फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) दिल्ली साध समाज की चर्चित परमार्थ संस्था ने फर्रुखाबाद के नेत्रहीन छात्रों का ऑल इंडिया मेडिकल कॉलेज में परीक्षण कराया है। जिससे छात्रों में आंखों में रोशनी आने की उम्मीद जागी है। संस्था के प्रमुख समाज सेवी केशव भान साध के बुलावे पर थाना मऊदरवाजा के ग्राम गढ़िया ढिलावल निवासी राम प्रताप सिंह पाल 16 नेत्रहीन छात्रों सहित 26 लोगों के साथ परसों रोडवेज बस से दिल्ली गए थे।
सभी छात्रों का कल एम्स में नेत्र परीक्षण होने पर आज सुबह सभी लोग वापस लौट आए। राम प्रताप सिंह ने नाला बघार के निकट अपने खेत के 4 कमरों में देवी अहिल्या बाई नेत्रहीन आवासीय विद्यालय चलाते हैं। श्रीपाल ने बताया कि मैंने वर्ष 2013 में पांच नेत्रहीन छात्रों से विद्यालय की शुरुआत की अब विद्यालय में 18 छात्र हैं। मैंने स्पेशल B.Ed किया है और छात्रों के लिए एक अध्यापिका को लगाया है।
बीते दिनों से समाजसेवी केशव भान साध ने रोजाना 18 लोगों के लिए मुफ्त में भोजन की व्यवस्था की है। उन्होंने एक काफी बड़ा टिफिन दिया है जिसमें रोज समाज की चौकी से भोजन लाते हैं भोजन में रोटी सब्जी चावल मिलते हैं। श्रीपाल ने बताया कि बहुत से लोग विद्यालय के छात्रों के लिए राशन आदि सामान की व्यवस्था कर देते हैं। उन्होंने बताया कि मैं उन 16 नेत्रहीन छात्रों को दिल्ली ले गया था जिन की रोशनी वापस आने की उम्मीद है।
छात्र सर्वेंद्र विशाल अग्निहोत्री एवं प्रियंका मूलन को भी ले गया था। मोहम्मदाबाद श्रेत्र का रहने वाले सर्वेंद्र की हाईस्कूल करने के बाद आंख की रोशनी चली गई। जबकि शमशाबाद के ग्राम नगला बसोला निवासी विशाल अग्निहोत्री की जायफर खिलाए जाने से रोशनी गई है। शमशाबाद के ग्राम बांसखेड़ा निवासी हाईस्कूल पास करने वाली प्रियंका मूलन को देखने से नहीं लगता है कि यह नेत्रहीन है। श्री पाल ने बताया कि सरकार से कोई सहायता नहीं मिल रही है जब की सहायता के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
श्रीपाल ने बताया कि सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने विद्यालय में हैंडपंप लगवा कर काफी मदद की है। नेहरू रोड के सर्राफ मुदित टंडन आदि अनेकों लोग राशन देकर मदद करते हैं। उन्होंने ही समाज सेवी केशव भान से फोन पर बात कराई थी। समाजसेवी केशव भान ने एफबीडी न्यूज को बताया कि अभी तक तक संस्था के द्वारा संचालित फूड बैंक के द्वारा 350 लोगों को भोजन का वितरण किया जा रहा है।
16 गरीब कैदियों का जुर्माना भरकर उन्हें कंबल जैकेट कोट शाल आदि कपड़े वितरण का भी कार्य किया गया। अब नेत्रहीन छात्रों को रोशनी दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम गढ़िया निवासी रामप्रताप पाल नेत्रहीन छात्रों का आवासीय विद्यालय चलाकर उनकी काफी मदद कर रहे हैं। परसों नेत्र इन छात्रों व उनके अभिभावकों को दिल्ली बुलाकर साध समाज की चौकी में ठहराया गया। भोज भोजन की व्यवस्था की गई। कल सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक 16 नेत्रहीन छात्रों का एम्स में परीक्षण कराया गया।
यह सराहनीय कार्य संस्था के प्रमुख समाजसेवी विवेक साध ने किया है वे लाखों रुपए खर्च करके हजारों नेत्रहीन छात्रों का इलाज करवा चुके हैं। डॉक्टर ने 3 छात्रों की आंखों में रोशनी आने की संभावना से साफ मना कर दिया है। अन्य छात्रों की रिपोर्ट की जांच की जा रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद इलाज के लिए छात्रों को पुनः दिल्ली बुलाया जायेगा।
श्री साध ने बताया कि नेत्रहीन विद्यालय के छात्रों आदि के लिए सप्ताह में 6 दिन मुफ्त भोजन की व्यवस्था की गई है। इसके लिए रामप्रताप को काफी बड़ा टिफिन उपलब्ध कराया गया है। रविवार को भोजन देने के लिए जिला कारागार के अधीक्षक ने जिम्मेदारी ली है।