फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) संकिसा महोत्सव के आयोजक कर्मवीर शाक्य ने आज यहां कहा कि मैं ईश्वर को नहीं मानता। यदि मैं बीमार पड़ जाऊं तो मुलायम सिंह यादव की तरह मेरे लिए दुआ व पूजन मत करना। श्री शाक्य संस्था से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए बताया कि मैंने यहां शुरुआत में पाखंड वादियों से मुकाबला किया। अब लोग बुद्ध की व्याख्या अपने तरीके से करने लगे हैं।
उस समय यहां धम्मा लोको बुध विहार में एक कमरा था। अराजकता के कारण भिक्षु यहां नहीं ठहरते थे। विधायक सुशील शाक्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने यहां जितना विकास कराया है अन्य किसी विधायक ने तो ध्यान तक नहीं दिया। उन्होंने विरोधियों की बखिया उधेड़ ते हुए कहा कि अशोक कुमार मौर्य यहा धंधा करना चाहते थे। जिन्होंने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को बौद्ध महोत्सव का मुख्य अतिथि बनाने को कहा था।
उन्होंने विरोधियों पर हमला करते हुए कि लोग कहते हैं कि मेरे मरने के बाद बेटे राहुल को यहां से मारकर भगा देंगे। मेरे मरने के बाद कोई गाली दे या मारे मुझसे कोई मतलब नहीं। श्री शाक्य ने बताया कि यह विशाल बुद्ध की मूर्ति मेरी पत्नी श्रीमती गीता शाक्य ने अपने धन से बनवाई है। उन्होंने यहां कमरा बनवाने के लिए भी 50 हजार रुपए देने को कहा है।
श्री शाक्य ने सहयोग के लिए विधायक सुशील शाक्य से अपना वेतन देने की फरमाइश की। औरैया के विधायक विनय शाक्य की पुत्री रिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैंने विनय शाक्य को संकिसा मुक्ति संघर्ष समिति का महासचिव सचिव बनाया था। उन्होंने बुध विहार के निर्माण के लिए 1. 36 लाख ईटें भिजवाई थी। श्री शाक्य ने विधायक ममतेश शाक्य पर अपने अखबार का 50 हजार रुपये हड़प लेने का आरोप लगाया।
खुद्दारी जताते हुए कर्मवीर शाक्य ने बताया कि मैं आज तक किसी के पास रुपया लेने नहीं गया। संख्या महोत्सव की बैठक में पूर्व प्रधानाचार्य सरदार सिंह शाक्य ने बौद्ध धर्म की चर्चा करते हुए कहा कि बुद्ध ने दुख देखा और दुख का निवारण करना भी बताया। कार्यक्रम में बेचेलाल शाक्य ने विचार व्यक्त किए। लोगों ने भगवान बुद्ध एवं सनातन धर्म के बारे में गलत व्याख्या करने वाले वक्ता की आलोचना की और अधिक देर तक खोलने पर भाषण रुकवा दिया।
इस दौरान भाजपा विधायक सुशील शाक्य भाजपा नेत्री सरिता शाक्य अविनाश शाक्य डा0 देवेश शाक्य कुलदीप कठेरिया अभय शाक्य उर्फ बबलू सुधीर कुमार शाक्य के एडवोकेट आदि अनेकों लोग मौजूद रहे। मौसम खराब होने के कारण कार्यक्रम में भीड़ कम थी।