प्रधान ने केंचुआ खाद बनाने के बताये हुनर: जिले के प्रमुख उत्पादक

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम के तहत ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा ब्लॉक बढ़पुर की ग्राम पंचायत बसेली के ग्राम सिलाह में प्रशिक्षण कैंप का आयोजन किया गया। प्रवर्तक बैंक ऑफ़ इंडिया आर एसईटीआई फतेहगढ़ के ट्रेनर राज नरायन यादव जिले के सुमित सदन अंशुल चौहान 20 बेरोजगार युवकों को लेकर पहुंचे। प्रधान सुनील यादव ने अपने खेत में करीब एक बीघा में लगे कंपोजिट प्लांट पर बेरोजगार युवकों को बताया कि किस तरह केंचुए से कंपोजिट, बर्मी अथवा जैविक खाद बनाई जाती है। गमलों में खाद डालने के लिए करीब 10 किलो केंचुओं जरूरत है, यदि खेत में खाद डालनी है तो करीब 50 केंचुए चाहिए। 1500 रुपयों में एक ट्राली गोबर मिल जाता है।

श्री यादव ने बताया की करीब दो माह में केंचुओं से खाद तैयार हो जाती है। उन्होंने बताया कि हम 200 रुपये किलो भाव से केंचुए बेचते हैं जबकि राजस्थान में केंचुओं का भाव 300 रुपये किलो है। जिले के प्रमुख जैविक खाद के निर्माता प्रधान सुनील यादव ने बताया की वह दो माह में 200 बोरी खाद तैयार कर लेते हैं। इस साल करीब 1 हजार केंचुआ खाद की बोरी बेच चुके हैं। वह आलू की फसल ऑर्गेनिक तरीके से करते हैं यूरिया की पूर्ति के लिए आलू की फसल पर गाय के मूत्र का छिड़काव करते हैं। ट्रेनर श्री यादव ने केंचुओं से खाद के अलावा डेयरी फार्मर का प्रशिक्षण दिलाया।

उन्होंने बेरोजगार युवाओं को जैविक खाद, केंचुआ खाद के महत्व के बारे में भी बताया कि यह खाद दुनिया की सबसे पावरफुल खाद होती है। इससे फसल की पैदावार कैमिकल खाद की अपेक्षा काफी गुना अधिक होती है। साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी कम नहीं होती है। हमें इसी खाद का प्रयोग करना चाहिए, इस खाद से तैयार की गयी फसलों में पोषक तत्व भी नष्ट नहीं होते हैं और हम बीमारियों से भी दूर रहते हैं। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मुहैया कराना है।

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