रामानंद बालिका इंटर कॉलेज की बर्खास्त प्रवक्ता की बहाली के विरुद्ध न्यायालय में याचिका मंजूर

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने स्वामी रामानंद इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति की ओर से दायर की गई रिट याचिका मंजूर कर ली है। बीते दिन माननीय न्यायाधीश विक्रम डी. चौहान, जे. याचिका की सुनवाई की। कॉलेज की बर्खास्त कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्रीमती प्रीति चतुर्वेदी प्रतिवादी संख्या 3- के अधिवक्ता जेपी सिंह ने यह आपत्ति उठाई है कि याचिकाकर्ता के पास वैकल्पिक उपाय उपलब्ध है, अर्थात् उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 की धारा 16(g)(3)(c) के अंतर्गत क्षेत्रीय उप निदेशक, शिक्षा के समक्ष अपील दायर की जा सकती है, जो कि दंड के अस्वीकृति आदेश के विरुद्ध होनी चाहिए।

कॉलेज के प्रबंधक विनीत अग्निहोत्री याचिकाकर्ता के अधिवक्ता योगेश कुमार सक्सेना ने कहा कि वाद की परिस्थितियां इस आधार पर याचिका को खारिज करने योग्य नहीं हैं कि वैकल्पिक उपाय उपलब्ध है, क्योंकि जिला विद्यालय निरीक्षक, फर्रुखाबाद द्वारा पारित अस्वीकृति आदेश में विचार-विमर्श का अभाव है। उन्होंने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक ने केवल निलंबन के अस्वीकृति आदेश का उल्लेख किया है और तत्पश्चात दंड प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अनुशासनात्मक जांच के दौरान प्राप्त साक्ष्यों पर कोई निष्कर्ष नहीं दिया गया है।

जब आदेश में मंतव्य का अभाव हो, तब वैकल्पिक उपाय भी उतना ही प्रभावी नहीं माना जा सकता। रद्द आदेश का अवलोकन करने पर यह प्रतीत होता है कि केवल निलंबन के अस्वीकृति आदेश को ही संज्ञान में लिया गया है और उसके पश्चात दंड प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया। जिला विद्यालय निरीक्षक ने न तो यह उल्लेख किया है कि जांच के दौरान क्या साक्ष्य प्राप्त हुए, और न ही यह कि वे साक्ष्य अस्वीकार्य क्यों हैं। आदेश में यह तो कहा गया है कि आरोप गंभीर नहीं हैं, जबकि आरोप वित्तीय अनियमितताओं और उच्चाधिकारी के साथ दुर्व्यवहार से संबंधित हैं। तदनुसार, यह याचिका विचारणीय है।

प्रतिवादी संख्या 3 के अधिवक्ता ने प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने हेतु तीन सप्ताह का समय मांगा, जो कि प्रदान किया जाता है। माननीय सरकारी अधिवक्ता भी उपरोक्त अवधि के भीतर प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता को एक अन्य मामले में पहले ही निलंबित किया जा चुका है, जिसे जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा दिनांक 03.01.2024 को स्वीकृति प्रदान की गई है।

यह न्यायालय वर्तमान मामले में दंड अस्वीकृति आदेश से संबंधित है, अतः अन्य निलंबन आदेश के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की जा रही है। यह मामला दिनांक 20.05.2025 को सूचीबद्ध किया जाए। मालूम हो कि कॉलेज की प्रबंध समिति ने वर्ष 2021 में श्रीमती प्रीति चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया था जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर इस पर प्रबंध समिति ने श्रीमती प्रीति चतुर्वेदी को बर्खास्त कर दिया लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक ने श्रीमती प्रीति चतुर्वेदी के बर्खास्ती वाले आदेश को अमान्य कर दिया था। जिसके विरुद्ध कॉलेज के प्रबंधक विनीत अग्निहोत्री ने रिट दायर की है।

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