फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) पुलिस प्रशासन ने बौद्ध एवं सनातन धर्मियों के बीच बैठक कर शांति बनाए रखने पर सहमत बनवाई है। कायमगंज के सीओ राजेश कुमार द्विवेदी ने आज दोपहर बाद मेरापुर थाने में दोनों पक्षों के साथ स्तूप से मूर्तियां हटाए जाने के विवाद के संबंध में बैठक की। मूर्ति विवाद के संबंध में पूछे जाने पर संकिसा भिक्षु संघ के अध्यक्ष डा धम्मपाल महाथैरो ने बताया कि वह सारनाथ से आई धम्म यात्रा के भिक्षुओं के साथ स्तूप के नीचे पूजन करने के बाद धर्म देशना कर रहे थे। हम लोगों को विवाद निपट जाने के बाद घटना की जानकारी हुई। सीओ श्री द्विवेदी ने बताया कि मैंने चीवर धारण करने वाले नाबालिक भिक्षुओं को शांति का दूत समझा था लेकिन उन्होंने जाने अनजाने में गलत हरकत करके अशांति फैलाने का प्रयास किया।
जिसका खामियाजा पुलिस के आधा दर्जन कर्मचारियों को सस्पेंड होकर भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना नहीं होनी चाहिए। मां बिसारी देवी सेवा समिति के संयोजक अतुल दीक्षित ने बौद्ध समर्थकों पर आरोप लगाया किया कि यह लोग वारदात करा देते हैं दिलीप दीक्षित कोटेदार ने आरोप लगाया कि इन लोगों ने समझा बूझाकर भिक्षुओं को स्तूप पर भेजा था। गलत आरोप लगाए जाने पर सीओ श्री द्विवेदी ने नाराजगी जाहिर करते हुए दिलीप दीक्षित को चुप रहने के लिए डांटते हुए बताया कि भिक्षु स्थानी नहीं सारनाथ से आने वाली यात्रा के थे पुलिस का कडा रूख़ देखकर दिलीप दीक्षित ने सॉरी बोला।
भाजपा के जिला मंत्री अतुल दीक्षित अपनी भड़ास निकलते हुए का कि जब-जब डॉक्टर नवल किशोर धम्म यात्रा में शामिल होते हैं तभी बवाल होते हैं। सीओ श्री द्विवेदी ने अतुल दीक्षित के आरोप को नकारते हुए कहा कि आप राजनीतिक बात कर रहे हैं। धम्मालोको बुद्ध विहार सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष कर्मवीर शाक्य ने नए सफाई दी कि वह व उनके समर्थक सारनाथ से आने वाले भिक्षुओं के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे थे। इसीलिए वह लोग भिक्षुओं के साथ स्तूप पूजन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। श्री शाक्य ने दावा किया कि मैं 45 वर्षों से स्तूप के ऊपर नहीं गया हूं स्तूप के अंदर पूज्य भगवान बुद्ध की अस्थियां रखी है। इसलिए वह अपने अनुयाइयों को भी स्तूप पर जाने के लिए रोकते हैं।
जब मुझे घटना की जानकारी हुई तो मैंने उसी दिन ही सोशल मीडिया पर घटना की जोरदारी से निंदा की थी। श्री शाक्य ने कहा की स्तूप पर पंचशील अथवा भगवा झंडा लगाए जाने पर प्रतिबंध है, तो स्तूप पर ले जाकर देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां क्यों रखी जा रही है। अंत में सीओ ने सभी लोगों को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि आपने विवाद को तूल नहीं दिया। उन्होंने लोगों को शांत रहने का सुझाव देते हुए कर्मवीर को इंगित करते हुए कहा कि मुखिया होने के नाते इन्होंने घटना की निंदा करते हुए बयान दिया था। बैठक में भंते धम्म रत्न, धम्मालोको बुद्ध विहार सेवा ट्रस्ट के उप प्रबंधक रघुवीर शाक्य, संजू पांडे आदि लोगों के साथ ही मेरापुर थानाध्यक्ष राजीव कुमार पांडे मौजूद रहे। संकिसा मुक्ति संघर्ष समिति के संयोजक कर्मवीर शाक्य ने बताया की अदालत का स्टे होने के कारण प्रति वर्ष बौद्ध स्तूप पर भगवा झंडा नहीं लगना चाहिए और न ही देवी देवताओं की मूर्तियों एवं चित्र स्तूप पर रखने चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भविष्य में इस प्रकार की कोई हरकत की गई तो वह घटना का विरोध कर अनशन करने को मजबूर हो जाएंगे। हर हालत में अदालत के आदेश का पालन होना चाहिए








