सत्य मोहन पांडे को अवैध कब्जे की छूट

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) शासन स्तर के आदेश के बावजूद सरकारी जमीन सवर्णों का अबैध कब्जा न हटाए जाने से गुस्साए पिछड़े व दलित समाज की अधिवक्ता आंदोलन करने को तैयार हो गए हैं। अधिवक्ता प्रताप सिंह ने साथियों सहित आज जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर सरकारी जमीन के अतिक्रमण हटाने मे चल रहे जाति के आधार पर भेदभाव को खत्म कर सभी को समान दृष्टि से देखते हुए अतिक्रमण हटाने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकारी जमीन के अवैध अतिक्रमण हटाने में पिछले काफी समय से जाति के आधार पर भेदभावपूर्ण तरीके से कार्य किया जा रहा है।

एक तरफ नवाबगंज के उखरा ग्राम में पिछड़े वर्ग के घर तोड़कर उन्हें बेघर करके खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर कर दिया गया। इसी प्रकार कमालगंज के फतेउल्लापुर में दलितों के घर तोड़कर उन्हें बेघर करके खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर कर दिया गया। वही दूसरी ओर फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन रोड पर राजस्व कर्मियों द्वारा पैमाइश के आधार पर 27-09-2024 को चिन्हित सरकारी जमीन के अतिक्रमण को आज तक नहीं हटाया गया है। पैमाइश कर चिन्हित किए गए अतिक्रमण में सत्यमोहन पांडे और संतोष गुप्ता की पूरी दुकाने सरकारी जमीन पर बनी हुई पाई गई।

सत्यमोहन पांडे द्वारा दुकान किराए पर उठाई गई और संतोष गुप्ता द्वारा दुकान में कार्यालय बनाया गया है। बार बार शिकायत किए जाने पर नगर पालिका द्वारा दो बार नोटिस दिए गए। अतिक्रमण हटाने हेतु मजिस्ट्रेट नामित किए गए फिर भी जातीय आधार पर भेदभाव के चलते अतिक्रमण नहीं हटाया गया। अभी कुछ समय पूर्व प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग द्वारा भी नोटिस चस्पा किए गए परंतु फिर भी अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। इस प्रकार एक तरफ दलित पिछड़े वर्ग के लोगों को उनके घर तोड़कर बेघर कर दिया गया।

वहीं दूसरी ओर जातीय आधार पर भेदभाव करते हुए सत्यमोहन पांडे को सरकारी जमीन पर दुकान बनाकर किराए पर उठाने और संतोष गुप्ता को सरकारी जमीन पर दुकान बनाकर कार्यालय बनाने की छूट दी जा रही है। प्रशासन के द्वारा इस तरह जातीय आधार पर दोहरा रवैया अपनाने से दलित व पिछड़े वर्ग के लोगों में रोष व्याप्त है। आम लोगों के बीच जनपद में दो तरह के कानून होने का गलत संदेश जा रहा है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के फतेहगढ रेलवे स्टेशन रोड के सरकारी जमीन के चिन्हित अतिक्रमण के प्रकरण की जांच कर तत्काल प्रभावी कार्रवाई किए जाने और कृत कार्रवाई से अवगत कराने के आदेश के बाद भी अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही न करके मुख्यमंत्री के उप सचिव के आदेश की घोर अवहेलना जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की जा रही है। सरकारी जमीन को अवैध अध्यासन से मुक्त कराने के मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश की घोर अवहेलना और जाति के आधार पर भेदभाव पूर्ण कार्य करने को किसी भी दिशा में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

24 दिसंबर 2024 में उप जिलाधिकारी सदर द्वारा द्वारा लगाई गई आख्या में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि फतेहगढ़ फर्रुखाबाद मुख्य मार्ग से फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन को जाने वाले मार्ग सड़क पुख्ता गाटा संख्या 374 के दोनों तरफ दुकान/मकान बढ़ाकर मार्ग अतिक्रमित किया गया है। राजस्व कर्मियों की पैमाइश और उप जिलाधिकारी की आख्या से स्पष्ट है कि सरकारी जमीन पर ही अतिक्रमण है जिसको अविलंब हटाया जाना मुख्यमंत्री का आदेश का पालन करने हेतु आवश्यक है।

अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए अविलंब उक्त अतिक्रमण को हटवाकर सरकारी जमीन को अवैध अध्यासन से मुक्त कराकर कानून की दृष्टि में बिना जाति के भेदभाव के सभी के बराबर होने का संदेश देने की कृपा करें। अथवा अतिक्रमण हटाने की मंशा ना होने पर जनपद में सभी को सरकारी जमीन पर दुकान बनाकर किराए पर उठाने अथवा कार्यालय बनाने की सार्वजनिक अनुमति प्रदान करने की कृपा करें। अन्यथा हम दलित पिछड़े वर्ग के लोग धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी जातीय आधार पर भेदभावपूर्ण कार्य कर रहे अधिकारियों की होगी।

ज्ञापन देने वालों मे प्रताप सिंह के साथ आशीष शाक्य, मनोज कटियार, ललित शाक्य, देवेश सिंह पाल, अभय प्रताप सिंह, सर्वेश कुमार, समीर यादव, बृजेश कुशवाहा, आनंद यादव, राधेश्याम, राजेश कठेरिया, अरुण शाक्य, विनीत कुमार, नितिन यादव, धर्मेंद्र सिंह, आदि प्रमुख थे। मालूम हो कि सत्यमोहन पांडे कानपुर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र के कार्यालय प्रभारी है पूर्व में जिला संवाददाता रहे हैं।

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