फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज़) कृषि विभाग ने कल 17 मई को दोपहर 12.30 बजे से कलेक्ट्रेट के सभागार में किसान दिवस का आयोजन किया है। जिसमें हर बार की तरह इस बार भी किसानों की समस्याओं को दूर करने की खानापूर्ति की जाएगी। जिले के सभी आला अधिकारियों को मालूम है कि किसानों की सबसे बड़ी समस्या आवारा पशु हैं। जो मौका मिलते ही किसानों की खून पसीने से तैयार फसल को चंद्र घंटे में ही चौपट कर जाते हैं।
किसान फसल की बर्बादी को देखकर खून के आंसू रोता है लेकिन उसकी कोई सुनवाई करने वाला नहीं है। जिले के डीएम पशुपालन विभाग के मंत्री एवं आये दिन मुख्यमंत्री योगी आवारा पशुओं को के विचरण पर रोकथाम लगाने क्या फरमान जारी करते हैं। लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है। खानापूर्ति के लिए कुछ जानवर पकड़कर गौशाला में बंद किए जाते हैं।
पीड़ित किसानों ने बताया जितने आवारा गाये व सांड गौशाला में बंद हैं उतने ही आवारा पशु खुलेआम घूम कर फसलों को चौपट कर रहे हैं। ऐसे जानवर नगर फर्रुखाबाद के हर मोहल्ला गली एवं सड़कों पर देखे जाते हैं। ब्लॉक बढ़पुर के जसमई चौराहे से ढिलावल मार्ग पर शाम को ही करीब आधा सैकड़ा आवारा गाये घूमने लगती हैं।
यह जानवर नगर फर्रुखाबाद से आते हैं जो रात में किसानों की फसलों की बर्बादी करते हैं। किसानों की शिकायत पर वीडियो में क्षेत्रीय प्रधानों को आवारा जानवरों को पकड़वाने का निर्देश दिया था लेकिन ग्राम पंचायत की धनराशि से विकास कार्य से कमाई करने वाले प्रधानों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। नुकसान होने के कारण नगर की सीमा के निकट किसानों ने सब्जी जैसी कीमती फसलों को तैयार करना बंद कर दिया है।
जानवरों से बचाव के लिए खेतों के किनारे हजारों रुपए कीमती तार व खंभे लगाने पड़ते हैं। आवारा सांड व गाये तारों को तोड़ कर खेतों में घुस जाती हैं। जिले के किसानों की फसल को आवारा जानवरों से बचाने के लिए कोई भी किसान यूनियन का संगठन सक्रिय नहीं है। अधिकांश किसान नेता प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए किसानों के हित की खानापूर्ति करते हैं।
किसानों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह किसानों की विकराल समस्या की इस विकराल समस्या का समाधान कराएं अथवा किसान दिवस को बंद करवा दें।