फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज यहां फर्रुखाबाद को कूड़े का शहर बताया। श्री यादव गेस्ट हाउस में पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव के त्रयोदशी संस्कार कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। श्री यादव ने भाजपा सरकार की बखिया उड़ते हुए कहा कि मैंने यहां आते समय पूरे शहर में चारों ओर कूड़ा देखा। सड़क पर आवारा जानवर देखे जाने पर तंज कसते हुए कहा कि यहां आवारा पशुओं को पकड़ने की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने ने कहा की छोटे सिंह यादव के द्वारा पार्टी के आंदोलन में किए गए संघर्ष की पूर्ति नहीं की जा सकती, लेकिन उनके परिजन इस कमी की भरपाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा आपस में जातियों को एवं धर्म में लड़ने लगी है, जाति धर्म की बात कहने पर पाबंदी लगाई है। इतना भ्रष्टाचार एवं महंगाई इमरजेंसी के समय नहीं थी। भाजपा को अघोषित इमरजेंसी की बरसी मनानी चाहिए। श्री यादव ने इटावा की घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा की वर्चस्वादी व शोषण करने वाले लोगों की समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। लोगों को गीता सुनने का अधिकार है तो कथा कहने का भी अधिकार है।
यदि भाजपा इस पर पाबंदी लगाना चाहती है तो उसे कानून लाना चाहिए। उन्होंने बताया की सोची समझी साजिश के साथ कथा वाचक की चुटियां काटकर बाल मुडाये गए। विश्व गुरु बनने का सपना देखने वाली भाजपा के शासन में ऐसी ओछी घटनाएं हो रही है। भाजपा सरकार में पेशाब पिलाना, पेशाब डालना एवं पेशाब छिड़क कर शुद्ध कर देना आम बात हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पांचाल घाट के क्षतिग्रस्त पुल के निर्माण में भाजपा पर रुपए खाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार आने पर 8 लेन का पुल बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमने ग्वालियर से बरेली बॉर्डर तक के मार्ग को 6 लेन की सड़क बनबाने की मांग की थी।
भाजपा सरकार ने चार लेन का आश्वासन दिया लेकिन दो लेन की सड़क बनाई जा रही है। श्री यादव ने बताया कि सपा सरकार आने पर नौकरियों में आउटसोर्सिंग खत्म करेंगे। इस दौरान सपा के जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव महासचिव इलियास मंसूरी, लोकसभा के प्रत्याशी डॉक्टर नवल किशोर शाक्य एवं मोहन यादव अखिलेश यादव के पास डटे रहे। अखिलेश यादव के सुरक्षा कर्मियों ने मीडिया के साथ बद सलूकी की। परिचय पत्र न दिखा पाने वाले मीडिया कर्मियों को धक्का देकर हटाया गया। अपरा तफरी के माहौल में श्री यादव ने दो मंजिले से नीचे उतरते समय जीने पर खड़े होकर मीडिया से वार्ता की।
पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो इस दौरान समर्थकों में अपना अपना चेहरा दिखाने की होड़ लग गई। परिचित लोग भैया- भैया कह कर चिल्लाने लगे अपरा तफरी में कुर्सियां बिखर गई। जब श्री यादव परिजनों को ढाढस बंधाने गेस्ट हाउस के अंदर गए तो गेट पर आपाधापी मची रही। अनेकों सक्रिय कार्यकर्ता श्री यादव से मिलने के लिए अंदर जाने के लिए धक्का मुक्की करते रहे। जिससे अंदर भोजन ले जाने वालों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बसपा सरकार के काबीना मंत्री अनंत कुमार उर्फ अंटू मिश्रा साइड के दरवाजे से अखिलेश यादव से मिलने गए। कार्यक्रम में पूर्व विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी, उर्मिला राजपूत, अरशद जमाल सिद्दीकी, नदीम अहमद फारुकी, मंदीप यादव, राघव दत्त मिश्रा, सुभाष चंद्र शाक्य एडवोकेट, उमर खां, यूनुस अंसारी, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह यादव, मुन्ना यादव एडवोकेट, हाजी अहमद, डॉक्टर जेपी सिंह, विजय यादव विटाना अग्निहोत्री आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे। जब श्री यादव का काफिला टाउन हॉल 13 से गुजर रहा था तभी समर्थकों ने पूर्व मुख्यमंत्री के वाहन को रोक लिया।
सपा नेता रंजीत चक ने बताया कि मैंने ही अखिलेश यादव को रोका था मुझे देखते ही वह बोले कि तुम अभी जिंदा हो, तो मैंने बताया मैं जिंदा हूं।