फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) जनपद न्यायालय परिसर में हुई अवांछनीय घटना की पुनर्रावृत्ति रोकने के लिए बार एसोसिएशन व जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी के साथ विचार विमर्श कर सुरक्षा समिति ने कई नियम बनाए हैं। यह नियम 5 सितंबर से लागू हों जायेंगे। सभी अधिवक्ता व कर्मचारी 5 सितंबर से अपने वाहनों की पार्किंग ऑफिसर्स कॉलोनी में एडीएम आवास के सामने स्थित पार्क में ही करेंगे।
इसके अलावा सभी वादकारी अपने वाहनों को भी इस पार्किंग में खड़ा करेंगे। जनपद न्यायाधीश, पीठासीन अधिकारी, प्रभारी अधिकारी से पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त वाहनों को छोड़कर अन्य सभी शेष वाहनों का न्यायालय परिषद में प्रवेश पूर्णता निषिद्ध होगा। सभी अधिवक्तागण अपने निर्धारित वेश-भूषा में व आईडी कार्ड के साथ ही न्यायालय में उपस्थित हो।
ताकि अवांछित व्यक्तियों को अधिवक्ता के रूप में कार्य करने से रोका जा सके। अधिवक्ता के वही लिपिक न्यायालय में प्रवेश करेंगे जो अधिवक्ता लिपिक के रूप में नियुक्त है और जिनका इस संबंध में पहचान पत्र जारी है। वह अपना पहचान पत्र दिखाकर ही न्यायालय परिसर में प्रवेश करेंगे। जिन लिपिकों के पास पहचान पत्र नहीं है के न्यायालय द्वारा पहचान पत्र जारी होने तक संबंधित अधिवक्ता से अपने लिपिक के रूप में कार्यरत होने का फोटो एवं आधार नंबर युक्त प्रमाण पत्र जो अध्यक्ष सुरक्षा समिति द्वारा अवलोकित होगा, के आधार पर न्यायालय परिसर में प्रवेश कर सकेंगे।
यदि कोई व्यक्ति फर्जी अथवा अवैध ढंग से अधिवक्ता के रूप में कार्य करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध धारा 45 अधिवक्ता अधिनियम 1961 एवं अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत दंडित कार्रवाई की जाएगी। न्यायालय में प्रार्थना पत्र, बाद पत्र, परिवाद आदि समस्त प्रकार के नए दाखिले जिनमें वकालतनामा लगा हो, उनमें वकालनामा के साथ संबंधित अधिवक्ता का जनपद न्यायालय द्वारा जारी पहचान पत्र अथवा सीओपी पहचान पत्र, प्रमाण पत्र की स्व हस्ताक्षरित प्रति संलग्न किया जाना आवश्यक है।
इसके बगैर नये प्रार्थना पत्र वाद पत्रों परिवार आदि का दायरा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कड़े नियम लागू होने से अधिवक्ताओं वादकारियों व मुंशियों में हड़कंप मच गया है। यदि सभी नियम कड़ाई से लागू हो गए तो न्यायालय परिसर का माहौल बदल जाएगा।