पत्रकारों की समस्याओं का प्रधानमंत्री से समाधान करने को पेजा ने भेजा राष्ट्रपति को मांग पत्र

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) पत्रकारों के हितों के लिए निरंतर संघर्ष करने वाली प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने मीडिया कर्मियों की समस्याओं का प्रधानमंत्री स्तर से समाधान करने के लिए 12 सूत्री मांग पत्र राष्ट्रपति को भेजा है। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश चंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रपति से मांग की है कि इन मांगों को देश के प्रधानमंत्री को प्रेषित कर पत्रकारों को उनके मौलिक अधिकारों को दिलाने के लिए एसोसिएशन सदैव आपका आभारी रहेगा।

प्रमुख मांगे-
1- भारत के संविधान में न्यायपालिका कार्य पालिका विधायिका का उल्लेख तो है परंतु देश के लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया का उल्लेख नहीं किया गया है, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन आपसे मांग करती है संविधान को संशोधित कराते हुए संशोधित संविधान में न्यायपालिका कार्यपालिका विधायिका के साथ-साथ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को भी संविधान में शामिल किया जाए। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को निष्पक्ष एवं स्वतंत्र तथा निर्भीक बनाने के लिए राज्यसभा की 2 सीटे एवं देश के प्रत्येक राज्य में विधान परिषद की 2-2 सीटे पत्रकारों के लिए आरक्षित की जाये। साथ ही पत्रकारों के बच्चों को सरकारी नौकरी में समायोजन के लिए 10 प्रतिशत का आरक्षण लागू किया जाये।

2- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि पंजाब हरियाणा मध्य प्रदेश सरकारों की तरह देश के अन्य सभी राज्यों में भी मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त 60 वर्षीय पत्रकारों को 7 हजार रुपये महीना पेंशन एवं 10 लाख रुपये तक का सामूहिक दुर्घटना बीमा दिया जाये। इसके लिए सभी राज्यों में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जनपदों में कैंप लगाकर पत्रकारों की पेंशन एवं सामूहिक दुर्घटना बीमा फॉर्म भरवाए जाये। लोकसभा चुनाव 2024 चुनाव के पूर्व पेंशन एवं बीमा का लाभ देने की घोषणा की जाए।

3- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि देश के सभी राज्यों में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से कैंप लगवाकर मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को रेल मंत्रालय एवं परिवहन मंत्रालय से समाचार कवरेज करने एवं यात्रा करने के लिए आने जाने के लिए पूर्व की भांति सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से 50% रियायती दर पर पत्रकारों के लिए 10% कोटा आरक्षित करते हुए कूपन निर्गत किए जाए।

4- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कानून व्यवस्था लागू किया जाए, पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज करने के पूर्व आईएएस एवं आईपीएस अधिकारी से शिकायत की जांच कराई जाए। पत्रकार के दोषी पाये जाने पर ही मुकदमा पंजीकृत किया जाए। वरना पत्रकार पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराने का प्रार्थना पत्र देने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराकर उसे जेल भेजा जाए।

5- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि पत्रकारों के ऊपर बढ़ रहे उत्पीड़न एवं शोषण की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए देश के सभी राज्यों में राज्य प्रेस आयोग का गठन किया जाए। आयोग में अध्यक्ष एवं सदस्य उसी राज्य के पत्रकारों को नामित किया जाए जिससे पत्रकारों का उत्पीड़न एवं शोषण रोका जा सके।

6- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि देश के सभी पत्रकारों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पत्रकारों के माता-पिता एवं पत्नी व बच्चों सहित परिवार को आयुष्मान योजना में शामिल करने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा भारत के सभी राज्यों में कैंप लगवाकर आयुष्मान कार्ड बनवाये जाए।

7- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि नेशनल हाईवे एवं राजमार्ग हाईवे पर सभी पत्रकारों को आने-जाने के लिए उनके वाहनों को बिना टोल टैक्स अदा किया आने-जाने के लिए पत्रकारों के वाहनों के नंबरों को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा एकत्र कर सरकार के सभी टोल सेंटरों को भेजे जाए। सभी राज्यों के मान्यता प्राप्त एवं गैस मान्यता प्राप्त पत्रकारों को टोल टैक्स न बसूले जाने का शासनादेश लोकसभा चुनाव से जारी किया जाए।

8- प्रिंट एव इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि भारत के प्रत्येक राज्य एवं राज्यों के जिला मुख्यालयों पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से प्रेस क्लब की स्थापना की जाए, जिसका अध्यक्ष जिलाधिकारी एवं सचिव पुलिस अधीक्षक तथा कोषाध्यक्ष जिला सूचना अधिकारी नामित करते हुए प्रत्येक वर्ष मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों से वार्षिक शुल्क लेकर अस्थाई प्रेस क्लब अध्यक्ष का चुनाव कराया जाए। यह भी आदेशित किया जाए कि जिन राज्यों व जनपदों में प्रेस क्लब स्थापित हैं उन पर तथाकथित अवैध कब्जा है वह प्रेस क्लब नए स्तर से मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सूची बनाकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से सदस्यता शुल्क निर्धारित कर सदस्यता अभियान चलाकर राज्य सरकारों की संपत्ति से बने प्रेस क्लब को अवैध कब्जे से मुक्त कराए जाएं।

9- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के डीएवीपी विभाग के महानिदेशक को निर्देश देकर प्रतिवर्ष विज्ञापन हेतु पंजीकृत किए जाने वाले समाचार पत्रों को पारदर्शिता के लिए नामित किया जा सके। इसके लिए प्रत्येक राज्य से दो पत्रकारों को सदस्य के रूप में नामित किया जाए वर्ष में दो बार डीएवीपी में समाचार पत्र विज्ञापन हेतु पंजीकृत कराने हेतु आवेदन लिए जाएं। डीएबीपी में भ्रष्टाचार रोकने के लिए नामित सदस्यों की समिति गठित कर उपरोक्त समिति के माध्यम से बैठक बुलाकर समाचार पत्रों को डीएवीपी में पंजीकृत किया जाए और प्रतिमाह दैनिक समाचार पत्र को माह में दो बार एवं साप्ताहिक समाचार पत्र को माह में एक बार डीएवीपी द्वारा विज्ञापन निर्गत किया जाए। अभी तक डीएवीपी एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से कई राज्यों में प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से संपादकों से 15% कमीशन लेकर विज्ञापन दिया जा रहा है, उसे तत्काल प्रभाव से रोक कर विज्ञापन में कमीशन को लेकर भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाए। संपादकों को सीधे विज्ञापन निर्गत किया जाए जिसका भुगतान 15 दिन के अंदर ऑनलाइन कराया जाए।

10- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के भारत के समाचार पत्र पंजीयन आरएनआई विभाग में भ्रष्टाचार एवं मनमानी रोकने के लिए प्रत्येक राज्य से दो पत्रकारों को सदस्य नामित किया जाए। शीर्षक के लिए आवेदन करने के बाद 15 दिन के अंदर टाईटल आवंटन से लेकर आर एन आई प्रमाण पत्र आवंटन किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

11- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि भारत के सभी राज्यों एवं राज्यों के जिलों तथा तहसीलों व ब्लॉको व नगरो में पत्रकारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निशुल्क आवास लोकसभा चुनाव के पूर्व मंजूर किए जाए।

12- प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन भारत सरकार से मांग करती है कि भारत सरकार की प्रेस काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली के माध्यम से अभी तक पत्रकारों को न्याय की उम्मीद थी परंतु कुछ वर्षों से प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया में पत्रकारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। पत्रकारों को न्याय दिलाने के लिए भारत के सभी राज्यों से दो दो पत्रकारों को प्रेस काउंसिल
में सदस्य नामित किया जाए। पत्रकारों की मिलने वाली उत्पीड़न की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए आयोग द्वारा नामित सदस्यों को घटनास्थल पर भेज कर पीड़ित शोषित पत्रकारों को न्याय दिलाया जाए। जिससे भारत के सभी पत्रकारों को न्याय मिल सके। पेजा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश चंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रपति को अवगत कराया है कि प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन 2018 से देश के कई राज्यों में पत्रकारों के मौलिक अधिकारों को लेकर संघर्षरत है। देश के कई राज्यों में एसोसिएशन के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय अधिवेशन के आयोजनों के माध्यम से पत्रकारों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं पंडित गणेश शंकर विद्यार्थी अवार्ड से सम्मानित कर रहा है। पत्रकारों के सम्मेलनों में मीडिया कर्मियों के मौलिक अधिकारों को लेकर उन्हें न्याय दिलाने की आवाज उठाती है। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने पत्रकारों की समस्याओं को दूर करने के लिए 2018 से 2021 तक प्रधानमंत्री के कार्यालय पर मांग पत्र रिसीव कराये। लेकिन भारत सरकार ने छोटे मझौले पत्रकारों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जिससे पत्रकारों की हालत काफी गंभीर होती जा रही है।

प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन के 23वां राष्ट्रीय अधिवेशन उत्तराखंड के हरिद्वार में 1 जून 2023 को आयोजित किया गया था। जिसमें भारत के कई राज्यों के पत्रकारों ने एक साथ केंद्र सरकार की पत्रकार विरोधी रवैये को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की। पत्रकारों ने केंद्र सरकार के विरुद्ध अपने मान सम्मान के लिए और अपने मौलिक अधिकारों को पाने के लिए जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।

राष्ट्रपति को अवगत कराया गया कि यदि आपके द्वारा प्रधानमंत्री को भेजे गए मांग पत्र पर भी यदि भारत सरकार द्वारा 30 अक्टूबर तक संज्ञान नहीं लिया गया। तो प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक जर्नलिस्ट एसोसिएशन मजबूर होकर उत्तर प्रदेश के मुख्यालय पर 24 दिसंबर 2023 को आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में केंद्र सरकार के विरुद्ध आर पार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लेंगे। दिल्ली के जंतर मंतर पर देश के हजारों पत्रकार धरना देकर प्रदर्शन करेंगे। किसी भी घटना की जिम्मेदारी भारत सरकार एवं प्रदेश सरकारों की होगी।

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