भगवान बुद्ध की वेशकीमती अष्टधातु की प्रतिमा: संकिसा के शाक्य मुनि बुद्ध विहार में स्थापित

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) अष्टधात की वेशकीमती भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा शाक्य मुनि बुद्ध विहार में स्थापित किए जाने से बौद्धों में खुशी व्याप्त हो गई है। शाक्य बुद्ध विहार के संचालक एवं संकिसा भिक्षु संघ के अध्यक्ष भिक्षु डॉ धम्मपाल थैरो यह प्रतिमा थाईलैंड के बौद्ध अनुयायियों ने भेंट की है। < बीते दिनों की भगवान बुद्ध की मूर्ति संकिसा अचल चैत्र स्तूप पर ले जायी गई। वहां थाईलैंड के सैलानियों ने परित्राण पाठ किया बुद्ध विहार में मूर्ति की स्थापना के लिए करीब 60 हजार रुपए खर्च हुए हैं।

भिक्षु डॉ धम्मपाल थैरो ने बताया की अष्टधातु की दो कुंतल बजनी भगवान बुद्ध की मूर्ति करीब साढ़े छह फुट ऊंची है। थाईलैंड की बुद्ध समर्थक सुखावती ने यह मूर्ति भेंट की है वह थाईलैंड के ढाई दर्जन सैलानियों के साथ मूर्ति लेकर शिप के द्वारा कोलकाता आई थी। वहां से बोधगया होकर दो वाहनों में संकिसा के रॉयल रेजिडेंसी होटल में ठहरी थी। डॉ धम्मपाल ने बताया की भंते धम्म रतन व जय सिंह को लोडर से मूर्ति लाने के लिए बोधगया भेजा था।

मूर्ति के लाने पर भाडे में 25 हजार रुपए खर्च हुए। जबकि मूर्ति की स्थापना के लिए स्टील की चौकी बनवाने में 35 हजार लगे। मूर्ति को लाने के लिए कोलकाता में कस्टम विभाग को 35% टैक्स जमा किया गया। मैडम सुखावती 60 हजार के थाईलैंड की थाईवाट मुद्रा दे गयी है। बताया गया कि भगवान बुद्ध की इतनी बड़ी प्रतिमा पड़ोस के किसी जिले में नहीं लगी है।

भगवान बुद्ध की प्रतिमा संकिसा के अचल चैत्र स्तूप पर स्थापित करने के लिए लाई गई थी लेकिन वहां लगाने की अनुमति न मिलने पर प्रतिमा बुद्ध विहार में लगवाई गई है।

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