फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) गन्ना विभाग के रिश्वतखोर कर्मचारियों ने अवैध सट्टेबाजी कर लाखों रुपयों का खेल किया है जिससे दलालों की भी मौज हो गई है। ब्लाक शमशाबाद के ग्राम बेलासराय गजा स्थित गन्ना क्रय क्रेंद्र पर फर्जी सट्टेबाजी का गन्ना देर सबेर चोरी-छिपे खरीदा जा रहा है। बताया गया है की ग्राम वरुआ नगला निवासी सोबरन लोधे की पत्नी मुन्नी देवी देवी ने खेत में गन्ने की फसल नहीं की है।
लेकिन दलालों ने विभागीय कर्मचारियों की मुट्ठी गर्म कर मुन्नी देवी कि 1.127 हेक्टेयर करीब 14 बीघा गन्ने का सट्टा करवाया है। मुन्नी देवी को 3 पर्ची मिल चुकी है 7 पर्ची बाकी है। एक पर्ची पर 36 कुंटल करना खरीदा जाता है। मुन्नी देवी ने करीब ढाई सौ रुपए प्रति कुंटल के भाव से गन्ना खरीद कर क्रय केंद्र पर 2 पर्चियों के गन्ने की आपूर्ति कर दी है। मुन्नी देवी को 72 कुंतल गन्ने का भुगतान भी मिल गया है।
रूपापुर चीनी मिल के द्वारा 341 रुपए 65 पैसे प्रति कुंटल के भाव से करीब एक सप्ताह में किसान के खाते में धनराशि ट्रांसफर कर दी जाती है। यह गोरखधंधा जिला गन्नाधिकारी साहब लाल यादव ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक अशोक यादव सीसीओ प्रमोद यादव रूपापुर चीनी मिल के गन्ना पर्यवेक्षक संजय द्विवेदी एवं आईटी सेल के इंचार्ज प्रशांत कुमार की सांठगांठ में खुलेआम फल फूल रहा है।
बताया गया है कि क्षेत्र में भ्रमण करने वाले गन्ना पर्यवेक्षक संजय द्विवेदी दलालों से सौदेबाजी करते हैं। दलाल जिन किसानों के खेतों में गन्ना नहीं होता है उनके नाम से भी गन्ने का सट्टा करवाते हैं। चर्चा है कि किसानों की खेती का रकबा अधिक दर्शा कर भी फर्जी सट्टा किया जाता है। इस इलाके के ग्राम चंपतपुर में चकबंदी चल रही है दलाल इसी क्षेत्र में खेती दर्शाकर फर्जी इंतखाब बनाकर लगाते हैं। चकबंदी चलने के कारण फर्जी इंतखाब की जांच पड़ताल नहीं हो पाती है।
बताया गया कि माह जनवरी फरवरी में गन्ना ढाई सौ रुपए कुंतल में बिक रहा था उस समय एक पर्ची पर करीब 4 हजार रुपयों तक की बचत हो रही थी। दलाल किसानों की 20- 20 तक पर्चियां बनवा देते हैं। वर्ष 2019 से फर्जी सट्टेबाजी का धंधा खुलेआम फल फूल रहा है। ग्रामीणों ने जिला गन्ना अधिकारी से आईटी सेल के इंचार्ज प्रशांत कुमार के द्वारा सट्टेबाजी में फर्जीवाड़ा किए जाने की शिकायत की है।
प्रशांत पर आरोप है कि वह रुपए लेकर बिना जांच पड़ताल किए फर्जी सट्टे की फीडिंग कर देते हैं। आम लोगों को फर्जीवाड़े की जानकारी नहीं हो पाती है। क्योंकि संबंधित किसान को मोबाइल फोन पर लखनऊ से सट्टे का मैसेज भेजा जाता है। सांठगांठ होने के कारण क्रय केंद्र के कर्मचारी देर सवेर गन्ने गन्ने की खरीदारी कर लेते हैं। क्षेत्रीय जागरूक लोगों ने जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक के आलाधिकारियों से सट्टे का फर्जीवाड़ा करने वाले दोषी अधिकारी व कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।












