फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) भाजपा विधायक सुशील शाक्य ने बीती शाम ठंडी सड़क स्थित श्रीमती श्यामा देवी सभागार में आयोजित बुद्ध जयंती जागरण के दौरान आयोजकों के झूठे प्रचार की पोल खोल दी। आयोजकों को बीते दिन नगर में भगवान बुद्ध की शोभा यात्रा निकालने की अनुमति नहीं मिली थी। इसी बात को छिपाने के लिए संगठन के भोपू ने प्रचार किया कि ऑपरेशन सिंदूर चलने के कारण जिलाधिकारी ने सभी बुद्ध जयंती के शोभायात्रा के कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं।
विधायक श्री शाक्य ने असलियत उजागर करते हुए कहा कि प्रशासन ने नया कार्यक्रम होने के कारण आयोजन की अनुमति नहीं दी। बीबीगंज से नगर में भगवान बुद्ध की शोभा यात्रा निकालने की तैयारी थी। श्री शाक्य ने बताया आयोजन समिति शाक्य उत्थान समिति 8 सालों से मृत अवस्था में थी इस दौरान समिति ने कोई कार्यक्रम नहीं किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया की प्रभु दयाल को संकिसा में डॉक्टर अंबेडकर जयंती की शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं मिली थी। तब उन्होंने बुद्ध विहार में ही अंबेडकर जयंती मनाई थी।
श्री शाक्य ने बौद्ध धर्म के नाम की आड़ में अपने चेहरे चमकाने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि कल भगवान बुद्ध का जन्म दिवस है। इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाना चाहिए जिससे सभी लोगों को पता चले कि यह भगवान बुद्ध के जन्मदिन का कार्यक्रम है। ईसा मसीह के जन्मदिन पर चर्च को बेहतर ढंग से सजाया जाता है जिससे सभी लोग जान जाते हैं कि यह क्रिश्चियन लोगों का त्यौहार है।
श्री शाक्य ने संबोधन की शुरुआत में डॉक्टर नवल किशोर शाक्य एवं अशोक मौर्य का नाम लेते हुए कथित बुद्धिस्टों पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि हम लोग इस तरह भगवान बुद्ध की जयंती मनाते हैं कि पड़ोसी को भी पता नहीं चलता, हम लोगों को चेहरे पर प्रशंसा नहीं दिखती। पंचशील की झंडी लगाकर खुशी का इजहार कर सकते हैं खीर का वितरण कर सकते हैं। उन्होंने भंते गणों की खिंचाई करते हुए कहा कि वह बौद्ध धर्म की चर्चा के दौरान तृष्णा एवं पंचशील का भी पाठ करते हैं लेकिन कितने लोग ऐसे हैं जो पंचशीलों का पालन करते और बुद्ध के आचरण को ग्रहण करते।
पंचशील एवं अष्टांग का पालन करने वालों के चेहरे पर तेज दिखाई पड़ता है और वाणी में शालीनता होती है। उन्होंने भंते गणों को बुद्ध के बताए रास्ते पर चलने का अभ्यास कराए जाने का आवाहन करते हुए कहा कि ऐसा होने पर समाज में सुख दिखेगा और लोग बौद्ध धर्म से जुड़ते जाएंगे। उन्होंने बताया की बौद्ध धर्म को विश्व में सबसे लोकप्रिय बनाये जाने का प्रयास करना चाहिए।