फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने आज बहुचर्चित मुकदमे का फैसला कर दिया है। न्यायालय ने पुलिस पर जानलेवा फायरिंग के आरोपित पूर्व विधायक विजय सिंह को अपराध संख्या 155/1991 धारा 307 के आरोप से दोषमुक्त कर दिया। एक मुकदमा छूट जाने पर श्री सिंह के परिजनों व समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
मालूम हो कि कोतवाली फर्रुखाबाद के दरोगा एके सिंह ने नाला मछरट्टा निवासी विजय सिंह एवं मोहल्ला भाऊटोला निवासी रमेश यादव उर्फ टइया के विरुद्ध धारा 307 पुलिस मुठभेड़ की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के मुताबिक दरोगा ए के सिंह साथी पुलिसकर्मियों के साथ 7 सितंबर 91 को वांछित अभियुक्त की तलाश में जा रहे थे।
जब पुलिस वाले रात 1.30 बजे नाला मछरट्टा स्थित विजय सिंह के आवास के निकट पहुंचे तभी पुलिस वालों ने मकान के चबूतरे पर विजय सिंह व उनके साथी रमेश यादव को देखा। उसी दौरान आरोपियों ने आपस में कहा की पुलिस पीछे पड़ी है आज इन्हें देखना है यह कहकर आरोपियों ने नजदीक आने पर पुलिस वाले के ऊपर अवैध शस्त्र से पुलिसकर्मियों पर एक-एक जानलेवा फायर किया और मकान के अंदर से छतों से होकर भाग गए।
पुलिस को मौके पर न तो कोई कारतूस का खोखा मिला। और न ही किसी पुलिसकर्मियों को गोली अथवा चोट लगी। परीक्षण के दौरान मुकदमे में पुलिसकर्मियों के बयानों में विरोधाभास पाया गया। न्यायालय ने जजमेंट में कहा है कि पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य से अभियुक्त विजय सिंह के विरुद्ध पाया गया आरोप संदेश से परे सिद्ध नही होता है। बल्कि अभियोजन कथानक संदिग्ध व संदेहपूर्ण प्रतीत होता है।
अतः अभियुक्त अपने ऊपर लगाए गए आरोप से दोषमुक्त किए जाने योग्य है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त न्यायिक अभिरक्षा में है अभियुक्त का परवाना बनवा कर कारागार प्रेषित किया जाए। मालूम हो कि विजय सिंह पूर्व काबीना मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड में जेल में सजा काट रहे हैं। आज विजेंद्र सिंह तोमर सिपाही को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में भी जजमेंट होना था। अदालत ने इस मामले में 16 मार्च की तारीख लगाई है।