सकुशल निपटा संकिसा बौद्ध महोत्सव: पुलिस के दबाव में नहीं की गई नारेबाजी

फर्रुखाबाद। पुलिस प्रशासन के सख्त रवैये के कारण दशको बाद पहली बार संकिसा बुद्ध महोत्सव शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न हुआ। खौफ के कारण सनातनियों की नारेबाजी करने की हिम्मत नहीं पड़ी। आज सुबह करीब 7 बजे आयोजक कर्मवीर शाक्य ने भगवान बुद्ध की झांकी का फीता काटकर धम्म यात्रा का शुभारंभ किया। इस दौरान भिक्षु संघ के अध्यक्ष डॉ धम्मपाल थेरो में पंचशील ध्वज फहराया।

धम्म यात्रा के शुरू हो जाने के बावजूद पुलिस के अधिकारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे।एक दरोगा ने यह कहकर धम्म यात्रा को रुकवा दिया कि सीओ साहब आ रहे हैं।

थोड़ी देर बाद कायमगंज के सीओ सोहराब आलम ने पहुंचकर धम्म यात्रा चालू करवायी। पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से आगे चलने वाले बौद्ध अनुयायियों को पीछे कर दिया और फुटपाथ खाली रखने की हिदायत दी।

संकिसा गांव को देखकर सीओ व अन्य पुलिसकर्मी काफी सतर्क हो गए। गली के बाहर खड़े लोगों को अंदर जाने को कहा गया। नारेबाजी करने वाले बौद्ध अनुयायियों को हाथ जोड़कर बुद्धम शरणम की बंदना करने को कहा गया। धम्म यात्रा में आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष नीरज प्रताप शाक्य ने काफी खलल डाला।

नीरज ने कई बार नेतृत्व जताने के लिए धम्म यात्रा को रोका और काफी लंबे पंचशील ध्वज को धाम यात्रा के सामने फहराते रहे। जिससे वीडियो बनाने वालों एवं फोटो खींचने वालों काफी परेशानी हुई। एतराज किये जाने पर नीरज ने ध्वज किसी व्यक्ति को थमा दिया। बीते वर्ष बवाल की घटना को देखते हुए बौद्ध समर्थक हमला होने के भयभीत व काफी सतर्क रहें। स्तूप पहुंचने पर बौद्ध अनुयायियों ने स्तूप की तीन बार परिक्रमा की।

थाना पुलिस ने पहली बार स्तूप के ऊपर जाने वाले रास्ते के अलावा स्तूप के चारों ओर बल्लियों से वेरी कटिंग कराई थी बल्लियों के आगे पुलिस फोर्स तैनात था। जिसके कारण बौद्ध अनुयायियों को पूजा में परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां पूजा करने वालों की सुविधा के लिए मैट बिछाने की जिम्मेदारी विनोद यादव पर सौंपी गई थी बहां न तो विनोद यादव थे और न ही मैंट पडी थी।

यह व्यवस्था देखकर आयोजक कर्मवीर शाक्य ने माइक से समर्थकों को बैठ जाने की सलाह दी। बल्लियों के निकट ही पूजा करने के लिए लगाई गई मोमबत्ती जलाई थी। बौद्ध अनुयायियों ने इन मोमबत्तियां को हाथ में ले लिया जगह के अभाव में लोगों को बैठने में काफी असुविधा हुई। डॉ देवेश शाकय गंदगी से बचने के लिए चटाई लेकर गए थे।

भिक्षु धम्मपाल थेरो भिक्षु उपनंद महाथेरो भिक्षु पइया सागर भिक्षु धम्मदीप भिक्षु धम्म रतन भिक्षु गुण सागर भिक्षु चित्तानंद श्रीमती सरिता शाक्य अविनाश शाक्य डॉक्टर देवेश शाक्य रघुवीर शाक्य देवेश शाक्य उर्फ बिल्लू नगेंद्र शाक्य कुलदीप कठेरिया कालीचरण शाक्य आदि ने पूजन शुरू किया।

पूजन शुरू होते ही बरसात होने लगी जिससे अफरातफरी मच गई और जलाई गई मोमबत्तियां भी बुझ गई। पानी से बचने के लिए छाता लगाए गए। भिक्षु डॉ धम्मपाल थेरो भिक्षु उपनंद महाथेरो एवं कर्मवीर शाक्य ने अपने विचार व्यक्त किए। इसी दौरान डॉ धम्मपाल थेरो ने सुझाव दिया कि अभी शाल ओढ़ाकर प्रशासन का स्वागत कर दे। तो कर्मवीर ने यह कहकर स्वागत करने से मना कर दिया कि यह प्रशासन की ड्यूटी है।

अतुल दीक्षित ने नहीं की पूजा

इस बार भी बिषारी देवी सेवा समिति के अध्यक्ष अतुल दीक्षित ने पूजा नहीं की। अतुल घर से सैकड़ों लोगों के साथ करीब 10.30 बजे बुद्ध स्तूप पहुंचे। उन्होंने संकिसा निवासी कोटेदार दिलीप दीक्षित को पुजारी बनाकर एवं राघवेंद्र कुशवाहा राम लड़ैते राजपूत रामवीर रामू एवं प्रेम सागर दुबे को विषारी देवी मंदिर में पूजा करने के लिए भेजा।

यह लोग करीब 10 मिनट बाद पूजा कर कर वापस लौटे तभी डीएम एसपी भी जायजा लेने वहां पहुंचे।

अधिकारियों को प्रसाद खीर दी गई। सनातन धर्मियों ने स्तूप परिसर में जाते समय विषारी मैया की जय की जोरदार नारे लगाए। अतुल दीक्षित ने इस बार करीब 200 लोगों को ले जाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। बताया गया कि भय के कारण पुजारी मंदिर में पूजा करने नहीं गया। कार्यक्रम के सकुशल संपन्न होने पर अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों ने राहत महसूस की।

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