आरएसएस की बौद्धों से चर्चा: संकिसा में

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में आज धम्मालोको बुद्ध बिहार परिसर, संकिसा फर्रुखाबाद में “100 वर्ष की संघ यात्रा : सेवा और समर्पण” नामक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ इंद्रेश जी और वरिष्ठ आईएस अधिकारी अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण विभाग वेंकटेश्वर लू के द्वारा बौद्ध भिक्षुओं और बौद्ध समाज के लोगों से चर्चा वार्ता की गई। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश जी का आए हुए सभी सम्मानित लोगो को प्रेरणादायी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। जिससे सेवा, संगठन और राष्ट्रहित के प्रति आए हुए लोगों की प्रतिबद्धता को और अधिक दृढ़ बनाया।

वरिष्ठ आईएस अधिकारी वेंकटेश्वर लू अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण विभाग की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम की गंभीरता, प्रासंगिकता और प्रेरक वातावरण को और अधिक सशक्त बनाया।
डॉ इंद्रेश ने संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि संघ की सौ वर्षीय यात्रा केवल समय का अंकन नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण की दिशा में किए गए उन अनगिनत प्रयासों का सशक्त प्रतीक है। जिन्होंने समाज को संगठित करने, आत्मबल जागृत करने और राष्ट्रीय चेतना को दृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कार्यक्रम में आए हुए सम्मानित लोगों से हुए विचार-विमर्श ने सेवा, समाज-शक्ति और संगठनात्मक दृष्टि को और अधिक प्रबल बनाया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रान्त प्रचारक विनोद जी सह प्रान्त बौद्धिक प्रमुख कृष्ण वीर शाक्य जी विभाग प्रचारक कुलदीप जी जिला प्रचारक मदनलाल जी विभाग कार्यवाह सौरभ चौहान बौद्ध भिक्षु डॉ धम्मपाल थैरो, भिक्षु चेतसिक बोधि, फर्रुखाबाद की वरिष्ठ समाजसेवी और गायनी विशेषज्ञ डॉ रजनी सरीन, भाजपा विधायक सुशील शाक्य, भाजपा सांसद मुकेश राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव, अलीगंज से भाजपा विधायक सत्यपाल सिंह राठौर के पुत्र अभय प्रताप सिंह (सूरज राठौर) रामसेवक शाक्य, नगर कार्यवाह अम्बरीश जैन, नगर व्यवस्था प्रमुख रामू निर्मल गुप्ता, सहित अनेक सम्मानित जन उपस्थित रहे। मंच संचालन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त बौद्धिक प्रमुख कृष्णवीर जी ने किया।

इस अवसर पर करीब 2 दर्जन बौद्ध भिक्षुओं को भोजन दान किया गया। भिक्षुओं को लिफाफे में मुद्राएं भेंट की गई, किसी के लिफाफे में 500 तो किसी के लिफाफे में 50 का नोट निकला। कार्यक्रम में भिक्षु आनंद कीर्ति, भिक्षु धम्म रतन, भिक्षु अश्व घोष, भिक्षु संघरत्न, भिक्षु संघ तीर्थ आदि शामिल रहे।

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