फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) सूबे के पर्यटन मंत्रालय ने भगवान बुद्ध की नगरी संकिसा के पांच बुद्ध विहारों के विकास के लिए 09 करोड से अधिक की धनराशि मंजूर की हैं। एक करोड़ से अधिक की लागत से संकिसा स्थित श्रीलंका बुद्ध विहार, धम्मालोको विहार, महासमता पुस्तकालय एवं बुद्ध विहार, म्यांमार बुद्ध बिहार एवं जापानी बुद्ध विहार शामिल है।
पर्यटन विभाग, कार्यदायी संस्था एवं बुद्ध विहार के प्रमुखों की ओर से अनुबंध पत्र तैयार कराये जा रहे हैं। धम्मालोंको बुद्ध विहार के अध्यक्ष कर्मवीर शाक्य एवं महासमता पुस्तकालय एवं बुद्ध विहार के प्रमुख चेतसिक बोधी ने अनुबंध पत्रों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। विभाग ने अनुबंध पत्र तैयार करने के लिए जेई निशांत शर्मा को लगाया है।
उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय लखनऊ, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी फर्रुखाबाद
प्रथम पक्ष
कार्यदायी संस्था का नाम परियोजना प्रबन्धक उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम
द्वितीय पक्ष
तृतीय पक्ष की ओर से कमवीर शाक्य पदमान अध्यक्ष संस्था का नाम धम्मा लोको बुद्ध विहार संकिसा जनपद फर्रुखाबाद को अधिकृत किया गया है।

तीनों पक्ष निम्नलिखित शर्तों के अधीन उक्त अनुबंध का निष्पादन कर रहे है।
1- यह कि प्रथम पक्ष द्वारा द्वितीय पक्ष की कार्यदायी संस्था के माध्यम से तृतीय पक्ष की सम्पत्ति/भूमि पर निम्न कार्य कराए जानें प्रस्तावित है।
क. फसाड लाइट्स
ख फ्लड फसाड लाइट्स
ग. सोलर लाइट्स 6 नग
घ. सी.सी. बैंव 8 नग
ड. सीमेन्ट पोवर पॉट 10 नग
पेन्टिंग व स्कल्पचर का कार्य
च. टॉयलेट ब्लॉक
छ. आर. ओ ड्रिंकिंगवाटर सुविधा
ज. डस्टबिन सुविधा 6 नग
2- यह कि उपरोक्त कार्य करने में उत्तर प्रदेश पर्यटन निदेशालय (प्रथम पक्ष) द्वारा कुल धनराशि अंकन रूपये 113.03 लाख व्यय की जाएगी।
क- कार्यदायी संस्था (द्वितीय पक्ष) द्वारा बिंदु संख्या क से ज तक के कार्य को स्वयं अथवा चयनित ठेकेदार के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा।
ख-कार्यदायी संस्था (द्वितीय पक्ष) द्वारा पर्यटन विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार (प्रथम पक्ष) को कार्य गुणवत्तापूर्ण होने के पश्चात सभी आवश्यक अभिलेखों यथा इन्वेंटरी, संबंधित विभागों से प्राप्त की गई अनुमति, अनापत्तियों, मैकेनिक एवं इलेक्ट्रिकल उपकरणों की वारंटी / गारंटी प्रपत्रों एवं सर्टिफिकेट के साथ हस्तांतरित किया जाएगा।
ग- कार्यदायी संस्था (द्वितीय पक्ष) द्वारा परियोजना पूर्ण होने तथा हस्तांतरित होने के पश्चात पर्यटन विभाग, वित्त विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा समय-समय पर जारी नियमों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड तक परियोजना के अंतर्गत निर्मित सुविधाओं का रख-रखाव किया जाएगा।
घ- संचालन एवं रख-रखाव करने वाली संस्था (तृतीय पक्ष) को पर्यटन विभाग (प्रथम पक्ष) द्वारा कार्यदायी संस्था (द्वितीय पक्ष) से प्राप्त सभी अभिलेखों वारंटी / गारंटी, प्रमाण पत्रों सहित हस्तांतरण किया जाएगा।
ड- संचालन एवं रख-रखाव करने वाली संस्था (तृतीय पक्ष) द्वारा पर्यटन विभाग (प्रथम पक्ष) से परियोजना अंतर्गत बिन्दु संख्या 1 क सेज तक निर्मित भवनों से सृजित परिसंपत्तियों तथा अन्य सौन्दर्याकरण कार्यों का हस्तांतरण प्राप्त किया जाएगा तथा उसका संचालन एवं रखरखाव किया जाएगा।
प्रो. के नाम से बैंक या पोस्ट ऑफिस में
संचालन एवं रख-रखाव करने वाली संस्था (तृतीय पक्ष) के नाम से बैंक या पोस्ट ऑफिस में पृथक से खाता खुलवाया जाना अनिवार्य होगा।
छ-संचालन एवं रख-रखाव करने वाली संस्था (तृतीय पक्ष) द्वारा परियोजना के अंतर्गत निर्मित भवनों एवं परिसंपत्तियों की विधि संवत मूल उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रयोग किया जा सकेगा। उक्त के अतिरिक्त तृतीय पक्ष द्वारा उक्त निर्मित भवनों एवं परिसंपत्तियों को निजी व्यक्तियों को उनके निजी कार्यक्रमों, सार्वजनिक कार्यक्रमों को कराने जानें हेतु किराए के आधार पर दिए जाने के अनुमन्यता होगी।
ज-परियोजना के अंतर्गत निर्मित भवनों एवं सृजित परिसंपत्तियों के रख-रखाव का दायित्व तृतीय पक्ष का होगा। संचालन एवं रख-रखाव करने वाले वाली संस्था (तृतीय पक्ष) के द्वारा परियोजना के अंतर्गत निर्मित भवनों एवं सृजित परिसंपत्तियों से जो आय प्राप्त होगी उसे पृथक बैंक खाते में रखा जाएगा तथा प्राप्त आय से निर्मित भवनों की संपत्तियों के रख-रखाव हेतु चौकीदार, सफाईकर्मी, माली आदि रखे जाएंगे तथा उनके मासिक पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा।
झ-अनुबंध हेतु स्टांप आदि पर व्यय तृतीय पक्ष को वहन करना होगा। यदि स्टांप की धनराशि में कोई कमी पाई जाती है तो उसकी भरपाई के लिए उत्तरदायित्व तृतीय पक्ष का होगा।
ट- प्रथम पांच, द्वितीय पक्ष एवं तृतीय पक्ष में विवाद होने पर न्याय क्षेत्र लखनऊ होगा।
पर्यटन विभाग के जूनियर इंजीनियर निशांत शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि संकिसा के पांच बुद्ध विहारों में विकास कार्य कराये जाने के लिए 9 करोड से अधिक का एस्टीमेट बना है। सभी बुद्ध विहारों का अनुबंध हो जाने के बाद निर्माण कार्य के लिए टेंडर कराए जाएंगे। सभी कार्य इसी वर्ष पूरे किए जाएंगे।












