कचहरी में अराजकता फैलाने वाले संजीव पारिया चीनू व डॉ अनुपम दुबे पर केस दर्ज

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) कोतवाली फतेहगढ़ पुलिस ने पुलिस अधीक्षक के आदेश पर बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजीव पारिया व उनके सहयोगी शिवप्रताप उर्फ चीनू एवं डॉ अनुपम दुबे के विरुद्ध केस दर्ज किया है। राजीव कुमार बाजपेई एडवोकेट ने उक्त माफियाओं के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने का साहस किया है। रिपोर्ट के मुताबिक बार काउंसिल उत्तर प्रदेश इलाहाबाद द्वारा 9 फरवरी 2019 को 10 वर्ष के लिए बार एसोसिएशन के जिला महासचिव संजीव पारिया व उनके अपराधी साथी डा0 अनुपम दुबे एवं हिस्ट्रीशीटर शिवप्रताप उर्फ चीनू को को डिवार कर देश के किसी न्यायालय प्राधिकरण व अथॉरिटी के समझ अधिवक्ता के रूप में प्रतिबंधित किया गया था।

संजीव पारिया ने यह जानते हुए की वह 10 वर्ष के लिए डिवार है के उपरांत भी चारसौबीसी छल साजिश व षड्यंत्र के तहत स्वयं को अधिवक्ता बता बता प्रशासनिक बता न्यायिक प्रशासन व शासन को अपने पद पर नाम से बतौर महासचिव बार एसोसिएशन बताकर पत्राचार करते रहे। अवैध रूप से न्यायिक कार्य से विरत रहने के प्रस्ताव न्यायिक प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष प्रेषित कर न्याय प्रक्रिया को बाधित कर न्यायिक कार्य में गुंडई व दबंगई से बाधा उत्पन्न करते रहे।

इनके साथी डॉ अनुपम दुबे की गिरफ्तारी होने पर संजीव पारिया के अपराधी साथियों द्वारा षड्यंत्र के तहत अवैध रूप से हड़ताल की घोषणा का न्यायिक कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया गया। कचहरी परिसर में अराजकता व भय का माहौल पैदा कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना व अवहेलना कर कई दिनों तक न्यायिक व प्रशासनिक कार्य को बाधित रखा। इसी क्रम में न्यायिक अधिकारी एसीजेएम फतेहगढ़ के विरुद्ध षड्यंत्र के तहत योजनाबद्ध तरीके से हड़ताल का न्यायालय सीजेएम को अपनी दबंगई व अराजकता से मुख्य द्वार बंद कर न्यायालय में कार्य नहीं होने दिया।

न्यायिक कार्य में बाधा डाल समस्त अधिकारियों में भय व आतंक कायम कर अपने षड्यंत्र को सफल बनाने का प्रयास किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कचहरी परिसर में 5 मार्च 2019 को समय 11बजे दिन भारी मात्रा में गोला-बारूद नाजायज असलाहो सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर अंदर ले जाकर उसका विस्फोट कर दीवानी परिसर की सुरक्षा को भंग किया। रिपोर्ट में राजीव बाजपेई ने कहा है कि इसी दौरान मेरी हत्या का षड्यंत्र व साजिश रची, हत्या करने का प्रयास किया।

मैंने पूर्व में इस संबंध में प्रार्थना पत्र दिए थे। श्री बाजपेई ने आरोप लगाया कि संजीव पारिया के अपराधी साथी पूर्व में कई न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ घटना कारित कर चुके हैं। संजीव पारिया के विरुद्ध कई जमीन हड़पने व संगीन अपराध कार्य करने के मुकदमों में आरोपपत्र भी दाखिल हो चुके हैं। किंतु आज तक इनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी इस कारण इनके हौसले बुलंद हैं।

श्री बाजपेई ने आरोप लगाया कि संजीव पारिया का संगठित गिरोह है आपस में साज व षड्यंत्र कर आर्थिक अपराध व संगीन अपराधिक जघन्य कृत्य करने में भी पीछे नहीं रहते हैं। 15 जुलाई 23 को शिव प्रताप ने दिन के 11 बजे मुझे धमकी दी कि तू ही हमारे खिलाफ कार्रवाई कर रहा है तुझे इसका परिणाम भुगतना होगा। मैंने 21 अगस्त 2022 को बार काउंसिल उत्तर प्रदेश में डिवार संजीव पारिया के विरुद्ध इनके अवैध अराजक कृत्यों की शिकायत की।

जिस पर सुनवाई होकर संजीव परिया व चीनू को 15 वर्ष के लिए वकालत के पेशे से डिवार कर दिया गया। क्योंकि इनका लंबा अपराधिक इतिहास है और यह अपराधिक षड्यंत्र के सूत्रधार है व शातिर अपराधी अनुपम दुबे के संरक्षक व संरक्षण दाता है। बार काउंसिल ने अपने डीसी केस नंबर 336/ 322 में आदेश किया है कि इनके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की जावे। इसी आदेश के क्रम में श्रीमान जी के समक्ष पुनः प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रहा है।

शिकायतकर्ता संजीव वाजपेई को उक्त लोगों से भय व्याप्त हो गया है। उन्होंने रिपोर्ट में कहा है कि संजीव पारिया आदि मेरे साथ कोई अप्रिय घटना कर सकते हैं। जिससे मुझे जान माल की क्षति हो सकती है। श्री बाजपेई ने संजीव पारियां पर बार एसोसिएशन फतेहगढ़ के विभिन्न मदों से प्राप्त लगभग 5.30 करोड़ रुपये का गबन घोटाला बार एसोसिएशन पर अवैध कब्जा करने च आरोप लगाया है। मुकदमे की जांच प्रभारी निरीक्षक सचिन कुमार सिंह को सौंपी गई है।

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