स्वामी प्रसाद मौर्य बोले: मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा ढोग: मुर्दे को जिंदा करने की दी चुनौती

संकिसा फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज यहां संकिसा महोत्सव में कहा कि मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करना सनातनी ढोंग है। उन्होंने सनातनियों को किसी मुर्दे को जिंदा करने की चुनौती दी है। संकिसा के धम्मालोंको बुद्ध विहार के बुद्ध सभागार पहुंचने पर श्री मौर्य का बुद्ध अनुयायियों ने पगड़ी एवं पंचशील पट्टिकायें पहनाकर स्वागत किया। श्री मौर्य ने करीब एक घंटे संबोधन के दौरान पाखंडवाद की बखिया उतारते हुए कहा कि भगवान राम की वर्षों से पूजा अर्चना की जा रही है। तो अब उनकी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा ढोग नहीं तो और क्या है।

ऐसे लोग भगवान राम से भी अपने को बड़ा मानने लगे हैं। यह दिखावा करने वाला छलावा पाखंड है। उन्होंने सवाल किया कि यदि कोई व्यक्ति प्राण प्रतिष्ठा से मुर्दे को जीवित कर दे तो विज्ञान भी उसके सामने घुटने टेक देगा यमराज भी कभी ना आने के लिए माफी मांगेंगे। उन्होंने स्वयं सिर काटने जीव काटने हाथ काटने नाक कान काटने की धमकी देने वालों को मच्छरों की संज्ञा देते हुए कहा की स्वामी प्रसाद मौर्य इन धमकियों से ना रुकने वाले हैं और ना डरने वाले बल्कि और ज्यादा बोलेंगे।

उन्होंने बौद्ध अनुयायियों को मंदिरों में दान दक्षिणा बंद करने का सुझाव देते हुए पूछा कि मुझे गोली मारने की बात कहने वाले के पास 25 करोड रुपए कहां से आए। यदि दान दक्षिणा बंद हो जाएगी तो पुजारी कटोरा लेकर भीख मांगेंगे। हम लोगों को भगवान बुद्ध व सम्राट अशोक का भारत बनाना है वैज्ञानिक विचार से, अंधेरे से उजाले की ओर आना है। उन्होंने सवाल किया कि इंसान पैदा होता है तो उसे जात-पात और उच्च नीच में किसने बांटा। स्वयं मोहन भागवत को कहना पड़ा कि पंडितों ने जातियां बनाई है।

हिंदू धर्म नहीं यह जीवन की शैली है यह बात तो सर्वोच्च न्यायालय ने भी एक मुकदमे के फैसले में कही है। उन्होंने कहा कि मनु स्मृति में कहा गया कि ब्राह्मण मुंह से पैदा हुआ है और शूद्र पैर से पैदा होता है क्या यह बात संभव नहीं ढोंग और पाखंड है। श्री मौर्य ने कहा भले ही भगवान बुद्ध की जन्मस्थली भारत है लेकिन उनका संदेश पूरे विश्व के लिए मानवतावादी है। तथागत बुद्ध के विचार व्यावहारिक सत्य और वैज्ञानिक है। दुनिया के 50 देश बुद्ध की विचारधारा पर चल रहे हैं कई देशों का राजधर्म बौद्ध धर्म है अब दुनिया में बुद्ध के अनुयायियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

श्री मौर्य ने पाखंडवाद से बचने की सलाह देते हुए बौद्ध धर्म के नियमों का पालन कर संविधान को समझने की सलाह दी। उन्होंने कहा की धर्म की चादर उड़ने वाले पाखंडी धर्म की भाषा नहीं जानते सनातन का अर्थ नहीं जानते और मुझे सनातन विरोधी बताते हैं। उन्होंने भेदभाव न करने वाले सूर्य हवा पानी अग्नि को असली सनातनी बताया। बुद्ध महोत्सव के आयोजक कर्मवीर शाक्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य को धम्मालोंको बुद्ध विहार सेवा ट्रस्ट संरक्षण घोषित किया। इससे पूर्व श्री मौर्य ने शाल उड़ाकर कर्मवीर शाक्य का स्वागत किया। श्री मौर्य ने भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा पर मोमबत्ती व अगरबत्ती जलाकर वंदना की।

बुद्ध महोत्सव के सहसंयोजक देवेश शाक्य उर्फ बिल्लू ने संबोधन के जरिए भी श्री मौर्य का स्वागत किया। बुद्ध महोत्सव के सहसंयोजक नगेंद्र शाक्य एवं शिवसरन शाक्य ने कार्यक्रम का संचालन किया।
इस अवसर पर भिक्षु डॉ धम्मपाल थैरो भिक्षु उपनंद सरदार सिंह शाक्य रघुवीर शाक्य श्रीमती सरिता शाक्य डा देवेश शाक्य राहुल शाक्य एडवोकेट सुधीर शाक्य एडवोकेट विमल कुमार एडवोकेट अवनीश शाक्य एडवोकेट कुलदीप कठेरिया अभय शाक्य आरडी बौद्ध प्रभू दयाल एडवोकेट आदि बौद्ध अनुयाई मौजूद रहे।

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