पुलिस ने भाजपा नेत्री के दबंग नशेड़ी बेटे का किया चालान: रेपिस्टों को लंबी सजा व जुर्माना

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की क्षेत्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती मीरा सिंह के दबंग पुत्र को पुलिस से बदसलूकी करना महंगा पड़ा है। पुलिस ने नशेड़ी राज प्रताप सिंह का चालान कर दिया है। नगर के मोहल्ला पल्ला मठिया देवी निवासी श्रीमती मीरा सिंह सिंह का आवास विकास कॉलोनी में शराब का ठेका है। बीती देर रात राज प्रताप सिंह का शराब बेचने के दौरान ग्राहकों से विवाद हो गया। फोन किए जाने पर सिपाही योगेश मौके पर पहुंचा तभी राज प्रताप सिंह का सिपाही से विवाद हो गया।

सिपाही की सूचना पर आवास विकास चौकी इंचार्ज स्वदेश कुमार तुरंत ही मौके पर पहुंचे। चौकी इंचार्ज ने देर रात शराब ठेका खुले होने पर नाराजगी जाहिर की। चौकी इंचार्ज से विवाद होने पर राज प्रताप सिंह ने स्वदेश कुमार के साथ बदसलूकी कर दी। देर रात शराब ठेका खोलने के बावजूद पुलिस से गुंडई करने के कारण चौकी इंचार्ज सुदेश कुमार ठेकेदार राज प्रताप सिंह को पकड़कर कोतवाली ले गए। यह जानकारी मिलते ही भाजपा नेत्री के परिवार में हड़कंप मच गया पुलिस पर राज प्रताप को छोड़ने का दबाव डाला गया। लेकिन पुलिस ने भाजपा नेत्री की सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया।
कोतवाली से सिपाही संजय कुमार को राज प्रताप का मेडिकल कराने के लिए लोहिया अस्पताल भेजा गया। डॉ अभिषेक चतुर्वेदी ने रात 11:25 बजे राज प्रताप सिंह का मेडिकल किया। राज प्रताप के मुंह से शराब की बदबू आ रही थी। डॉक्टर चतुर्वेदी ने नशे का परीक्षण कराने के लिए राज प्रताप को कक्ष में ही चलवाया। राज प्रताप सही ढंग से चल कर दिखाया तब डॉक्टर चतुर्वेदी ने राज प्रताप को करीब 10 मिनट तक बैठाया और बाद में उससे मां का नाम एवं पता पूछा राज प्रताप ने सही जानकारी दी। चौकी इंचार्ज सुदेश कुमार ने बताया कि राज प्रताप शराब के नशे में था उसका पुलिस एक्ट की धारा 34 में चालान किया गया बाद में उसे जमानत पर छोड़ दिया गया।

रेपिस्टों को सजा

अदालत ने थाना शमशाबाद के ग्राम प्रहलादपुर संतोषपुर निवासी दिलीप पुत्र जयपाल एवं थाना कंपिल के ग्राम रसीराबाद निवासी गुरुनाम सिंह पुत्र सतीश को सजा देकर दंडित किया है। दिलीप को वर्ष 2013 में दुष्कर्म करने के मुकदमे में 7 साल की सजा तथा 50 हजार रुपए का अर्थ दंड दिया गया है। जबकि गुरुनाम को वर्ष 2021 में रेप के मुकदमे में 3 साल की सजा एवं 10 हजार का जुर्माना किया गया है।