राघवदत्त मिश्रा ने जवाहर सिंह गंगवार के खिलाफ मोर्चा खोला

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) महानगर अध्यक्ष राघव दत्त मिश्र ने अखिलेश यादव पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष से भगवान परशुराम के विरुद्ध की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण पार्टी से प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। श्री मिश्रा ने अखिलेश यादव को अवगत कराया है कि आपके द्वारा समाजवादी पार्टी के शासन में ब्राह्मण हित में कई कार्य किये गये, जिनका व्याख्यान करना ही बहुत विस्तृत हो जायेगा। आपकी इसी सोच के कारण मैं समाजवादी पार्टी में 2017 में भाजपा सरकार बनवाने के बाद 2018 में शामिल हो गया था।

आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि कलेक्ट्रेट में कल के धरना प्रदर्शन में जवाहर सिंह गंगवार नामक व्यक्ति जो कि हमेशा समाज विरोधी विवादित वक्तव्यों के लिये कुख्यात है। उसे कार्यक्रम में वक्तव्य देने वाले लोगों में शामिल कर आमंत्रित किया गया। जवाहर सिंह गंगवार द्वारा हमारे आराध्य भगवान श्री परशुराम जी के लिये आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। जो कि आपके व पार्टी द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के विरोधाभासी है। आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं धरने की अध्यक्षता अध्यक्षता जिलाध्यक्ष चन्द्रपाल सिंह यादव स्वयं कर रहे थे। फिर भी उनके द्वारा कोई आपत्ति जवाहर सिंह गंगवार के विवादित वक्तव्य पर न तब की गई और न अभी तक की गई है।

जिस कारण फर्रुखाबाद महानगर जो कि ब्राह्मण बाहुल्य है वहां ब्राह्मण समाज के लोगों में सपा की ब्राह्मण समाज के प्रति नीति व निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है? आपके द्वारा मुझे महानगर अध्यक्ष बनाया जाना जनपद ही नहीं बल्कि आस-पास के जनपद के ब्राह्मणों के लिये व मेरे लिये बहुत ही सम्मानजनक है। मेरे द्वारा ब्राह्मण समाज की सोच पार्टी के प्रति बराबर सकारात्मक की गई चाहे फिर लोकसभा चुनाव हो या नगर पालिका चुनाव। ब्राह्मणों ने समाजवादी पार्टी को वोट भी दिया और सपोर्ट भी किया।

श्री मिश्रा ने फरियादी की है कि ऐसे ब्राह्मण व अन्य समाज विरोधी गतिविधि चलाने वाले जवाहर सिंह गंगवार जैसे व्यक्तियों को पार्टी के कार्यक्रमों के वैन किया जाये। जिससे मेरे द्वारा किये जा रहे पार्टी हित के कार्यों में ग्रहण न लगे। आपके इस निर्णय से फर्रुखाबाद ही नहीं आस-पास के जिलों में भी सकारात्मक सन्देश जायेगा। क्योंकि यह प्रकरण फर्रुखाबाद ही नहीं आस-पास के जिलों में भी अति चर्चित हो गया है।

जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव की सफाई

समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव ने राघव दत्त मिश्रा के आरोप के बारे में सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि कल 1 मई को जिला कलेक्ट्रेट पर एक सफल और शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य महामहिम राष्ट्रपति को यह अवगत कराना था कि समाजवादी पार्टी के वर्तमान राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन जी पर करणी सेना द्वारा बार-बार जानलेवा हमले किए जा रहे हैं, जिन पर प्रदेश सरकार की मूक स्वीकृति प्रतीत होती है।

यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि संपूर्ण पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज पर सीधा हमला है। धरना-प्रदर्शन में फर्रुखाबाद जनपद सहित पूरे प्रदेश से दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और शोषित वर्गों की भागीदारी रही। इस अवसर पर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष जवाहर सिंह गंगवार ने अपने विचार रखते हुए बार एसोसिएशन में परशुराम जयंती न मनाने की बात कही थी। इस विषय को लेकर आज मेरी स्वयं जवाहर सिंह गंगवार से फोन पर वार्ता हुई। बातचीत के दौरान मैंने उनसे इस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा। उनके इस विचार को कुछ लोगों द्वारा राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने बताया कि वह वर्तमान में किसी महत्वपूर्ण कार्यवश प्रदेश से बाहर जा रहे हैं। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि लौटने के पश्चात वह मुझसे मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा उनका किसी भी धर्म जाति के देवी देवता एवं महापुरुष को अपमानित करने का उद्देश्य नहीं था। वह वापस लौटने के पश्चात अपने बयान की मूल भावना से अवगत कराएंगे। इसके पश्चात मैं इस प्रकरण पर पूरी रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय नेतृत्व के संज्ञान में अवश्य लाऊंगा।

समाजवादी पार्टी यह स्पष्ट करना चाहती है कि हम हर धर्म, जाति और समुदाय के महापुरुषों व देवी-देवताओं का सम्मान करते हैं। लेकिन किसी भी महापुरुष को जातिगत चश्मे से देखना अनुचित है। भगवान परशुराम केवल एक जाति के नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के प्रतीक हैं। हमें ऐसे मुद्दों पर राजनीति करने की बजाय आपसी सौहार्द और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना चाहिए।

प्रदेश सरकार द्वारा पीडीए समाज पर किए जा रहे अन्याय व दमन के खिलाफ समाजवादी पार्टी पूरी मजबूती से संघर्षरत है और रहेगी। आज जो सत्ता में हैं, वे केवल चुनाव के समय धर्म की राजनीति करते हैं और बाद में समाज को जातियों में बांटते हैं यह राष्ट्र और समाज दोनों के लिए घातक है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय जनता पार्टी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज की एकजुटता से बौखला गई है, क्योंकि अब यह समाज उन्हें सिर्फ एक वोट बैंक नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से जागरूक और संगठित शक्ति के रूप में नजर आने लगा है। यही कारण है कि सत्ताधारी दल बिना बात के मुद्दे बनाकर, समाज को गुमराह करने और सामाजिक एकता को खंडित करने का प्रयास कर रही है।
लेकिन समाजवादी पार्टी इस राजनीति को भलीभांति समझती है और हर मोर्चे पर पीडीए वर्ग के सम्मान, अधिकार और न्याय के लिए संघर्ष करती रहेगी।

हम राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी के नेतृत्व में पीडीए समाज के हक और सम्मान की लड़ाई को कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ाते रहेंगे।

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