फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) योगी सरकार में पूरे जिले के किसान आवारा पशुओं के द्वारा फसलों के नुकसान से काफी पीड़ित है। आज जिला मुख्यालय पर आयोजित किसान दिवस के दौरान पीड़ित किसान रामबहादुर राजपूत ने आवारा पशुओं से निजात निजात दिलाए जाने की फरियाद की। किसानों ने बीते दिन तहसील अमृतपुर परिसर में बंद किए गए गोवंश को को लेकर स्थानीय पुलिस द्वारा किसानों की बेरहमी से की गई पिटाई की शिकायत की गई।
प्रशासन ने न तो आवारा पशुओं को पकड़ने की समय सीमा तय की और न ही किसानों पर अत्याचार करने वाले थानाध्यक्ष पर कार्यवाही की कोई बात की। जिलाधिकारी संजय सिंह ने बताया कि पिछले डेढ़ माह में करीब 2033 आवारा पशुओं को आश्रय स्थलों पर बंद कराया गया है और आगे भी यही कार्यवाही जारी रहेगी। अभी तक डीएम अनेकों बार आवारा पशुओं को बंद कराने का निर्देश दे चुके हैं।
कमिश्नर भी कई बार यही राग अलाप चुके हैं। बीते वर्ष जिले में आए पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह वर्मा ने प्रेस वार्ता के दौरान माह दिसंबर तक आवारा पशुओं से निजात दिलाए जाने का वादा किया था। लेकिन किसी ने आज तक वादा नहीं निभाया। कहने को भाजपा नेता रोहितास वर्मा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं उन्होंने भी किसानों की सबसे बड़ी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। जिले के सांसद सभी विधायक एवं भाजपा जिलाध्यक्ष भी मौन धारण किए हैं।
नगर पालिका की चेयरमैन श्रीमती वत्सला अग्रवाल ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान आवारा पशुओं से निजात दिलाए जाने का वादा किया था। वह भी अपना वादा पूरा नहीं कर सकी। चेयरमैन ने नगर नगर वासियों की सबसे बड़ी समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया। यदि वह प्रण करती एक पखवारे तक जबरदस्त अभियान चलाकर सभी आवारा पशुओं को पकड़ा सकती थी। योगी सरकार में किसानों की सबसे बड़ी समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
भीषण सर्दी में किसान ठिठुरते हुए खेतों की रखवाली करते हैं और जरा चूक जाने पर आवारा जानवर खून पसीने से तैयार की गई लाखों रुपया की फसलों को घंटों में ही साफ कर जाते हैं। पीड़ित किसानों ने अत्याचार करने वाले अमृतपुर थानाध्यक्ष को निलंबित किए जाने की मांग एसपी से की है। किसानों के नाम पर आए दिन भाजपा को घेरने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पार्टी के कार्यकर्ता भी आंखें बंद किए हैं। सपाई आवारा पशुओं के विरोध में आंदोलन चलाकर किसानों की हमदर्दी हासिल कर सकते हैं।