मदरसे के फर्जीवाडे की जांच शुरू: पैमाइश में निकली सरकारी जमीन
फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) थाना कमालगंज के ग्राम जरारी निवासी नाजिम पुत्र हमीद ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग लखनऊ के निदेशक से मदरसे के फर्जीवाडे की शिकायत की है। उन्होंने निर्देशक को शिकायती पत्र भेज कर अवगत कराया है कि जनपद फर्रुखाबाद के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित मदरसा बोर्ड में फर्जी कागजों पर विभाग की आखों में धूल झोंककर मदरसे का संचालन किया जा रहा है। तौफीक खाँ व वसीम खाँ ने पूरे जनपद में तबाही मचा रखी है। इनके भय से कोई भी इनकी शिकायत करता है तो वह जनपद के अधिकारियों को गुमराह करके शिकायतकर्ता को ही उल्टा फंसाने को डरा-धमका कर अपनी शिकायत का निस्तारण अपने अनुसार करा लेता है। तौफीक खाँ व वसीम खाँ से शिकायत कर्ता को अपनी जानी एवं माली नुकसान होने का भय लगा रहता है। और वह इनके विरूद्ध शिकायत की पैरवी नही कर पाता है।
जनपद मुख्यालय पर उक्त मदरसा माफियों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कोई शिकायत की जाये तो उसका निषपक्ष निस्तारण नही होता है। तौफीक खाँ व वसीम खाँ ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके एक ही
भवन में दो दो मान्यता का रखी है (UDISE Coode 0929046335 मदरसा बशीर खाँ पब्लिक स्कूल उच्च आलिया कमालगंज एवं (UDISE Coode 09290411604 मदरसा बशीर खाँ गर्ल्स कालेज, नगला दाऊद उच्च आलिया कमालगंज) दोनो एक ही भवन में संचालित हैं। (UDISE Coode 09290410322 मदरसा दाऊद हायर सेक्रेडरी स्कूल आलिया स्तर नगला खेम रेगाई, एवं (UDISE Coode 09290411411 मदरसा दाऊद हायर सेकेण्ड्री गर्ल्स कालेज नगला खेम रैगाई कमालगंज आलिया स्तर, दोनो एक ही भवन में संचालित हैं। इसी प्रकार से (UDISE Coode 09290411902 मदरसा अल बशीर खाँ नगला दाऊद आलिया स्तर तक मान्यता प्राप्त है।
उपरोक्त लोगों के भ्रटाचार पर कार्यवाही न होने के कारण इनके काफी हौसले बुलन्द है उपरोक्त लोगों के विरूद्ध धारा 420,363, 352, 302, 307, 406 आई पी सी आदि धाराओं में मुकदमें भी दर्ज है। उक्त तौफीक खाँ, वसीम खाँ सरकारी अध्यापक के पद पर रहते हुए पाँच मदरसों का संचालन कर रहे है। जिसकी उच्च स्तरीय जाँच कराया जाना निहायत ही जरूरी है। इनमें एक ही बल्डिंग में दो मदरसों की मान्यता ली गयी है। इन दोनों व्यक्तियों के पास आय से अधिक सम्पत्तियां है तथा वसीम ने शिक्षक पद को हासिल करने के लिये भी फर्जी प्रपत्रों को लगाकर नौकरी पायी है।
शिकायती पत्र में कहा गया कि उक्त दोनों शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जाँच कर व अवैध तरीके से अर्जित की हुई सम्पत्ति की जांच कर अवैध निर्माण किये गये मकान, दुकानों व अन्य बिल्डिंगों को सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही के साथ- साथ सभी मदरसों की भी अपने स्तर से जाँच कराये। यह दोनो लोग अपने शातिर दिमाग के चलते शिकायत को दबवा देते है और कुछ दिनो बाद विभाग एवं अधिकारियों को गुमराह करते हुऐ साक्ष्यों के अभाव में निस्तारित करा देते है। नाजिम ने निदेशक से फरियाद की है कि इन शातिरों के घोटालों का पर्दाफाश करने हेतु उपरोक्त मदरसों की निम्न बिदुओं पर मुख्यालय स्तर से ही किसी उच्च अधिकारी द्वारा जाँच कराने की कृपा करें ताकि सरकारी धन का दुरूपयोग होने से बचाया जा सके।
उक्त मदरसों की कक्षा तहतानिया, फौकानिया, एवं आलिया तथा उच्च आलिया की मान्यता कब-कब और किस स्तर पर हुई है। मान्यता की मूल पत्रावली किस कार्यालय में सुरक्षित है। उक्त मदरसों की कक्षा तहतानिया, फौकानिया, एवं आलिया तथा उच्च आलिया की मान्यता में दी गयी संदान राशि (विन्यास निधि) एवं सुरक्षित कोष किस रूप में बन्धक की गयी थी क्या बन्धक की गयी राशि / सम्पत्ति मदरसे में सुरक्षित है या साक्ष्य उपलब्ध है अथवा नही। उक्त मदरसों की कक्षा तहतानिया, फौकानिया, एवं आलिया तथा उच्च आलिया की मान्यता किस सोसायटी के द्वारा करायी गयी है। और किस प्रबन्धक द्वारा पत्रावली प्रेषित की गयी है। मान्यता सम्बंधी पत्रावली किसी कार्यर्यालय में सुरक्षित है अथवा नही। उक्त मदरसों में आधुनिकीकरण स्टाफ की नियुक्ति किस तिथि को हुई है। और उनको मानदेय का भुगतान कब-कब हुआ है।
उक्त मदरसों में आधुनीकरण स्टाफ की नियुक्ति की जाँच किस अधिकारी एवं बाबू के द्वारा की गयी है और किस तिथि को आधुनिकीकरण स्वीकृत हुआ और किस तिथि को प्रथम भुगतान हुई है। और मानदेय प्राप्त करने वाले अध्यापक गण कौन कौन है। और उनको भुगतान कब-कब हुआ है।
उक्त मदरसे जिस भूमि पर स्थित है वह भूमि व भवन किस के नाम है, क्या वह भूमि व भवन को मदरसे या सोसायटी के नाम किया गया है अथवा नही। यदि हाँ तो मदरसे या सोसायटी के नाम कितने वर्ग मीटर भूमि व भवन के कितने कमरे नाम किये गये है। उक्त मदरसे जिस भूमि पर स्थित है वह भूमि ग्राम समाज व सरकारी भूमि है अथवा नही? मदरसे का भवन ग्राम समाज व सरकारी भूमि पर है तो क्या मदरसे या सोसायटी के नाम ग्राम समाज ने पटटा किया है अथवा नही। यदि हाँ तो मदरसे या सोसायटी के नाम कितने वर्ग मीटर भूमि व भवन के कितने कमरे नाम किये गये है।
उक्त मदरसों मदरसे या सोसायटी के नाम भूमि व भवन किये बिना ही स्थायी मान्यता प्रदान की गयी है और आधुनीकरण पर ले लिया गया है ऐसा किस कारण वश हुआ है और जनपद स्तर पर आज तक इसकी जाँच किस कारणवश नही की गयी है। उक्त मदरसों को आधुनिकीकरण पर कब लिया गया लिये जाने के समय क्या वही सोसायटी मदरसे का संचालन कर रही थी जिसके द्वारा मदरसे को तहतानिया, फौकानिया, एवं आलिया तथा उच्च आलिया की मान्यता प्रदान की गयी है।
उक्त मदरसों में आधुनीकरण अनुदान पर लिया गया तो अनुदान पत्रावली को किस सोसायटी के द्वारा अग्रसारित किया गया? और किस कारणवश जिस सोसायटी के द्वारा मदरसे की मान्यता प्राप्त की गयी और मदरसे का संचालन किया जाता रहा। उस सोसायटी का नाम व निशान समाप्त कर किसी दूसरी सोसायटी के द्वारा अनुदान प्राप्त करने हेतु इस्तेमाल किया गया।
उक्त मदरसों की आधुनिकीकरण अनुदान पर लिये जाने की पत्रावली मुख्यालय व जनपद एवं मदरसे तथा प्रबन्धक कार्यालय में सुरक्षित है अथवा नही। उक्त मदरसों की आधुनिकीकरण अनुदान पर लिया गया तो अनुदान पत्रावली जनपद से जॉच करते समय उपरोक्त साक्ष्यो को देखा गया है अथवा नही और जॉच आख्या मदरसे एवं प्रबन्धक तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के जनपद कार्यालय में सुरक्षित है अथवा नही। उक्त मदरसों की आधुनिकीकरण अनुदान पर लिया गया तो प्रथम वेतन बिल का भुगतान किस आधार पर किया गया है, क्या प्रधानाचार्य एवं प्रबन्धक द्वारा वेतन का भुगतान किया गया है अथवा नही।
उक्त मदरसों की आय-व्यय का स्त्रोत क्या है और धनराशि का आहरण वितरण किस प्रकार किया जाता है खातों का संचालन प्रबन्धक व प्रधानाचार्य के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाता है अथवा नही ।
उक्त मदरसों की मान्यता दिनांक से आज तक मदरसों के समस्त प्रकार के खातों का संचालन किस किस प्रबन्धक व प्रधानाचार्य द्वारा किया गया है।
उक्त मदरसों की मान्यता दिनांक से आज तक मदरसे के खातें छात्र वृत्ति की कितनी-कितनी धनराशि का हस्तान्तरण हुआ है और हस्तान्तरित खाता किस किस के द्वारा संचालित किया गया है।
उक्त मदरसों की मान्यता दिनांक से आज तक मदरसे के मध्यान्ह भोजन योजना की कितनी धनराशि का हस्तान्तरण हुआ है और हस्तान्तरित खाता किस किस के द्वारा संचालित किया गया है।
नाजिम ने अनुरोध किया है कि उपरोक्त बिन्दुओं पर निपक्ष जाँच कराने के आदेश पारित करने की कृपा करे ताकि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग फर्रुखाबाद के माध्यम से मिली भगत करके सरकारी धन की गयी दुरूपयोग की वापसी करायी जा सके। दोषियों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही पूर्ण करायी जा सके। आपसे सादर प्रार्थना है कि मुझे उक्त दोनो मदरसा माफियाओं से अपनी जान का भय है क्यो कि इनको शिकायत कर्ता की शिकायती कापी मिल जाती है इसलिये वह शिकायत कर्ता को डराने धमकाने का कार्य करते है। मुझे सामने आकर शिकायत करने में जान माल का खतरा हो सकता है यदि मेरी गोपनियता के कारण इस शातिर के विरूद्ध कार्यवाही करने में कठिनाईयों हो तो मै अपनी जान की परवाह न करते हुऐ जॉच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के लिये भी तत्पर है। परन्तु इस भ्रष्ट व्यक्तियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही होना अति आवश्यक है।
पैमाइश में निकली सरकारी जमीन
नाजिम ने एफबीडी न्यूज को बताया कि आज कानूनगो शैलेंद्र सिंह राठौर, लेखपाल अभय त्रिवेदी, नेहा मिश्रा, अमित राठौर एवं अजीत गुप्ता की टीम ने भूमि की पैमाइश की है। मदरसा भवन में 7 डिसमिल जमीन सरकारी निकली है। अवैध रूप से की जा रही प्लाटिंग की भूमि में 10 डिसमिल परती भूमि निकली है चकरोड की भूमि पर भी प्लाटिंग की गई है।