बीएसए ने फर्जीवाड़ा कर किया लाखों का खेल; जांच में फसेगे कई कई दागी कर्मचारी

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) सपाई मानसिकता वाले बेसिक शिक्षा अधिकारी लालजी यादव ने नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपयों का खेल किया है। जांच में अधिकारी सहित कई कर्मचारियों के फंसने की संभावना व्यक्त की गई है। बीएसए लालजी यादव ने करीब 2 वर्ष पूर्व मोटी रकम लेकर भोलेपुर निवासी सुनील प्रताप की बिना विज्ञापन निकालें कंप्यूटर ऑपरेटर पद पर अबैध नियुक्ति की है।

श्री यादव ने अवैध ढंग से ही सुनील प्रताप को जिला समन्वयक का चार्ज देकर कमाई का रास्ता खोल दिया। विभागीय नियम के तहत जिला समन्वयक पद के लिए वी टेक होना अनिवार्य है। जबकि सुनील प्रताप ने ग्रेजुएशन किया है सुनील ने कंप्यूटर ऑपरेटर के नियुक्ति के समय जो जो डिप्लोमा लगाया है वह भी फर्जी है। संस्थान के जिम्मेदार व्यक्ति का कहना है कि उन्होंने सुनील प्रताप को डिप्लोमा नहीं कराया है।

इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो जाने पर सुनील ने पैसे के दम पर संस्थान से ओ लेवल का डिप्लोमा हासिल कर लिया है। बताया जाता है कि भ्रष्ट बीएसए ने मोटी रकम लेकर सुनील की तैनाती के दौरान ही शिवाजी कॉलोनी निवासी अनिल कुमार की लेखाकार पद पर बिना विज्ञापन के नियुक्ति की है। सुनील व अनिल ने कई फर्जी फर्मे बनाकर विभागीय सामान की खरीदारी में लाखों की कमाई की है।

स्वरूप इंटरप्राइजेज आदि नामो से कई फर्जी फर्मे बनाई गई है। जेम पोर्टल से विभागीय सामान फर्जी फर्मो से महंगे दामों पर खरीदा गया। सुनील के गुर्गे महेंद्र प्रताप नामक व्यक्ति के खाते में लाखों का भुगतान किया गया। महेंद्र ने पिता रामस्वरूप के नाम पर स्वरूप इंटरप्राइजेज नामक फर्म बनाई है। छात्रों के शिक्षण कार्य में प्रयोग होने वाली वस्तुओं की खरीदारी में एवं वितरण में जबरदस्त धांधली की गई।

छात्रों के अध्ययन के लिए करीब एक दर्जन प्रोजेक्टर एवं स्पीकर्स की खरीदारी की गई। अनेकों प्रोजेक्टर अधिकारी व उनके खास कर्मचारियों के आवास पर शोभा बढ़ा रहे हैं। इसी तरह वाइट बोर्ड की खरीदारी में भी घपले बाजी की गई है। कानपुर मंडल के एडी बेसिक राजेश कुमार शर्मा ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मालूम हो कि श्री शर्मा को इंटरमीडिएट परीक्षा के 10 केंद्रों का नोडल अधिकारी बनाया गया है वह जिले में ही रहकर परीक्षा केंद्रों की जांच कर रहे हैं।

श्री शर्मा ने मीडिया को बताया कि वह विभाग में की गई फर्जी नियुक्तियों एवं सामान की खरीदारी में फर्जीवाड़े एवं वितरण में अनियमितताओं की जांच कर रहे हैं। शीघ्र ही जांच पूरी कर दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। विभागीय जांच की जानकारी होते ही भ्रष्ट अधिकारी व कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। अभी तक भ्रष्ट संविदा कर्मियों को भी नहीं हटाया गया है।

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