फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट महेंद्र सिंह की अदालत ने दलित ग्रामीण की हत्या के मामले में सात आरोपियों को सात आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्तगण संतोष मिश्रा, बलू मिश्रा, नन्हें अजीत, हरिओम, रामदुलारे सुशील, प्रत्येक को धारा 147 के अपराध के लिए एक वर्ष का कारावास 1500 का अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सजा। धारा 148 के अपराध के लिए एक वर्ष का कारावास ३००० का अर्थ अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास।
धारा 323/149 के अपराध के लिए 6 माह का कारावास 500 का अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास। धारा 307/149 के अपराध के लिए दस वर्ष का कारावास 10,000 का अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास। धारा 302/149 के अपराध के लिए आजीवन कारावास व 15000 का अर्थदंड, अर्थदंड करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास। धारा 3(2) एस०सी०एस०टी०एक्ट के अपराध के लिए 15000 का अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा दी है।
अभियुक्त अजीत को धारा 25/27 आयुष अधिनियम के अपराध के लिए दो वर्ष का कारावास 5000 अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त करावास से दण्डित किया है।
अभियुक्तगण की सभी सजाए साथ साथ चलेगी तथा अभियुक्तगण द्वारा जेल में बितायी गयी अवधि उक्त में समायोजित की जायेगी। थाना राजेपुर के ग्राम कुसमापुर की कटरी में जमीन पर कब्जा करने को लेकर दलित एवं ब्राह्मणों में विवाद था। 7 अक्टूबर 2009 को दोनों पक्षों में संघर्ष के दौरान एक दूसरे पक्ष पर हमला किया गया था। इसी हमले में गंभीर रूप से घायल बालकिशन जाटव की उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
बालकिशन के बेटे विपिन ने गांव कुसमापुर के 14 हमलावरों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता अशोक कटियार व अनुज प्रताप सिंह ने पीड़ित पक्ष की जमकर पैरवी की। विशेष न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने बीते दिन सातो आरोपियों को दोषी ठहराया और अन्य आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया था। अदालत के फैसले की जानकारी होते ही हत्यारों के परिवार में मातम छा गया। जबकि न्याय मिलने के कारण पीड़ित परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।