फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने आवास में तोड़फोड़ कर अस्पताल में हंगामा मचाने वाले पत्रकारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। सीएमएस ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उसकी कॉपी पुलिस अधीक्षक एवं नगर मजिस्टेट को भेजकर अपनी पीड़ा से अवगत कराया है।

सीएमएस की ओर से दर्ज रिपोर्ट में अधिकारियों को अवगत कराया गया है कि 17 जून को विदेह कुमारी, आमोद तिवारी, अंसुल राणा, अभय सिंह आदि समूह में कार्यालय में आये तथा मोबाइल से वीडियो बनाते हुए कार्यालय में आकर दवाब बनाकर पुनः आवास आबंटन कराया। जिसको अद्योहस्ताक्षरी द्वारा दिनांक 18 जून को निरस्त किया गया। यह लोग अस्पताल में उपचारिका के साथ उसके आवास पर रहते है। 18 जून को लगभग प्रातः 10 बजे ओपीडी में अद्योहस्ताक्षरी के कक्ष संख्या 12 में विदेह कुमारी के साथ धमकाने व डराने के उद्देश्य से आये।
विदेह कुमारी के द्वारा गले में फंदा लगाते हुए आत्महत्या किये जाने की धमकी दी गई। उनके साथ आये पत्रकारों ने उनको रोकने/ बचाने की जगह उकसाया। एवं वीडियो भी बनाया। जिसका सीसीटीवी साक्ष्य संलग्न है। इसी दौरान अस्पताल परिसर में सीनियर नेत्र परीक्षण अधिकारी के द्वारा मकान का आग्रह किया तो फिर उसी आवास को सीनियर नेत्र परीक्षण अधिकारी को एलाट कर दिया गया। जिसके बाद पुनः यह सभी लोग कार्यालय में आकर धमकी दे रहे हैं। जिसका सीसीटीवी संलग्न है।
लोहिया अस्पताल परिसर में 16 जून की सायं को मेरे आवास का का घेराव कर तोड़-फोड़ एवं मुझ पर हमले का भी प्रयास किया गया। तत्पश्चात यह लोग इमरजेन्सी गये एवं इमरजेन्सी सेवाओं को बाधित किया। ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से अभद्रता की। जिसमें इस संगठित समूह के लोगों ने भड़काने का प्रयास किया। एक दर्जन से अधिक असामाजिक तत्वों को बुलाकर बबाल कराने की कोशिश की और मेरे पद की छवि को धूमिल करने का भी प्रयास किया गया। इसी दौरान मेरे द्वारा थानाध्यक्ष आमोद सिंह को तत्काल फोन कर बुलाया गया।
जिन्होंने तत्काल पर्याप्त पुलिस बल के साथ पहुंचकर इमरजेन्सी सेवाओं को चालू कराया तथा स्थिति को नियंत्रण में किया। इसके साक्ष्य एवं वीडियो संलग्न किये जा रहे है, जिसमें कि उक्त चारों पत्रकारों को देखा जा सकता है, जो माहौल को भड़का रहे थे। आज 20 जून को अद्योहस्ताक्षरी के कार्यालय में चार पत्रकार समूह में आये, जिस पर अद्योहस्ताक्षरी ने आपत्ति की। किन्तु उन पर कोई प्रभाव नही पड़ा, उसी समय नगर मजिस्ट्रेट से भी फोन पर बात हुई। उनको भी इस बात से अवगत कराया गया, तथा आपके संज्ञान में लाने हेतु उनसे वार्ता भी हुई। उसके उपरान्त सभी पत्रकारों से तीखी वार्ता भी हुई, उसके बाद वह लोग चले गये।












