फर्रूखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) सीपी इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित पेंटिग प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में 42 स्कूलों के 921छात्र छात्राओं ने भाग लिया। सीपी इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा शगुन वर्मा प्रथम आई जिनको 5100 रुपए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जबकि एनएकेपी की छात्रा तन्वी राजपूत द्वितीय स्थान पर एवं मदन मोहन कानोडिया बालिका इंटर कालेज की छात्रा साबिया खातून तीसरे स्थान पर रही।
विजयी तन्वी को 3100 रुपए व प्रशस्ति पत्र देकर तथा साबिया को 2100 रुपए व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। दस एक्सीलेंट बच्चो को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र व 25 अन्य सुपीरियर बच्चों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह सांसद मुकेश राजपूत जिला पंचायत अध्यक्ष मोनिका यादव विधायक सुशील शाक्य भाजपा जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे।
गंगा स्नान से जीवन होता है पवित्र
आर्य प्रतिनिधि सभा फर्रुखाबाद के तत्वावधान में मेला रामनगरिया के वैदिक क्षेत्र में चल रहे चरित्र निर्माण शिविर में आज प्रातः काल यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ के उपरांत यज्ञ ब्रह्मा आचार्य चन्द्रदेव शास्त्री ने कल्पवासियों को उपदेश देते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा ने इस धरती पर अनेक रत्नों को उत्पन्न किया है जिससे मनुष्य अपनी शोभा को बढ़ाता है। रत्नों को धारण करके मनुष्य का शरीर सुशोभित होता है।
लेकिन संसार के सभी रत्नों में सबसे उत्तम यदि कोई रत्न है तो वह विद्या का रत्न है। विद्या रत्न को धारण करके मनुष्य का आत्मा सुसंस्कृत होता है। विद्या के द्वारा मनुष्य इहलोक और परलोक दोनों सुखों की प्राप्त करता है। इसलिए मनुष्य का कर्तव्य है कि वह विद्या के द्वारा अपनी आत्मिक उन्नति करते हुए परमानन्द की प्राप्ति का प्रयत्न करे । “सा विद्या या विमुक्तये” विद्या वह है जिससे मनुष्य मोक्ष को प्राप्त करता है।
आचार्य ने बताया कि शरीर नाशवान है इसलिए संसार के सभी आभूषण मनुष्य की अन्तिम स्थिति में साथ नहीं देते, किंतु विद्या रूपी भूषण से आत्मा सर्वदा प्रकाशित रहता है क्योंकि आत्मा अजर अमर है। ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित होने पर आत्मा परमात्मा की कृपा को प्राप्त करता है। फरीदाबाद से आए प्रदीप शास्त्री ने बताया कि मनुष्य की सफलता शारीरिक,आत्मिक और सामाजिक उन्नति करने में है। मनुष्य की सर्वोन्नति का आधार ईश्वर है।
कु.उदिता आर्या ने प्रभु प्यारे से जिसका सम्बन्ध है। उसे हरदम आनन्द ही आनन्द है। परमपिता परमात्मा से प्रीति रखने वाला मनुष्य हमेशा आनन्द में ही विचरण करता है। मथुरा से आये पण्डित धनीराम बेधड़क जी ने बताया कि ज्ञान रूपी गंगा और कर्म रूपी यमुना में जो स्नान करते हैं उनका जीवन पवित्र बनता है। मंच का संचालन संदीप आर्य ने किया। सभा में दलबीर शास्त्री, रामशरण यादव,हरिओम शास्त्री, अजीत आर्य, शीशुपाल आर्य,उदयराज आर्य ,सचिन आर्य,यज्ञ प्रताप,रेनू आर्या, सरोज आर्या आदि उपस्थित रहे।