नगर पालिका कार्यालय से लिपिक शिवराम की गिरफ्तारी के विरोध में कर्मचारियों ने थाना घेरा

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) थाना मऊदरवाजा पुलिस ने नगर पालिका कार्यालय से लिपिक शिवराम वर्मा को पकड़ ले जाने के विरोध में विभागीय कर्मचारियों व सभासदों ने थाने की घेराबंदी की। पालिका कर्मचारियों के जबरदस्त दबाव के बावजूद पुलिस ने लिपिक शिवराम वर्मा का चालान कर दिया। अदालत ने मोहल्ला गोहाई स्ट्रीट निवासी शिवराम वर्मा का गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था इसी आधार पर पुलिस ने शिवराम को गिरफ्तार किया।

छात्र नेता आदित्य राठौर उर्फ एके ने 3 अप्रैल 2019 को शिवराम वर्मा उनकी पत्नी हेमलता श्रीमती गीता पत्नी यशवीर सिंह श्रीमती कंचन वर्मा पत्नी जयवीर एवं बाबूराम की पुत्री बबिता राजपूत के विरुद्ध धारा 467 468 471 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अभियुक्तों पर परिजन नत्थू लाल का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने इस मामले में सभी अभियुक्तों के विरुद्ध अभियोग पत्र दाखिल किया था। शिवराम वर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट से स्टे लिया था अदालत ने वर्ष 2022 में ही स्टे खारिज कर दिया था।

अदालत में हाजिर न होने पर न्यायालय ने शिवराम के विरुद्ध वारंट जारी किया। जब पुलिस ने ड्यूटी के दौरान शिवराम को पकड़ा तो कर्मचारियों ने पुलिसकर्मियों से अधिषासी अधिकारी से बात करने को कहा। तभी पुलिसकर्मियों ने कर्मचारियों से कहा कि अधिकारी अदालत के आदेश से बड़े नहीं है। नगरपालिका के बड़े बाबू जितेंद्र मिश्रा भवानी शंकर सहित दर्जनों कर्मचारी एवं सभासद आलोक मिश्रा धर्मेंद्र कनौजिया बाबू अग्निहोत्री विश्वनाथ राजपूत अतुल शंकर दुबे पूर्व सभासद राजेश मिश्रा बी थाना मऊदरवाजा पहुंचे।

पालिका कर्मचारियों ने इंस्पेक्टर से लिपिक को छोड़ने को कहा तो इंस्पेक्टर ने कहा कि यदि गिरफ्तारी वारंट के विरुद्ध कोई स्टे आर्डर हो तो दिखाओ। पुलिस ने लिपिका चालान कर दिया तभी पालिका कर्मचारी व सभासद मायूस होकर वापस लौट गए। नगर पालिका में करीब 3 घंटे तक कार्य ठप रहा। मालूम हो कि जसमई स्थित करोड़ों रुपए कीमती जमीन को लेकर शिवराम वर्मा व छात्र नेता एके राठौर के बीच स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है। फर्जीवाड़ा करने के कारण शिवराम वर्मा को मुंह की खानी पड़ी है।

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