने जाने पर बौद्ध भिक्षुओं एवं अनुयायियों में रोष व्याप्त हो गया। कोतवाली मोहम्मदाबाद के ग्राम जाजपुर बंजारा के दर्जनों ग्रामीण बौध कथा के समापन पर ट्रैक्टरों में सवार होकर आज सायं संकिसा बौद्ध स्तूप पहुंचे। जिन्होंने पंचशील ध्वज लहराते हुए स्तूप की परिक्रमा कर पूजन किया। ग्रामीण पूजन करने के लिए ढर्राशादी नगर निवासी भंते शील प्रिय को बुलाकर ले गए थे।

बौद्ध अनुयाइयों ने स्तूप परिक्रमा के दौरान भगवान बुद्ध की जय हो, बौद्ध धर्म की क्या पहचान, मानव मानव एक समान। सावित्रीबाई फुले की जय हो के जोरदार नारे लगाए। कई उत्साही युवक हाथों में पंचशील ध्वज लेकर स्तूप के ऊपर चढ़ गए। उसी समय सनातन धर्म के पुजारी कुलदीप गिरी ने युवकों से पंचशील ध्वज छीन लिए। पंचशील ध्वज छीने जाने का विरोध किया तो पुजारी कुलदीप गिरी ने 100 नंबर पर सूचना देकर पुलिस बुला ली। पुलिस ने पंचशील ध्वज लेकर स्तूप पर आने का विरोध किया।

इसी दौरान पुलिस जाजपुर बंजारा निवासी युवक अंशुल शाक्य को पड़कर थाने ले गई। सूचना मिलने पर मेरापुर थाना अध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी एवं भंते चेतसिक बोधी स्तूप परिसर के बाहर गेट पर पहुंचे। पुलिस ने घटना के बारे में पूछ-ताछ की और वहां खड़े ट्रैक्टरों को हटवा दिया। भंते चेतसिक बोधी ने पकड़े गए युवक की पैरवी करते हुए थानाध्यक्ष से कहा कि स्तूप की परिक्रमा करते समय लड़का हाथ में पंचशील ध्वज पकड़े था। उसे नहीं मालूम था कि स्तूप पर पंचशील ध्वज लेकर जाना माना है।

मामूली गलती के लिए उसे क्या फांसी पर चढ़ाया जाएगा। यह सुनते ही थानाध्यक्ष का पारा गर्म हो गया। थानाध्यक्ष ने भंते चेतसिक बोधी पर साजिशन पंचशील ध्वज स्तूप पर जाने का आरोप लगा दिया। इसी बात को लेकर भंते चेतसिक बोधी की थानाध्यक्ष से कहा सुनी हुई। भंते शील प्रिय ने एफबीडी न्यूज को बताया की पुजारी कुलदीप गिरी ने पंचशील ध्वज छीन लिए थे और बाद में छीने गए पंचशील ध्वज वापस कर दिए थे।

संकिसा स्थित धम्मालोको बुद्ध विहार सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष कर्मवीर शाक्य ने बताया की विधायक सुशील शाक्य ने सिफारिश करके पकड़े गए युवक को छुड़वा दिया है युवक को उसके पिता सुखदेव शाक्य थाने से ले गए। मालूम हो कि संकिसा निवासी पुजारी कुलदीप गिरी विसारी देवी मंदिर का चढ़ावा लेने के लिए रोजाना स्तूप पर जाता है। वह दिन में स्तूप के नीचे बैठता है और जब श्रद्धालु मंदिर में जाते हैं तो वह चढ़ावा लेने के लिए स्तूप पर चला जाता है। मौका मिलने पर कुलदीप गिरी वहां मौजूद रहने वाले भिक्षुओं के साथ देशी व विदेशी पर्यटकों से मुद्राये हासिल कर लेता है।

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