फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) भारतीय किसान यूनियन टिकैट गुट ने लिंक एक्सप्रेस वे का विरोध कर सुझाव भी दिए हैं। यूनियन के सैंकड़ों कार्यकर्ता जोरदारी से नारेबाजी करते हुए जिला मुख्यालय पहुंचे। वहां संगठन के लोगों ने किसानों ने किसानों की समस्याओं को लेकर विशाल महापंचायत की। पंचायत में कहा गया कि फर्रुखाबाद में लिंक एक्सप्रेसवे बनाने के लिए जिला प्रशासन इस समय नाप जोख करा रहा है जिससे किसानों की धड़कने तेज हो गई है।
क्योंकि आज जमीनों की कीमत आसमान छू रही है और जिला प्रशासन की तरफ से जो सर्किल रेट है वह बहुत कम है। जिससे किसान अपनी जमीनें किसी भी कीमत पर सरकार को देने के लिए तैयार नहीं है। प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद सिंह शाक्य ने कहा कि फर्रुखाबाद का किसान पहले से ही बिजली खाद,की महंगाई और आलू की सुस्त कीमतों से परेशान है और ऊपर से लिंक एक्सप्रेसवे ने किसान की धड़कने बढ़ा दी है। कानपुर मंडल उपाध्यक्ष लक्ष्मी शंकर जोशी ने कहा कि हम लिंक एक्सप्रेसवे किसी भी कीमत पर नहीं बनने देंगे।
जिला अध्यक्ष अजय कटियार ने कहा कि लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने का कोई महत्व ही नहीं है क्योंकि जहां से लिंक एक्सप्रेसवे निकला जा रहा और हरदोई जिले के कौंसिया में जोड़ा जाएगा। तो वहीं से हमारे जनपद में नेशनल हाईवे 730 C पहले से ही जनपद में मौजूद है इसी हाइवे को सिक्स लेन में तब्दील करके किसानों की जमीनों को बचाया जा सकता है। क्यों कि लिंक एक्सप्रेसवे और राष्ट्री हाइवे 730 सी समानांतर ही है इसलिए इस एक्सप्रेसवे का कोई महत्व नहीं है। इस एक्सप्रेसवे के बहाने सरकार किसानों की जमीनों को एक्सप्रेसवे कट के बहाने अपने सरकारी दोस्तो को देना चाहती है।
अगर ऐसा नहीं है तो फिर जो कट बनाए जाएंगे उन कटो को घुमावदार क्यों बनाया जाएगा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि जिले में खाद की कमी और जिले के बिजली विभाग के अधिकारी उत्तर प्रदेश की सरकार के आदेशानुसार नलकूपों पर बिजली नहीं दे रहे है और इस समय जनपद का आलू किसान अपने आलू के गिरते हुये भाव को लेकर बहुत परेशान है। यही स्थित रही तो जनपद का आलू किसान बर्बाद हो जाएगा आलू किसानों के लिए भी जिले जन प्रतिनिधियों को सोचना चाहिए और उनकी बात को लोक सभा और विधान सभा में आवाज को उठाना चाहिए।
इसी के साथ जनपद की गंगा नदी के किनारे बसे गांव में एक ही फसल ले पाते है उनके लिए बांध बनाना बहुत जरूरी है। जिले के जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट की राजनीति करते है वोट लेने के बाद गांवों की तरफ मुड़कर भी भी देखते। हम कहते है एक बार उन किसानों की तरफ भी लेखों जो साल में सिर्फ एक बार फसल ले पा रहे हैं किसान यूनियन टिकैत उन किसानों के लिए बांध बनवाकर ही रहेंगे।
संगठन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सिटी मजिस्टेट को देखकर देकर अवगत कराया कि जनपद फर्रुखाबाद से लिंक एक्सप्रेस वे होकर गुजर रहा है, जो आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे के चित्रकूट कट से मैनपुरी फर्रुखाबाद होते हुए हरदोई जनपद के रूपापुर के कौशिया में गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाना है। जिसको लेकर किसानों की जमीन अधिग्रहीत करने की कार्रवाई चल रही है। उक्त कार्रवाई के सापेक्ष आपको अवगत कराना है कि जनपद फर्रुखाबाद का किसान लिंक एक्सप्रेसवे का विरोध कर रहा है और लिंक एक्सप्रेस वे में अपनी जमीन नहीं देना चाहता है। निम्न बिंदु किसानों द्वारा मांग पत्र में उल्लिखित किए जा रहे हैं।
1- किसानों का मत है कि उक्त लिंक एक्सप्रेस वे की आवश्यकता फर्रुखाबाद को नहीं है क्योंकि लिंक एक्सप्रेस वे के समानांतर राष्ट्रीय राज्य मार्ग नम्बर 730c जो लिपुलेख मार्ग के रूप में जाना जाता है जो महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, और नेपाल को जोड़ता है। उक्त मार्ग को यदि वेबर से जलालाबाद तक 4 या 6 लेने कर दिया जाये तब भी फर्रुखाबाद का जनमानस उक्त मार्ग से होता हुआ आगरा लखनऊ एवं गंगा एक्सप्रेस वे पर सुगमता से जा सकेगा। इसलिए मांग है कि लिंक एक्सप्रेस वे फर्रुखाबाद में न बनाया जाए।
2- वर्तमान समय में जो अमृतपुर एवं सदर तहसील के अंतर्गत जो ज़मीनें किसानो की अधिग्रहीत की जा रही है। उनका सर्किल रेट बेहद कम है। यदि सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा किसानों को दिया जाएगा तो भी किसानों का भला होने वाला नहीं है। सर्किल रेट का निर्धारण किसानों को साथ बैठाकर तय किया जाए। विदित है कि काफी समय से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ा है।
3- उक्त एक्सप्रेसवे के पूर्व में दो सर्वे हुए थे पहला सर्वे जो हुआ था उक्त सर्वे में गांव से दूर हटकर नाप की गई थी लेकिन वर्तमान में गांव से सटाकर लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमावली के विरुद्ध है। सर्वे जो गांव से दूर हटाकर किया गया था उसी को क्रियान्वित कराया जाए।
4- उक्त लिंक एक्सप्रेस-वे में तीन कट दिए जा रहे हैं पहला नीम करोली के आसपास दूसरा बरौन के पास और तीसरा गांधी गांव के निबिया चौराहे के पास में दिया जा रहा है। उक्त तीनों काटों पर जो चढ़ने और उतरने के मार्ग बनाए जाएंगे वह काफी लंबी दूरी से घुमाकर बनाए जाएंगे। उनके बीच में जो किसानों की जमीन आ रही है उसको भी सरकार द्वारा अधिग्रहित करने की योजना है जो नितांत गलत है। हमारी मांग है कि जिस तरह से आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर रोड के समानांतर ही चढ़ने और उतरने के लिए मार्ग बनाया गया है इस तरह से इस लिंक एक्सप्रेसवे पर भी कट पर मार्ग बनाने चाहिए। जिससे कम से कम जमीन किसानों की ली जाए। नक्से में संशोधन करने की आवश्यकता है।
आंदोलन में किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविन्द शाक्य मंडल उपाध्यक्ष लक्ष्मीशंकर जोशी
जिलाध्यक्ष अजय कटियार,मीडिया प्रभारी अभय यादव जिला संरक्षक छविनाथ शाक्य,कृष्ण गोपाल मिश्रा ब्रजेश गंगवार संजीव सिंह सोमवंशी अभय यादव,सुशील कुमार दीक्षित, बिजनेस यादव,पुजारी कटियार गुड्डू यादव,संजीव यादव राजेश गंगवार,संजीव मिश्रा अरविंद गंगवार सोनू सोमवंशी,कश्मीर गंगवार,शिवराम शाक्य टिंकू यादव सतीश कठेरिया,पवन जोशी, अनिकेश गंगवार,बबलू खटीक,संजय सिंह,दिनेश सिंह अनुराग गंगवार सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।