तथागत बुद्ध की मूर्ति पुलिस सुरक्षा में

फर्रुखाबाद।(एफबीडी न्यूज़) कंम्पिल थाना क्षेत्र की खुदाई में निकली भगवान बुद्ध की मूर्ति अब थाने के मालखाने में बंद हो गई है। प्रमुख बौद्ध अनुयाई कर्मवीर शाक्य ने बताया कि उन्होंने कायमगंज नगर भ्रमण के दौरान पुलिस अधीक्षक को खुदाई में निकली भगवान बुद्ध की मूर्ति को पुलिस के कब्जे में लिए जाने को कहा था। कंम्पिल थानाध्यक्ष बीती शाम पुलिस कर्मियों के साथ ग्राम दूदेमई में गए। पुलिस कर्मी बुद्ध की मूर्ति को कपड़े में बंधवाकर थाने ले गए।

कंम्पिल थानाध्यक्ष कपिल कुमार ने बताया की मूर्ति पुलिस के कब्जे में है मूर्ति को सुरक्षित माल खाने में रखवाया गया है उन्होंने बताया कि मूर्ति की जांच पड़ताल के लिए पुरातत्व विभाग को सूचना भेजी गई है। बुद्ध की मूर्ति होने की बात पूछें जाने पर थानाध्यक्ष कंम्पिल कुमार ने बताया की बुद्ध की मूर्ति कहने में जल्दबाजी होगी। जब थानाध्यक्ष से मूर्ति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह मूर्ति जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की है।

कंपिल के बौद्धाचार्य कैलाश चंद्र शाक्य आदि बुद्ध अनुयाइयों ने दावा किया है की मूर्ति तथागत बुद्ध की ही है। जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल की गई है सभी का मानना है कि यह मूर्ति भगवान बुद्ध की है। कायमगंज क्षेत्र में इससे पूर्व कई स्थानों पर बुद्ध की प्राचीन प्रतिमाएं निकली है। लोगों का मानना है कि थाना अध्यक्ष ने कंम्पिल के पुखराज डागा के कहने पर मूर्ति को जैन धर्म की बताकर बौद्ध अनुयायियों को भ्रमित कर दिया है। पुरातत्व विभाग की जांच में साबित हो जाएगा कि मूर्ति किसकी है। तथागत की मूर्ति कंम्पिल क्षेत्र की खुदाई में निकली थी।

मालूम हो की जिला कोषागार के डबल लाक में भगवान बुद्ध की अष्टधात की मूर्ति बीते कई दशकों से रखी है। मेरापुर थाना पुलिस ने बेस कीमती मूर्ति को संकिसा बिसारी देवी के पुजारी गिरी से बरामद की थी। कोई विदेशी पर्यटक गिरी को बौद्ध भिक्षु समझ कर तथागत की वेश कीमती मूर्ति को भेंट कर गया था। लालची गिरी बुद्ध की मूर्ति को अपने घर ले गया था उसने मूर्ति का कुछ निचला हिस्सा काटकर बेचने का प्रयास किया था तभी इस मामले का भंडाफोड़ हुआ था।

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