फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) मेला रामनगरिया के वैदिक क्षेत्र में जिला आर्य प्रतिनिधि सभा फर्रुखाबाद के तत्वावधान में आयोजित चरित्र निर्माण शिविर में आयोजित यजुर्वेद पारायण महायज्ञ में आज कल्पवासियों ने यजुर्वेद के प्रथम अध्याय के मंत्रों से आहुतियां प्रदान की। कल्पवासियों ने परमात्मा से संसार के कल्याण की कामना की। यज्ञ के ब्रह्म आचार्य चन्द्रदेव शास्त्री ने कहा कि वेद श्रष्टि का संविधान है।
क्योंकि परमात्मा ने उसमें सारे भूमण्डल के कल्याण का ज्ञान विज्ञान दिया है। परम पिता ने संसार की उत्पत्ति के साथ सभी प्राणियों के व्यवहार की समस्त विद्या अपनी वेद वाणी में दी है।जब तक संसार के लोग वेदानुकूल आचरण करते रहे तब तक मनुष्य सुखी रहा। महाभारत के बाद पनपे मत-मतांतरों के कारण वेद विद्या का लोप हो गया जिसके कारण आज समाज का नैतिक पतन होता जा रहा है।
संसार की सभी समस्याओं के निदान के लिए हमें महऋषि दयानन्द के बताए वेद मार्ग पर चलना होगा। आचार्य संदीप आर्य ने कहा कि नाना प्रकार के मतमतांतर के लोगों ने अपने अपने मत की पुस्तकों को धर्म ग्रंथ समझ लिया है जिसकी मान्यता के अनुसार एक दूसरे पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए एक दूसरे के प्रति हीन भावना रखते हैं जिसके कारण विश्वबंधुत्व खतरे में है।
सारे संसार के धर्माचार्यों को एक मंच पर आकर वेद की सर्वस्वीकार्यता को मानना पड़ेगा तभी ये झगड़े समाप्त होंगे। दोपहर की सभा मे धौलपुर से आये भजनोपदेशक धर्मवीर आर्य ने भक्ति भजनों से भावविभोर किया उन्होंने अपने भजन ‘प्रभु तेरी चतुराई नहीं समझ मे आई कण-कण अंदर छिपा हुआ पर कहीं नजऱ न आये’ द्वारा प्रभु भक्ति का गुणगान किया।
कार्यक्रम में स्वामी महेंद्रानंद,अशोक पाण्डेय, शिशुपाल आर्य,छोटे सिंह यादव,योगेंद्र सिंह, शैलेश शास्त्री,प्रशांत आर्य,हीरालाल आर्य,ब्रह्मचारी हर्ष आर्य, यज्ञप्रताप, सचिन आर्य,अरविंद शर्मा,राजीव , रत्नेश द्विवेदी आदि उपस्थित रहीं।