छात्रा से आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली प्रवक्ता बर्खास्त: अनुमोदन की कारवाई शुरु

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) रामानंद इंटर कॉलेज की चर्चित प्रवक्ता श्रीमती प्रीती चतुर्वेदी को छात्रा से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में बर्खास्त कर दिया गया है। अब उनके विरुद्ध बर्खास्तगी के अनुमोदन की कारवाई शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव ने प्रवक्ता की बर्खास्तगी के अनुमोदन की सुनवाई के लिए 9 मई की तारीख तय की है।

मालूम हो की प्रवक्ता प्रीती चतुर्वेदी ने कालेज की छात्रा के साथ अश्लील व्यवहार कर वित्तीय अनियमितायें की थी। विनीत अग्निहोत्री की प्रबंधन वाली कमेटी ने 21 अप्रैल 2022 को प्रवक्ता को निलंबित कर दिया था। रिश्वतखोरी के लिए चर्चित रहे जिला विद्यालय निरीक्षक आदर्श त्रिपाठी ने प्रवक्ता को बहाल कर दिया। प्रबंधतंत्र की अपील पर हाईकोर्ट में डीआईओएस के आदेश को निरस्त कर नया आदेश पारित करने का आदेश जारी किया।

मजबूरन डीआईओएस ने 22 अगस्त को प्रवक्ता के निलंबन का अनुमोदन कर दिया। प्रवक्ता इसी आदेश के विरुद्ध हाई कोर्ट गई। हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व आदेश को निरस्त कर पुनः अनुमोदन आदेश जारी करने का निर्देश दिया। इसी दौरान कॉलेज के प्रबंधन ने प्रस्ताव पारित कर प्रवक्ता श्रीमती प्रीती चतुर्वेदी को बर्खास्त कर दिया और सेवा समाप्ति की पत्रावली कार्यालय में जमा कर दी।

सांठगांठ होने के कारण डीआईओएस ने प्रवक्ता की पत्रावली शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को नहीं भेजी। तब मजबूरन प्रबंधन ने हाई कोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने डीआईओएस से जवाब तलब किया कि पत्रावली चयन बोर्ड कार्यालय क्यों नहीं भेजी गई। जवाब में डीआईओएस ने हाई कोर्ट में फर्जी रसीद जमा कर पत्रावली भेज देना देना बताया। हाईकोर्ट के आदेश पर शिक्षा विभाग के निदेशक ने इस मामले की जांच पड़ताल की।

इसी दौरान जिले में विवादित रहे डीआईओएस आदर्श त्रिपाठी का तबादला कर दिया गया। तभी डीआईओएस कार्यालय की सेवानिवृत्त कर्मचारी राजेंद्री पाल ने स्वयं के पास मौजूद पत्रावली कार्यालय में जमा कर दी। विभाग ने यह पत्रावली प्रबंध तंत्र को वापस कर दी। दूसरे दिन ही हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई प्रबंधतंत्र की ओर से सीलबंद पत्रावली का लिफाफा अदालत में जमा कराया गया।

अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद सीलबंद पत्रावली प्रबंध तंत्र को वापस कर दी तथा आदेश दिया कि 2 सप्ताह में यह पत्रावली डीआईओएस को उपलब्ध कराई जाए। डीआईओएस एक सप्ताह में पत्रावली चयन बोर्ड को उपलब्ध कराएंगे। चयन बोर्ड के सचिव को आदेश दिया गया कि वह दोनों पक्षों की सुनवाई कर आवश्यक कार्रवाई करें। अब यह तय माना जा रहा है कि अहंकारी प्रवक्ता के बर्खास्तगी के आदेश पर मोहर लग जाएगी।

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