फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने होली पर दलित को तमंचा लगाने का प्रयास करने वाले थानाध्यक्ष को लताड़ा। एसपी के फरमान पर थानाध्यक्ष ने निर्दोष युवक को छोड़कर फर्जीवाड़ा करने वाले को पकड़ लिया। थाना नवाबगंज के ग्राम रामनगर निवासी राधेश्याम जाटव का बेटा देवेंद्र कल सुबह करीब 8 बजे चार पहिया वाहन से ग्राम बघौना के बाहर पहुंचा।
देवेंद्र ने फोन कर गांव के मौसा लखमी चंद जाटव को गांव के बाहर सड़क पर बुलाया। लख्मीचंद बाइक से वहां पहुंचे देवेंद्र ने लख्मीचंद से कहा कि मौसी से मेरी पंचायत कर दो तो लख्मीचंद ने अपने लोगों से ही पंचायत करने की सलाह दी। शातिर देवेंद्र लख्मी चंद की बाइक को यह कह कर ले गया कि कुछ ठंडा व सिगरेट लेकर आता हूं।
देवेंद्र ने लख्मीचंद की बाइक की डिग्गी में तमंचा रख कर फोन पर पुलिस को जानकारी दे दी। देवेंद्र पेयजल व सिगरेट लेकर वहां पहुंचा थोड़ी देर बाद थाना नवाबगंज के दरोगा नरेंद्र सिंह दो सिपाहियों के साथ कहां पहुंचे। दरोगा ने लख्मीचंद से कहा कि तुम्हारी बाइक में तमंचा है। मना करने पर पुलिस ने लख्मीचंद की बाइक से बाइक की डिग्गी से तमंचा निकाला कर कब्जे में ले लिया। पुलिस काफी सफाई देने के बावजूद लख्मीचंद को जबरन थाने ले गई।
प्रधान पति लौहरे शाक्य आधा दर्जन ग्रामीणों के साथ थाने पहुंचे। लौहरे शाक्य ने थानाध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा को असलियत बताकर निर्दोष लख्मीचंद को छोड़ने का अनुरोध किया। एसओ श्री शर्मा ने जांच कर फैसला लेने को कहा। लौहरे शाक्य समर्थकों के साथ करीब 3 घंटे थाने में डटे रहे इस दौरान श्री शाक्य ने भाजपा विधायक सुशील शाक्य घटना की जानकारी देकर निर्दोष को छुड़वाने को कहा।
निर्दोष को तमंचे में बंद करने की तैयारी करने वाले एसओ ने विधायक को भी पुलिसिया पाठ पढ़ाया कि मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं। लौहरे शाक्य मायूस होकर ग्रामीणों के साथ वापस गांव लौट गए। उन्होंने करीब 3 बजे एसओ से फोन कर निर्णय के बारे में पूछा एसओ शर्मा ने तोते की तरह रटा रटाया जवाब दिया कि जांच की जा रही है तुम्हारे कहने पर किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।
एसओ की गंदी मानसिकता देखकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया। गांव के सैकड़ों स्त्री-पुरुष दो ट्रैक्टरों में सवार व आधा दर्जन बाइकों से ग्रामीण जिला मुख्यालय पुलिस अधीक्षक के निवास पर पहुंचे। पीआरओ ने घटना की जानकारी का एसपी को अवगत कराया तब एसपी श्री मीणा ने बात करने के लिए 2 लोगों को अंदर बुलवाया। प्रधान पति लौहरे शाक्य कोटेदार रामनंदन के साथ बात करने गए।
पूरी बात सुनने के बाद एसपी को भी घटना में पुलिस का लोचा दिखा। एसपी ने फोन पर घटना की जानकारी करके थानाध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा को बुरी तरह लताड़ कर निर्दोष ग्रामीण को छोड़ने को कहा। एसपी ने दरोगा नरेंद्र से बात कराने को कहा भयभीत हो जाने के कारण दरोगा नरेंद्र की एसपी से बात नहीं कराई गई। वार्ता के दौरान सीओ सिटी व सीओ मोहम्मदाबाद भी मौजूद रहे।
एसपी ने प्रधान पति से कहा कि तुम थाने जाओ तुम्हारे व्यक्ति को छोड़ दिया जाएगा। एसपी के हौकने पर एसओ शर्मा की सारी अकड ढीली पड़ गई। पुलिस ने तुरंत ही प्रयास कर देवेंद्र को पकड़ लिया। सीओ मोहम्दाबाद व सोओ सिटी थाना नवाबगंज पहुंचे। सीओ के हड़काने पर देवेंद्र ने स्वीकार किया कि मैंने ही बाइक की डिग्गी में तमंचा रखकर पुलिस को सूचना दी थी।
घटना की सूचना न देकर सीधे एसपी के पास जाने से खिसियाये सीओ मोहम्मदाबाद ने प्रधान पति व कोटेदार पर भड़ास निकाली। प्रधान पति पर मुकदमे दर्ज होने की जानकारी पर सीओ ने प्रधान पति को खुराफाती बताकर थानाध्यक्ष से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की धौंस दिखाई। कोटेदार से राशन वितरण वितरण में धांधली का आरोप लगाकर कोटा निरस्त कराने तथा मुकदमा दर्ज कराने कराने के लिए धमकाया।
मालूम हो कि जयप्रकाश शर्मा अपनी अकल के सामने किसी को कुछ नहीं समझते हैं अवैध कमाई के चक्कर में कोई भी गलत काम कर सकते हैं। इन्हीं कारनामों के कारण वह बजरिया चौकी पांचाल घाट पुलिस चौकी इंचार्ज से एसओजी के प्रभारी रहे। जो भी दरोगा एसओजी का चार्ज ले जाता है तो वह पूरे जिले में धरपकड़ आतंक कायम करने के कारण बेखौफ हो जाता है।
सीओ ने जिस तरह प्रधान पति व कोटेदार को अकारण हड़ाकाया है उससे साबित होता है कि सीओ का रवैया एसओ के कारनामों से कम नहीं है। योगी सरकार में ऐसे एसओ व सीओ बेलगाम हो रहे हैं जिन पर शीघ्र ही लगाम लगाया जाना चाहिए। एसपी को तमंचे का फर्जीवाड़ा करने वाले दरोगा व एसओ को तुरंत ही चार्ज से हटाना चाहिए। तथा बदसलूकी करने वाले सीओ के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए।