किसान नेताओं की पोल खुली : किसान दिवस में नहीं गए

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) किसानों की हमदर्दी का ढोल पीट कर प्रशासन पर रुतबा जमाने वाले किसान नेता आज महत्वपूर्ण किसान दिवस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। जिसके कारण कुर्सियां खाली रही, किसानों से ज्यादा प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। आज बुधवार को विकास भवन के सभागार में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें श्याम कुमार तिवारी, जिला विकास अधिकारी, कपिल कुमार, परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, डा० धीरज कुमार शर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सुशील कुमार, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत, राघवेन्द्र सिंह जिला उद्यान अधिकारी, अजय पालीवाल, सहायक निबन्धक सहकारी समितियाँ।

विनोद कुमार अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद, सतीश कुमार जिला कृषि रक्षा अधिकारी, शिव शंकर अधिशाषी अभियन्ता विद्युत कायमगंज, शिवाशु बाजपेयी, सहायक अभियन्ता सिचाई, शिव नरेश, वरिष्ठ गन्ना निरीक्षक, प्रदीप कुमार यादव. वरिष्ठ क्षेत्र प्रबन्धक इफकों, पुरूषोत्तम दास अपर खाद्य एवं विपणन अधिकारी, विपिन कुमार, लघु सिचाई, सुलभ अग्रवाल एफ०एल०सी० अग्रणी जिला प्रबन्धक, मधुसूदन श्रीवास्तव क्षेत्रीय प्रबन्धक यू०पी०ग्रामीण बैंक, नितिन वर्मा, सहायक अभियन्ता जल निगम ग्रामीण, नारद राना मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य, विनोद कुमार सहायक अभियन्ता पी०डब्ल्यू०डी०. सत्य नरायण सिंह प्रतिनिधि जिला पंचायत राज अधिकारी, सत्येन्द्र कुमार यादव, अपर जिला कृषि अधिकारी, भानू तिवारी, जिला समन्वयक फसल बीमा योजना, डा० महेन्द्र प्रसाद वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र व अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थिति रहे।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा किसान दिवस में आये कृषक बन्धुओं का अभिवादन किया एवं पिछले किसान दिवस में आई शिकायतों के निस्तारण से सम्बन्धित कृषक बन्धुओं को अवगत कराया। जनपद को कुल 218 ग्राम पंचायत स्तरीय रबी गोष्ठी व किसान पाठशाला संचालित करने का लक्ष्य निदेशालय से प्राप्त हुआ है। जो कि 12.12.25 से लेकर 29.12.25 तक रोस्टर के अनुसार संचालित की जा रही है। जिसमें कृषि विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारी, उद्यान विभाग, गन्ना विभा, एवं पशुपालन आदि विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सहयोग किया जा रहा है। कृषक बन्धुओं के लिये कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा सहयोग किया जा रहा है। कृषक बन्धुओं के लिये कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एन०पी०एस०एस० (नेशनल पेस्ट सर्विलान्स सिस्टम) विकसित किया गया है।

जिससे कृषक फसल का फोटो खीच कर एवं उसे अपलोड करके उसमें लगे कीट एवं रोग का निदान, प्रबन्धन के बारे में पता कर सकते है। जिन किसानों की फार्मर रजिस्ट्री नही हो पायी है। ऐसे कृषक कृषि विभाग लकूला अथवा अपने नजदीकी जन सेवा केन्द्र पर आधार, आधार लिंक मोबाइल नम्बर एवं सत्यापित खतौनी लेकर फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूर्ण करा लें। जिससे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त होता रहे।

जिला उद्यान अधिकारी द्वारा कृषकों को मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, ग्रीन हाउस, पॉली हाउस बनवाने हेतु कृषकों को विभाग में आवेदन दिये जाने से सम्बन्धित जानकारी दी गयी। जिससे अधिक से अधिक कृषकों को विभाग की योजनाओ का लाभ प्राप्त हो सकें। किसान यूनियन के पदाधिकारी रामबहादुर राजपूत द्वारा बताया गया कि माघ मेला में पंचाल घाट, ढाई घाट पर लगने वाले मेलों में लाखों की सख्या में श्रद्धालू एवं दर्शक आते है उनके आने-जाने हेतु रास्तों की उचित व्यवस्था कराई जायें। डॉ० प्रेमचन्द्र सक्सेना द्वारा बताया गया कि विद्युत विभाग में विद्युत बिलों के भुगतान पर छूट प्राप्त करने हेतु कृषक जब कार्यालयों में जाते है तो उनके साथ अच्छा व्यवहार नही किया जाता है एवं रोस्टर के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की सप्लाई नही हो रही है जिससे फसलों की सिंचाई करने में समस्या उत्पन्न हो रही है।

उक्त के सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी ने किसान दिवस में उपस्थित सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया कि किसी भी विभाग में कोई भी कृषक आते है तो उनके साथ शालीनता एवं प्रेम पूर्वक वार्ता कर उनकी समस्या का न्यायोचित समाधान किया जाना चाहिये। यदि किसी भी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी के द्वारा उनके साथ अभद्रता संज्ञान में आने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। यह जानकारी जिला सूचना अधिकारी ओमवीर सिंह ने मीडिया को दी है। ग्राम मिल्किया निवासी मजदूर किसान यूनियन के राम बहादुर राजपूत ने एफबीडी न्यूज को बताया कि उनके साथ जिला अध्यक्ष डॉ प्रेमचंद सक्सेना, जिला उपाध्यक्ष अहिलकार लोधे राजपूत, राधेश्याम कुशवाहा, महेश बाबू, नन्हेंलाल आज करीब एक दर्जन लोग गए थे हरनाम सिंह गुट के जिलाध्यक्ष राममोहन दीक्षित, किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुमार दुबे आदि लोग गए थे। किसानों की कमी के कारण पीछे की कुर्सियां खाली रही। श्री राजपूत ने बताया कि मैंने यूरिया खाद की खरीदारी के दौरान अन्य अन्य की जबरन बोरी दिए जाने की शिकायत की, दूसरी बोरी के कारण 267 रुपए वाली यूरिया खाद की बोरी 500 में पड़ती है। छोटे किसान एक यूरिया की बोरी खरीदने में असमर्थ रहते हैं। उन्होंने बताया की बैठक खत्म होने के अंत में मैंने आवारा जानवरों की भी समस्या उठाई थी।

error: Content is protected !!