फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) तहसीलदार सदर ने गेहूं फसल की नीलामी की रकम खजाने में जमा करा कर बेसहारा गायों का निवाला छीन लिया है। सदर तहसीलदार श्रद्धा पांडे ने आज प्रभारी कानूनगो विकास दीक्षित से तहसील परिसर में ग्राम बाकरपुर के चारागाह की 14 बीघा गेहूं फसल की नीलामी कराने को कहा। गांव के राहुल मिश्रा ने अधिकतम 1.10 लाख की बोली लगाई।
जबकि ग्राम नूरनगर निवासी रघुवीर सिंह शाक्य ने सर्वाधिक 1.11 लाख की बोली लगाकर नीलामी अपने पक्ष में करा ली। तहसीलदार ने नीलामीकर्ता से पूरी रकम लेकर सरकारी खजाने में जमा करा दी। नीलामी के दौरान ग्राम प्रधान शैलेश सिंह कश्यप सहित एक दर्जन ग्रामीण मौजूद रहे। मालूम हो की प्रधान ने चरागाह की जमीन पर 14 बीघा गेहूं की फसल बोई थी।
गांव के शिवशंकर तिवारी एवं राहुल मिश्रा ने प्रधान की शिकायत की कि उन्होंने दबंगई से चरागाह की जमीन में गेहूं की फसल बोई है। लेखपाल ने 2 अप्रैल को फसल का सीमांकन करके गेहूं की फसल प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रधान को सौंप दी और आज 5 तारीख को गेहूं की फसल की नीलामी की तिथि तय कर दी थी। प्रधान ने आज अपर जिलाधिकारी से भेंट कर गेहूं फसल की नीलामी रुकवा कर गेहूं की फसल गौशाला को दान कराए जाने की गुहार लगाई।
एडीएम ने एसडीएम को फसल की नीलामी न करा कर गौशाला को दिलवाने का निर्देश दिया ।प्रधान ने एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर गेहूं की फसल गौशाला दिलवाने की मांग की। एसडीएम ने प्रधान के शिकायती पत्र पर तहसीलदार को यथोचित कार्रवाई करने का आदेश दिया। प्रधान ने तहसीलदार से भी फरियाद कर नीलामी रुकवा कर गेहूं की फसल गौशाला को दिलाने को कहा।
इसके बावजूद तहसीलदार ने मनमाने ढंग से गेहूं फसल की नीलामी करा दी। नियम है कि नीलामी के बाद तिहाई रुपए तुरंत जमा करा कर बकाया रुपए जमा करने की मोहलत दी जाती है। लेकिन तहसीलदार ने नियम का पालन नहीं किया यदि नीलामी की बोली लगाने के बाद नगद पूरे रुपए न किए जाते तो उनकी बोली निरस्त हो जाती।
प्रधान शैलेंद्र सिंह कश्यप ने क्या जानकारी देते हुए बताया कि मेरी शिकायत पर लेखपाल उपेंद्र कुमार यादव ने गांव के राहुल मिश्रा एवं मोहित मिश्रा के विरुद्ध राजस्व अधिनियम की धारा 67 के तहत कार्रवाई की है। दोनों भाइयों ने पंचायत घर की जमीन पर दो मंजिला मकान बनाया है। लेखपाल ने दोनों भाइयों पर 3.12 लाख का जुर्माना लगाकर नोटिस जारी कर दिया है।
बताया गया है कि गांव में रुतबा कायम करने के लिए शिकायतकर्ता हर हालत में नीलामी में गेहूं की फसल हासिल करना चाहते थे। लेकिन घाटा होने के बावजूद प्रधान के इशारे पर उनके मित्र रघुवीर सिंह शाक्य ने अधिक बोली लगाई। शिकायतकर्ता यह कहकर प्रधान को गांव में अपमानित करना चाहते थे कि प्रधान के द्वारा लगाई गई फसल मैंने काटी है।
यदि तहसीलदार गेहूं की फसल पड़ोसी गौशाला को दिलवा देती तो निराश्रित गायो का काफी भला हो जाता। इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी आला अधिकारियों को दिखाने के लिए खजाने को भर रहे हैं उनके दिल में गायों का पेट भरने की हमदर्दी नहीं है। ध्यान रहे कि आए दिन भूसा व चारा के अभाव में गाये गौशाला में तड़पती रहती हैं और बाद में दम भी तोड़ देती हैं।