स्तूप से मूर्तियां हटाने वालों पर केस दर्ज: संकिसा बौद्ध स्तूप

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) मां बिसारी देवी सेवा समिति की ओर से संकिसा बौद्ध स्तूप के ऊपर से मूर्तियां हटाने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। मां बिसारी देवी सेवा समिति के अध्यक्ष, संकिसा निवासी अतुल दीक्षित ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।
श्री दीक्षित ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा है कि प्रार्थी सनातन धर्म का अनुयायी है आज 14-12-2025 को अन्य धर्म के अनुयायियों द्वारा संकिसा विसारी देवी मंदिर के टीले के ऊपर नीम के पेड़ के नीचे रखी हिन्दू धर्म की देवी देवताओं गणेश जी आदि की विसर्जित मूर्तिया रखी थी। उन्हे हटा दिया गया, उक्त वृक्ष के नीचे हम लोग काफी समय से विसर्जित मूर्तियां रखते आये है। जिन्हें हटाये जाने से हम सनातन धर्मियों की भावनाओ को ठेस पहुंची है एवं हमारे धर्म का अपमान हुआ है।

मूर्तियां हटाने वालों के विरूद्ध उचित कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें। थाना पुलिस ने अपराध संख्या 178/ 25 बीएनएस की धारा 299 के तहत बीती मध्य रात रिपोर्ट दर्ज की है। मुकदमें की जांच उप निरीक्षक योगेंद्र सिंह को सौंपी गई है। पुलिस महकमें में चर्चा व्याप्त है कि किसी भी समय बौद्ध स्तूप पर सुरक्षा की ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों पर लापरवाही की गाज गिर सकती है। उनको निलंबित भी किया जा सकता है। बताया गया की स्तूप पर ड्यूटी के लिए पांच पुलिसकर्मियों को लगाया गया था जिन में दो सब इंस्पेक्टर एक महिला सिपाही व 2 सिपाही है। बीते दिन स्तूप पर दरोगा महेंद्र प्रताप सिंह को ड्यूटी करते देखा गया था। इस घटनाकांड में एलआईयू के दरोगा के चौधरी की भी घोर लापरवाही बताई जा रही है। जो अगले माह ही सेवा निवृत होने वाले हैं।

करीब एक दशक से मेरापुर थाना क्षेत्र में ही तैनात दरोगा चौधरी को बुद्ध अनुयायियों एवं सनातन धर्मियों के बीच चल रहे विवाद की पूरी जानकारी है। वह घटना के समय स्तूप के नीचे जाने वाले रास्ते के बाहर मौजूद थे। उन्होंने मौके पर मौजूद थाना प्रभारी राजीव पांडेय एवं क्षेत्राधिकारी को यह जानकारी नही दी कि स्तूप के ऊपर पांच लोगों को ही जाने की इजाजत दी जाती है। जब ऊपर वाले नीचे आ जाते हैं तब अन्य पांच लोगों को ऊपर भेजा जाता है। स्तूप के ऊपर पंचशील ध्वज व केसरिया ध्वज ले जाने पर बीते कई दशकों से प्रतिबंध लगा है। अनेकों नाबालिक भिक्षु एक पंचशील ध्वज को लेकर स्तूप पर चले गए। जिन्होंने स्तूप के ऊपर रखी मूर्तियों को हटाया। थाना प्रभारी निरीक्षक को बीते 3 दिन पूर्व ही तैनात किया गया है उनको स्तूप के विवाद की कोई जानकारी नहीं थी।

थाना प्रभारी व सीओ स्तूप के नीचे भिक्षुओं के पूजन कार्यक्रम की निगरानी कर रहे थे। घटना हो जाने के बाद स्तूप पर तैनात पुलिस कर्मियों ने थाना प्रभारी को घटना की जानकारी दी। ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी यदि सतर्क रहते तो यह घटना नहीं हो पाती। स्तूप के नीचे पुलिस लाइन की गारद कई दशकों से तैनात है। जो केवल ड्यूटी करने की औपचारिकता निभाते हैं स्तूप परिसर में से पूर्व में कई घटनाएं हो चुकी है लेकिन उन्होंने कभी किसी को वारदात करने से नहीं रोका।

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