फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) भारतीय किसान यूनियन को आलू किसानों की बर्बादी हो जाने पर उनकी सुधि आई है। भाकियू के जिलाध्यक्ष अरविंद शाक्य के नेतृत्व में करीब दो दर्जन कार्यकर्ता सातनपुर आलू मंडी किसान भवन पर एकत्र हुए। भाकियू कार्यकर्ताओं ने किसान भवन पर प्रदर्शन करते हुए आलू का निर्यात कराओ, मरता हुआ किसान बचाओ, आदि की नारेबाजी की।
जिला अध्यक्ष अरविंद शाक्य ने मंडी सचिव डॉ दिलीप वर्मा को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भेंट किया। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में आलू की सरकारी खरीदारी किए जाने, आलू का समर्थन मूल्य एक हजार रुपए प्रति कुंटल घोषित किये जाने व आलू पर आधारित उद्योग लगाए जाने की मांग की गई। प्रदेश सरकार को खाद बीज एवं दवाओं के दाम बढ़ने की जानकारी देते हुए गन्ने का समर्थन मूल्य 450 रुपए किए जाने।
आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला खोले जाने की भी मांग की गई। थोड़ी देर तक चले कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला महासचिव लक्ष्मी शंकर जोशी, मंडल उपाध्यक्ष प्रभाकांत मिश्रा, कुलदीप अवस्थी, संजीव सिंह, अरविन्द राजपूत, अशोक कुमार फौजी, डा रामबरन राजपूत, आलू निर्यातक सुधीर कुमार शुक्ला , लोधी महासभा के अध्यक्ष परशुराम वर्मा।
सातनपुर आलू आढती एसोसिएशन अध्यक्ष सुधीर वर्मा उर्फ रिंकू उपस्थित रहे। भाकियू नेताओं ने रिंकू वर्मा को अपने कार्यक्रम में बुलाया था। आज सातनपुर मंडी में आलू 250 से 500 प्रति कुंतल के भाव बिका। बीते दिनों आलू डेढ़ सौ रुपए तक के भाव में बिक चुका है। किसानों की बर्बादी हो जाने के बाद किसान यूनियन ने भी किसानों की हमदर्दी दिखाने के लिए खानापूर्ति की है।
किसानों की समस्याओं के बजाय राजनीति करने के कारण भारतीय किसान यूनियन का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। एक जमाना था कि भाकियू के जबरदस्त प्रदर्शन में हजारों किसान शामिल होते थे। यातायात व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन के पसीने छूट जाते थे। आज हुए मंडी में कथित प्रदर्शन का मंडी वासियों तक को पता नहीं चला। बीते दिनों भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने भी लोकसभा में किसानों की दुर्दशा का मुद्दा उठाते हुए आलू का निर्यात किए जाने की मांग की थी।