लिपिक विदुर पाल पर दीपाली भार्गव को रिश्वत देकर रज्जू के पक्ष में आदेश कराने का आरोप

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) नगर के मोहल्ला सिविल लाइन मडैया निवासी सुधीर दिवाकर ने नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय के लिपिक विदुर पाल सिंह पर गंभीर आरोप लगाया है कि उन्होंने पूर्व सिटी मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव के तबादले के बाद भू माफिया रज्जू उर्फ खालिद के पक्ष में आदेश कराया है। शिकायती पत्र देकर डीएम को अवगत कराया गया कि सिटी मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव ने 1 जून को भू माफिया रज्जू उर्फ खालिद के ब्लू हेवन होटल को गिराने का आदेश दिया था।

फतेहगढ़ कोतवाली पुलिस ने 9 जून को रज्जू के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया जबकि थाना मऊदरवाजा पुलिस ने रज्जू के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की। 27 जून को अखबारों में सिटी मजिस्ट्रेट का तबादला होने की खबर छपी थी। बताया जाता है रज्जू एवं लिपिक विदुर पाल ने सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश को वापस लिए जाने का षड्यंत्र रचा।

रज्जू ने विदुर पाल को मोटी रकम दी विदुर पाल विदुर पाल ने कानपुर स्थित श्रीमती दीपाली भार्गव के आवास पर जाकर उनको मोटी रकम दी और 1 जून की तिथि में सिटी मजिस्ट्रेट के द्वारा रज्जू के विरुद्ध पूर्व में पारित किए गए आदेश को वापस लेने के आर्डर पर हस्ताक्षर कराए। सुधीर दिवाकर ने आरोप लगाया कि विदुर पाल भ्रष्टाचार में लिप्त है उसने भ्रष्टाचार करके अकूत संपत्ति एकत्र की है।

जिलाधिकारी से सिटी मजिस्ट्रेट के तबादले के बाद पारित किए गए अबैध आदेश को निरस्त करने एवं लिपिक विदुर पाल के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति की जांच कराए जाने की मांग की। डीएम ने इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट सतीश चंद्र एवं लिपिक विदुरपाल को तलब कर किया। इस बात की जानकारी मिलते ही विदुर पाल बीते दिन अवकाश पर चला गया।

बताया गया कि मोटी रकम मिलने पर विदुर पाल विरोधी की फाइल ही गायब कर देता है। इसने पहले भी महत्वपूर्ण फाइल गायब की और अभी भी एक फाइल गायब करने की सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा रिपोर्ट मांगी गई है। अधिक कमाई करने के लिए विदुर पाल ने कार्यालय में अवैध रूप से कई गुर्गों को लगाया है।

मालूम हो किस सिटी मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव का तबादला होने पर पीड़ित लोगों ने काफी खुशी जताई थी। प्लाटिंग गिराने की चेतावनी देखकर लाखों की वसूली किए जाने के कारण प्लाटिंग कारोबारी भयभीत हो गए थे। किससे कितने रुपए वसूले गए अब इस बात की चर्चा होने लगी है। नक्शा पास करने के नाम पर पर भी मोटी रकम वसूल की जाती है।

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