फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) कमालगंज थाना पुलिस ने अदालत के आदेश पर कोतवाली मोहम्मदाबाद के ग्राम सुल्तान नगर निवासी जय सिंह की पत्नी श्रीमती मीना देवी की रिपोर्ट दर्ज की है। जिसमें कृष्ण कुमार, ब्रम्हस्वरुप एडवोकेट पुत्रगण राधेलाल निवासीगण ग्राम कुन्दन नगला, थाना- कमालगंज को आरोपी बनाया गया। रिपोर्ट में मीना देवी ने कहा है कि कृष्ण कुमार व उनके भाई ब्रम्हस्वरूप एडवोकेट ने स्वयं सोनकली पत्नी छोटेलाल व कोकिला पत्नी रामलाल निवासी ग्राम कुन्दन नगला व ग्राम प्रधान श्रीमती शकुंतला देवी के लेटर पैड पर दोनों लोगों ने जालसाजी से स्वयं मृत्यु प्रमाण पत्र लिखकर उस पर ग्राम प्रधान की फर्जी मोहर बनवाकर प्रमाण पत्र पर लगा ली।
ग्राम प्रधान शकुंतला देवी के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र से मनगढन्त कहानी बनाकर 29.03.2024 को न्यायालय प्रार्थिनी के पति जय सिह व उमेश तथा देवर देवजीत के विरुद्ध वाद प्रस्तुत किया। वादी बृम्हस्वरूप एडवोकेट एवं कृष्ण कुमार ने जालसाजी कर न्यायालय को भी धोखे में रखा है। इस बात की जानकारी तब हुई जब प्रार्थिनी के पति जय सिंह, देवर देवजीत पुत्र मुनेश को थाना पुलिस जब पकड़ कर ले गई और जेल भेज दिया। तब प्रार्थिनी ग्राम प्रधान के पास गयी। उनसे ग्राम प्रधान शकुतला देवी से सोनकली पत्नी छोटेलाल व कोकिला देवी पत्नी रामलाल का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की बात पूंछी। ग्राम प्रधान श्रीमती शकुंतला देवी ने कहा कि मैंने सोनकली पत्नी छोटेलाल व कोकिला पत्नी रामलाल का मृत्यु प्रमाण पत्र कभी नहीं बनाया है और न ही मेरे हस्ताक्षर हैं।
कृष्ण कुमार व बृम्हस्वरूप द्वारा मेरे पद का फर्जी दुरूपयोग किया गया है। विवेचक द्वारा सीडी पर्चा नं0-18 में जब ग्राम प्रधान श्रीमती शकुंतला देवी का ब्यान लिया गया, तब ग्राम प्रधान ने विवेचक को बताया कन्हैयालाल का जो मृत्यु प्रमाण पत्र मुकदमे में लगाया गया है, वह मेरे द्वारा जारी नहीं किया गया है और न ही उस पर मेरे हस्ताक्षर हैं। इन लोगों ने फर्जी मोहर बनवाकर मेरे लेटर पैड पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर मेरे हस्ताक्षर फर्जी बनाये हैं। जिसके सम्बन्ध में इनके विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिये जिसके सम्बन्ध में मैंने अपने लेटर पैड पर लिखित शिकायत थाने पर की थी। परन्तु आज तक कृष्ण कुमार व बृम्हस्वरूप के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की हुई है। बृम्हस्वरूप कानून के ज्ञाता होते हुये भी जानबूझकर फोरजरी की है और न्यायालय को धोखा दिया है।












