फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) पुलिस ने माफिया अनुपम दुबे के गुर्गे चुनमुन को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया है। थाना मऊदरवाजा के दरोगा सचिन सिंह चौधरी एवं बीबीगंज चौकी इंचार्ज किरन पाल नागर पुलि सकर्मियों के साथ बीती रात टॉर्च की रोशनी में आउटस्कर्ट्स चेकिंग कर रहे थे। तभी बाइक सवार पुलिस को देख कर तेजी से भागा और इसी दौरान बाइक सवार ने पुलिस पार्टी पर जानलेवा गोली चलाई।
पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए भयभीत पुलिस ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देकर बाइक सवार का पीछा किया। पुलिस ने हथियापुर रेलवे क्रॉसिंग के निकट नट नगला जाने वाले मार्ग पर पीछा करके बाइक सवार को बल प्रयोग करके मध्य रात 23.28 बजे पकड़ लिया। पकड़े गए व्यक्ति ने कोतवाली फतेहगढ़ के मोहल्ला हाथीखाना निवासी बताते हुए अपना नाम अकरम फारुकी उर्फ चुनमुन पुत्र गुलाम मोहम्मद फारुकी बताया।
तलाशी में चुनमुन के पास 315 बोर का तमंचा 210 एवं मोबाइल फोन बरामद हुआ।
दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक पकड़े जाने पर चुनमुन ने पुलिस पार्टी को धमकाया कि वह अनुपम का खास व्यक्ति है उसने पुलिस को पकड़ने का खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी। पुलिस ने चुनमुन की बाइक को सीज कर दिया। मालूम हो कि माफिया डॉ अनुपम दुबे हत्या के मामले में फ़िरोज़ाबाद की जेल में बंद है।
अब पुलिस उनके फरार भाई डब्बन को सरगर्मी से तलाश कर रही है पुलिस ने डब्बन पर दबाव बनाने के लिए उसके कई साथियों को हिरासत में लिया है।
मालूम हो कि कोतवाली फतेहगढ़ के मोहल्ला सिविल लाइन मड़ैया निवासी दलित सुधीर दिवाकर की हिम्मत से दबंग भूमाफिया राशिद उर्फ खालिद व उसके समर्थकों पर करोड़ों की भूमि के फर्जीवाडे का शिकंजा कस गया है। थाना मऊदरवाजा पुलिस ने सुधीर दिवाकर की तहरीर पर मोहल्ले के दबंग भूमाफिया रज्जू उर्फ खालिद उसकी मां कामिल निशा बेगम मोहल्ला शीशमबाग कैंट निवासी रजी पुत्र शफीक।
साबिर अली पुत्र अशफाक मोहल्ला हाथीखाना निवासी अकरम फारुकी उर्फ चुनमुन पुत्र गुलाम मोहम्मद जनपद कन्नौज कोतवाली गुरसहायगंज के कस्बा समधन निवासी अहमद इकबाल, नूरुल इरफान, जकी अनवर अहमद, सुल्तान एवं मसूदा खातून पत्नी सैयद अनवर अहमद के विरुद्ध के विरुद्ध मुकदमा कायम किया है। पुलिस ने अपराध संख्या 309/ 23 धारा 420 467 468 471 504 506 एवं दलित उत्पीड़न के तहत दर्ज रिपोर्ट की जांच सीओ सिटी प्रदीप सिंह को सौंपी थी।
सुधीर ने राशिद और खालिद के गोरखधंधे की शिकायत जिलाधिकारी से की थी। इसी बात से गुस्साए राशिद व उसके समर्थकों ने कई बार जातिसूचक गालियां देकर सुधीर को अपमानित किया और एक दिन कचहरी के बाहर धमकाया कि तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे हम तुम्हें जान से मरवा देंगे। सुधीर ने थाना पुलिस को दी गई तहरीर में जमीन के फर्जी बैनामा करने वाले व खरीददारों सहित गवाहों के नाम की भी सूची पुलिस को दी थी।
ध्यान रहे कि सुधीर दिवाकर ने काफी प्रयास करके दबंग रज्जू उर्फ खालिद के करोड़ों रुपए कीमती जमीन के फर्जीवाडे का भंडाफोड़ किया। सुधीर ने 8 जून को डीएम को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया कि मौजा नवदिया स्थित गाटा संख्या 376 रकबा 0. 48 डिसमिल जमीन बंजर के नाम दर्ज है। जबकि गाटा संख्या 375 की 0. 62 डिसमिल जमीन नाला सरकारी भूमि है।
स्थानीय निवासी रज्जू उर्फ खालिद पुत्र इरशाद अली ने 21 अप्रैल 2009 को अपनी मां श्रीमती कामिल निशा के नाम उक्त भूमि का बैनामा कराया। रज्जू ने 30 अप्रैल 209 को अपनी मां से पावर ऑफ अटॉर्नी लिखवाकर गाटा संख्या 376 के अलावा 375 के नाले की काफी भूमि के फर्जी बैनामा कर करोड़ों रुपयों की कमाई की है।