संकिसा में पंचशील ध्वजारोहण से कौमुदी महोत्सव शुरू: कल निकलेगी धम्म यात्रा

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) विश्व विख्यात संकिसा आज बड़ी धूमधाम एवं हर्षोउल्लास पूर्वक पंचशील का ध्वजारोहण कर कौमुदी महोत्सव का शुभारंभ किया गया। संकिसा स्थित भदंत विजय सोम इंटर कॉलेज के प्रांगण में भिक्षु अश्वघोष ने पंचशील का ध्वजारोहण किया। वरिष्ठ भिक्षु धम्मकीर्ति के नेतृत्व में भिक्षु अश्वघोष एवं भिक्षु सर्वदीप महाथेरा ने बुद्ध वंदना करवाकर समारोह का शुभारंभ किया।

बुद्ध वंदना में भिक्षु धम्म रतन, भिक्षु संघ प्रिय, भिक्षु चंद्र वर्धन, भिक्षु ब्रह्मरक्षित महाथेरा, भिक्षु जयसिंह सहित दर्जनों भिक्षुगण मौजूद रहे। भिक्षु धम्मकीर्ति की अध्यक्षता में भिक्षु सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में भिक्षु धम्मकीर्ति, भिक्षु संघ प्रिय, भिक्षु धर्म प्रिय आदि भिक्षुओं ने बौद्ध धर्म के बारे में व्यापक जानकारियां दी। समारोह का संचालन भिक्षु सर्वदीप महाथेरा ने किया।

महोत्सव के आयोजक के सुनील दत्त शाक्य के निर्देशन में छात्रों की धम्म ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन भदंत विजय सोम इंटर कॉलेज में किया गया। छात्रों से भगवान बुद्ध के जीवन काल के बारे में सवाल पूछे गए। पहली बार आयोजित की गई छात्रों की प्रतियोगिता में 103 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जिनमे भदंत विजय सोम इंटर कॉलेज के 50 छात्र, पार्क इंडिया स्कूल के 38 छात्र एवं इंडिया पब्लिक स्कूल के 12 छात्र शामिल हुए।

महोत्सव में धम्मालोको बुद्ध विहार सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष अनागरिक कर्मवीर शाक्य, विख्यात बौद्ध कथा वाचक श्यामसुंदर बौद्ध, श्रेष्ठ बौद्ध कथा वाचिका राजेश्वरी बौद्ध, कथा वाचक रामनिवास बौद्ध आज सैकड़ो लोग मौजूद रहे। जनपद फर्रुखाबाद के अलावा जनपद मैनपुरी एटा इटावा बरेली एवं कानपुर के काफी बौद्ध उपासक परिजनों सहित मौजूद रहे। कर्मवीर शाक्य ने बताया कि अस्वस्थ होने के बावजूद वह कल कौमुदी महोत्सव की धम्म यात्रा में शामिल होंगे। मालूम हो कि भारतीय शाक्य परिषद के द्वारा प्रति वर्ष कौमुदी  महोत्सव का आयोजन किया जाता है।

आयोजक सुनील दत्त ने बताया कि कल प्रतियोगिता में शामिल होने वाले सभी छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।

चेयरमैन ने किया सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उदघाटन किया

देर शाम संकिसा नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनुपम राजपूत ने फीता काटकर कौमुदी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उदघाटन किया। इस दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री राहुल राजपूत पूर्व प्रधान दीपक राजपूत आदि लोग मौजूद रहे। बुद्ध कथा वाचकों ने भगवान बुद्ध के जीवन काल की लीलाओं पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

200 से 400 ईसा पूर्व : कौमुदी महोत्सव में दीपदान का उल्लेख है।

चाणक्य और चंद्रगुप्त के समय पाटलिपुत्र में कौमुदी महोत्सव मनाया जाता था। विद्वानों के अनुसार, यह उत्सव शरद पूर्णिमा को मनाया जाता था। जो कार्तिक अमावस्या (दीपावली) से 15 दिन पहले होती है। इस महोत्सव में जलाशयों पर और नावों में दीपक जलाए जाते थे। 2000 साल पहले लिखे गए ‘सप्तशती’ में भी महिलाओं द्वारा स्थान-स्थान पर दीपक रखकर उत्सव मनाने का वर्णन है।

कौमुदी महोत्सव प्राचीन भारत में मनाया जाने वाला एक उत्सव है। ‘कौमुदी महोत्सवम्’ नाम का एक नाटक भी है जो विज्जिका अथवा विजयभट्टारिका अथवा विजयाम्बिका की रचना है। जो कर्नाटक की रानी थीं। यह नाटक पाँच काण्डों में है। नाटक पाटलिपुत्र के राजकुमार कल्याण वर्मन के जीवन पर आधारित है।

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