फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) संकिसा निवासी आशुतोष दीक्षित उर्फ आसू ने मां विषारी देवी सेवा समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा नेता अतुल दीक्षित पर बवाल करवाने का गंभीर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग पुलिस अधीक्षक से की है। आशु दीक्षित ने पुलिस अधीक्षक एवं मेरापुर थानाध्यक्ष को दिये गए शिकायती पत्र में संकिसा निवासी अतुल दीक्षित के फर्जीवाड़े की जानकारी देते हुए रिपोर्ट दर्ज किया जाने की गुहार लगाई है।
आंसू ने एफबीडी न्यूज को बताया के कि मेरे स्वर्गीय पिता आलोक मिश्रा पूर्व प्रधान ने विषारी देवी सेवा समिति संस्था का गठन किया था। पिता का देहांत हो जाने के कारण मैंने 2 वर्ष पूर्व इसी संस्था का कानपुर से रजिस्ट्रेशन कराया है। संस्था में मैं अध्यक्ष एवं संकिसा निवासी अनमोल दीक्षित उपाध्यक्ष मेरापुर निवासी स्वर्गीय सुधीर मिश्रा की पत्नी श्रीमती किरण मिश्रा कोषाध्यक्ष आदि लोग पदाधिकारी है।
समाचार पत्रों की खबरों से पता चला कि अतुल दीक्षित विषारी देवी सेवा समिति चला रहे हैं। मैंने कानपुर कार्यालय जाकर जांच पड़ताल की तो पता चला अतुल दीक्षित ने मेरे अनमोल दीक्षित आदि के फर्जी हस्ताक्षर कर समिति का पंजीकरण कराया है। फर्जी हस्ताक्षर करने वाले ने अनमोल के नाम की जगह अमोल दीक्षित लिखा है अनमोल को ही अमोल कहते हैं। अतुल दीक्षित ने किरन मिश्रा के अलावा बाबा बालक दास के भी फर्जी हस्ताक्षर किए हैं अथवा करवाए हैं।
आशू दीक्षित ने आरोप लगाया कि अतुल दीक्षित ने बीते वर्ष संकिसा महोत्सव के दौरान धार्मिक भावनाएं फैलाकर बवाल किया था। और वह इस वर्ष के कार्यक्रम के दौरान दंगा करवा सकते हैं। आशू मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक से मामले की रिपोर्ट दर्ज करवा कर कार्यवाही किए जाने की मांग की है। मालूम हो कि अतुल दीक्षित संकिसा के प्रधान के प्रतिनिधि एवं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष हैं।
बीते वर्ष संकिसा महोत्सव के दौरान बौद्ध अनुयायियों की संकिसा मार्ग एवं स्तूप परिसर के गेट पर जमकर पिटाई की गई थी और जबरदस्त पथराव कर दहशत फैलाई थी। जिसके कारण भाजपा विधायक सुशील शाक्य सहित सैकड़ों बौद्ध अनुयाई स्तूप परिसर में घंटों बंधक रहे थे। अराजक तत्वों पर काबू पाने के लिए घंटों जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को कसरत करनी पड़ी थी।
सनातन धर्मियों को यह कहकर भड़काया गया था कि बौद्ध अनुयायियों ने विषारी देवी का मंदिर गिरा दिया है। उसी दौरान अतुल दीक्षित ने विषारी देवी सेवा समिति के पदाधिकारी की आड़ में प्रशासन पर दबाव बनाकर अवैध रूप से स्तूप पर निर्माण कार्य करवाया था। बवाल में कई लोग घायल हुए थे अतुल दीक्षित एवं संकिसा महोत्सव के आयोजक कर्मवीर शाक्य आदि ने एक दूसरे के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी।पुलिस ने कई लोगों की गिरफ्तारी भी की थी।
अतुल दीक्षित की सफाई
अतुल दीक्षित ने बताया कि विषारी देवी सेवा समिति का रजिस्ट्रेशन विगत कई वर्षों पूर्व से चला आ रहा है। जिसमे में संस्थापक अध्यक्ष हूं एवं उसी समिति में आशुतोष दीक्षित जो मेरे भतीजे हे इनके पास कोषाध्यक्ष का दायित्व है। लेकिन उनकी इच्छा अध्यक्ष बनने की है जिसपर समिति के लोगो की बहुमत के आधार पर सहमति नहीं बन पा रही है। इससे मेरे भतीजे नाराज होकर इस तरह की बयान बाजी कर रहे है।
अगर वह इस समिति में अपने दायित्व पर नही रहना चाहते है तो आज तक अपना इस्तीफा क्यों नही देते है। रही बात विगत वर्ष जो सनातन धर्म के मां विषारी देवी मंदिर पर जो विवाद उत्पन्न हुआ था। वह कुछ बौद्ध अनुयायियों की भीड़ में आए कुछ अराजक तत्वों द्वारा सनातन धर्म के देवी देवताओं की मूर्ति मंदिर से बाहर फेंकी गई थी। जिसे तात्कालिक डीएम व कप्तान साहब द्वारा मंदिर पुनः सही कराया गया था।
बौद्ध धर्म की आड़ में जो अराजक तत्व आए थे जिनके द्वारा हनुमान जी आदि की मूर्तिया फेंकी गई थी। उनपर थाने में एफआईआर दर्ज होकर उनलोगो को जेल भी भेजा गया था। रही बात सनातन धर्मी कभी विवाद न करते है और न चाहते है।
एसपी व डीएम कल करेंगे बैठक
जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा कल 4 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे थाना मेरापुर में बौद्धों एवं सनातनियों से वार्ता कर 8 व 9 अक्टूबर को आयोजित होने वाले संकिसा महोत्सव को शांतिपूर्वक ढंग से निपटाने का प्रयास करेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में अतुल दीक्षित को भी बुलाया गया है। इस बैठक के बारे में संकिसा महोत्सव के आयोजक कर्मवीर शाक्य ने जानकारी दी है।