डीएम ने रिश्वतखोर लेखपाल को पकड़वाने के लिए भेजे थे गवाह, विभागीय कर्मचारी

फर्रुखाबाद। (एफबीडी न्यूज) एंटी करप्शन टीम के अनुरोध पर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने दो सरकारी कर्मचारियों को गवाही के लिए साथ भेजा था। टीम ने नाला बघार स्थित गुरु नानक फैमिली ढाबे पर रिश्वत में दिए जाने वाले रूपयों पर पाउडर लगाने की कार्रवाई की थी। गिरफ्तार लेखपाल नरेश कुमार उर्फ रामनरेश जनपद हरदोई का मूल निवासी है। कादरी गेट थाना पुलिस ने लेखपाल नरेश कुमार को अदालत में पेश किया अदालत ने लेखपाल को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। लेखपाल के विरुद्ध कानपुर स्थित एंटी करप्शन थाने के निरीक्षक चंद्रभान सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई है।

रिपोर्ट के मुताबिक 25 अक्टूबर को शिकायतकर्ता नेत्रपाल पुत्र महाराज सिंह निवासी ग्राम गनेशपुर थाना मेरापुर तहसील कायमगंज जिला फर्रुखाबाद मो0नं0 8533937783 ने कार्यालय थाना एंटी करप्शन कानपुर मंडल, कानपुर नगर में उपस्थित आकर प्रभारी निरीक्षक को संबोधित इस आशय का एक प्रार्थना पत्र दिया कि प्रार्थी ने एक प्रार्थना पत्र दिनांक 18.10.2023 को माननीय जिलाधिकारी महोदय को एक चक रोड की पैमाईश के लिये दिया था, जिसका सन्दर्भ संख्या 20015933013456 है। इसका मेसेज मेरे मोबाइल नं0 8535937783 पर आया था। प्रार्थी ने इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय हल्का लेखपाल रामनरेश से सम्पर्क किया तो लेखपाल ने मुझसे 20 हजार रुपये की मांग करने लगे।

मैंने इतना रुपया की व्यवस्था ना करने की गुहार की। उसके बाद लेखपाल रामनरेश ने कहा कि 10 हजार रुपये से कम पर मै पैमाईस किसी भी कीमत पर नही करूँगा। आप के पास 10 हजार रुपया जब हो जाय तब आ जाना। अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि मै अपने चकरोड की पैमाईस के एवज में सही कार्य के लिये भ्रष्ट लेखपाल को रिश्वत नही देना चाहता हूँ बल्कि उसे रिश्वत देते हुये रंगे हाथ पकडवाना चाहता हूँ। श्रीमान जी मेरे प्रार्थना पत्र पर आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें। जिस पर संज्ञान लेते हुये मुझ प्रभारी निरीक्षक थाना एण्टीकरप्शन कानपुर मण्डल कानपुर नगर ने शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र की प्रीप की गोपनीय जांच हेतु निरीक्षक श्रीमती एकता त्यागी को जांच कर आख्या दिये जाने हेतु पृष्ठांकित किया।

शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र की प्रीट्रैप गोपनीय जाँच कर आख्या निरीक्षक श्रीमती एकता त्यागी थाना एण्टीकरप्शन कानपुर मण्डल कानपुर के द्वारा दिनांक 31.10.2023 को दी गयी। जिसमें प्रथम दृष्टया शिकायतकर्ता श्री नेत्रपाल के द्वारा की गयी शिकायत को सही पाते हुये व आरोपी की आम शोहरत एक भ्रष्ट अराजपत्रित की पाते हुये लोक हित में ट्रैप किये जाने की संस्तुति की गयी। निरीक्षक श्रीमती एकता त्यागी के द्वारा प्रस्तुत की गयी प्रीट्रैप गोपनीय जांच आख्या पर संज्ञान लेते हुये प्रभारी निरीक्षक श्री जटाशंकर सिंह द्वारा प्रकरण को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाते हुये व भ्रष्ट आरोपी लोकसेवक का नियमानुसार ट्रैप किये जाने हेतु मुझ निरीक्षक चन्द्रभान सिंह के नेतृत्व में।

निरीक्षक श्री मृत्युंजय कुमार मिश्र, निरीक्षक श्री जटा शंकर सिंह, निरीक्षक श्री चतुर सिंह, मुख्य आरक्षी देव प्रकाश मिश्रा, मुख्य आरक्षी अनिल कुमार, मुख्य आरक्षी बृजनन्दन सिंह, कम्प्यूटर आपरेटर रवि वर्मा, आरक्षी सुरजीत, आरक्षी अभिषेक कुमार, आरक्षी चालक विवेक कुमार मय सरकारी वाहन सं0 यूपी 32 ईजी 5537 समस्त थाना टीकरप्शन कानपुर मण्डल, कानपुर नगर व उक्त ट्रैप कार्यवाही हेतु एक अतिरिक्त वाहन मय चालक एवं ट्रैप कार्यवाही हेतु उपरोक्त पुलिस बल की टीम गठित कर दी।

दिनांक 03.11.2023 को विधिक कार्यवाही (ट्रैप) किए जाने हेतु अपनी रिपोर्ट दिनांक 01.11.2023 को पुलिस अधीक्षक भ्र०नि०सं० उ0प्र0 लखनऊ को प्रेषित किया। जिस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण संगठन, उत्तर प्रदेश लखनऊ ने पत्र संख्या सीए- पु०अ० (मु0) ट्रैप-2023 (एसीओ) दिनांक लखनऊ नवम्बर 02, 2023 के द्वारा मुझ ट्रैप टीम प्रभारी निरीक्षक चन्द्रभान सिंह, थाना एण्टीकरप्शन कानपुर मण्डल कानपुर के नेतृत्व में उक्त नामित अधिकारी / कर्मचारी गण की टीम गठित करते हुये उक्त ट्रैप नियमानुसार समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुये आयोजित करने तथा कृत कार्यवाही से संगठन मुख्यालय को अवगत कराने का आदेश दिया गया।

मुख्य आरक्षी परिवहन को निर्देशित किया कि ट्रैप टीम प्रभारी को एक हल्का वाहन मय चालक समय से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिस पर मुख्य आरक्षी परिवहन द्वारा ) मुख्यालय लखनऊ से आरक्षी मुकेश कुमार मय वाहन सं यूपी 32 ईजी 5968 नामित किया गया। उपरोक्त समस्त टीम व चालक मय वाहन के आज दिनांक 03.10.2023 को समय प्रातः 06.30 बजे कार्यालय थाना एण्टीकरप्शन कानपुर मण्डल कानपुर नगर उपस्थित आये, जहाँ से समस्त ट्रैप टीम मय ट्रैप किट के कार्यालय से रपट सं006 समय 06.40 बजे रवाना होकर दो लोकसेवक साक्षी प्राप्त करने हेतु कार्यालय जिलाधिकारी जनपद फर्रुखाबाद आये।।

दो लोकसेवक साक्षी प्राप्त करने हेतु जिलाधिकारी जनपद फर्रुखाबाद महोदय को पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर जिलाधिकारी महोदय ने पत्र का संज्ञान लेते हुये दो लोकसेवक साक्षी क्रमशः (1) श्री अनुराग वर्मा पुत्र श्री कृष्ण कुमार वर्मा निवासी 1/143 बजाजा बाजार थाना कोतवाली फतेहगढ़ जनपद फर्रुखाबाद सम्प्रति भूमि व्यवस्था लिपिक (DLRC )
कार्यालय जिलाधिकारी फर्रुखाबाद मो0नं0 9140414804 आधार नं0 509235161864 पैन नं0 ASOPV3557H (2) श्री संजय चौरसिया पुत्र स्व0 दौलत राम चौरसिया निवासी मकान नं0 1 / 128 बजाजा बाजार थाना कोतवाली फतेहगढ़ जनपद फर्रुखाबाद।

सम्प्रति नगर क्षेत्र लिपिक (TAC) कार्यालय जिलाधिकारी फर्रुखाबाद मो0नं0 8400012222, 9450109198 आधार नं0 960617671038 पैन नं0 AETPC9496D को प्रदान किया। जिन्हें साथ लेकर कार्यालय से बाहर निकला गया तो पूर्व वादे के अनुसार शिकायतकर्ता श्री नेत्रपाल मौजूद मिले जिनसे समस्त ट्रैप टीम व लोकसेवक साक्षीगण का एवं उनका आपस में एक दूसरे से परिचय कराते हुये मकसद बताया गया तथा सभी को साथ लेकर सरकारी वाहनो से गुरुनानक फैमिली ढाबा, मेजर एस) डी0 सिंह मेडिकल कालेज के बगल बघार, फर्रुखाबाद पहुंचे।

ट्रैप टीम के सदस्यों का आपस में एक-दूसरे से जामा तलाशी लिवाकर इत्मिनान किया कि किसी के पास ट्रैप से सम्बन्धित कोई नाजायज वस्तु नहीं है तथा फर्द ट्रीटमेंट की कार्यवाही मशगूल हुआ। मेरे कहने पर समक्ष लोकसेवक साक्षी गण एवं समस्त ट्रैप टीम शिकायतकर्ता ने रिश्वत में दिए जाने वाले ₹10,000/- जो 500-500 के 20 नोट कुल रुपये 10,000/-(दस हजार रुपये) प्रस्तुत किये।

जिनके नम्बर क्रमशः (1) 7QL 511499 (2) 4UD 871343 (3) 3KV 197200 (4) 3VF 611698 (5) 6GP 212933 (6) 5DB 745098 (7) 8CU 669496 (8) 1WR034810 (9) 1SC 846546 (10) 7AA 123534 (11) 7TM 069926 (12) 7TM 069925 (13) 7TM 069924 (14) 7TM 069923 (15) 7TM 069922 (16)7TM 069921 (17) 7TM 069920 (18) 7TM 069919 (19) 1DF 864247 (20) 9KP 231290 हैं।

तत्पश्चात निर्देशानुसार आरक्षी अभिषेक कुमार के द्वारा ट्रैप किट से सफेद कागज तथा फिनॉफ्थलीन पाउडर लेकर शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए नोटों (रुपये 10,000/-) पर सरकारी वाहन बुलेरो यूपी 32 ईजी 5968 की बीच वाली सीट पर एक अखबारी कागज बिछाकर सावधानीपूर्वक फिनाफ्थलीन पाउडर लगाकर ट्रीट किया गया व ट्रीटेड नोटों को एक सफेद कागज में रख कर शिकायतकर्ता को इस निर्देश के साथ दिया गया कि आरोपी व्यक्ति द्वारा उससे रिश्वत मांगे जाने पर वह इन्हीं ट्रीटेड नोटों को कागज में से निकाल कर देगा।

जिसे शिकायतकर्ता ने कागज सहित अपने पहने शर्ट की ऊपरी जेब में रख लिया गया। मुझ ट्रैप टीम प्रभारी द्वारा शिकायतकर्ता को मुनासिब हिदायत की गई। जिस अखबारी कागज पर नोटों को ट्रीट करवाया गया था, उसे जलाकर नष्ट कराते हुए मुझ ट्रैप टीम प्रभारी द्वारा एक कांच के गिलास में सोडियम कार्बोनेट व पानी का घोल तैयार कर उसमें आरक्षी अभिषेक कुमार के हाथों की उंगलियों को धुलवाया गया तो धोवन का रंग गुलाबी हो गया। धोवन को लोकसेवक साक्षी गण व ट्रैप टीम के सदस्यों के समक्ष कांच की एक शीशी में भरकर सील सर्व मोहर कर नमूना मोहर तैयार किया गया।

तथा शीशी पर लेवल चस्पा कर संकेत ‘A’ डाला गया। फर्द ट्रीटमेंट की कार्यवाही में 11.45 बजे तक का समय लगा। शिकायतकर्ता ट्रैप टीम व लोकसेवक साक्षी गण को टैप संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। ट्रीटमेंटकर्ता आरक्षी अभिषेक कुमार के हाथों को साबुन से इस प्रकार धुलवाया गया कि उन पर फिनाफ्थलीन के कोई अंश ना रह जाएं। फर्द ट्रीटमेंट की लिखा पढी कम्प्यूटर आपरेटर रवि वर्मा से बोल बोल कर लैपटाप पर टाईप कराई गयी तथा पेन ड्राइव में सेव कर उसका प्रिंट आउट निकलवाकर समस्त ट्रैप टीम के सदस्यो लोक सेवक साक्षीगण एवं शिकायतकर्ता को पढ़ाकर एवं पढ़कर सुनाकर उनके हस्ताक्षर बनवाये गये।

तत्पश्चात शिकायतकर्ता, ट्रैप टीम के सदस्यों व लोकसेवक साक्षीगण को ट्रैप सम्बन्धी आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये तथा शिकायतकर्ता से आरोपी को फोन कराया गया तो आरोपी ने शिकायतकर्ता को अपना राजभोग फैमिली ढाबा फर्रुखाबाद रोड कायमगंज साई धर्मकांटा के पास रिश्वत लेने हेतु बुलाया। समस्त ट्रैप टीम मय लोकसेवक साक्षीगण एवं शिकायतकर्ता के गुरुनानक फैमिली ढाबा, मेजर एस ) डी() सिंह मेडिकल कालेज के बगल बघार, फर्रुखाबाद से अपना राजभोग फैमिली ढाबा फर्रुखाबाद रोड कायमगंज साई धर्मकांटा के पास पहुंचे।

सरकारी वाहनो को ढाबा के आसपास छिपाकर खड़ा कर दिया गया व पैदल चल कर ढाबा परिसर पहुंचे तथा समस्त टीम व लोकसेवक साक्षीगण निर्देशानुसार अपनी अपनी उपस्थिति छिपाते हुये ढाबा परिसर के आसपास व ढाबा के अन्दर छदम रुप में इस प्रकार खड़े हो गये कि ढाबा से शिकायतकर्ता व आरोपी के समस्त क्रियाकलाप दृष्टिगोचर होते रहें। करीब 5 मिनट पश्चात शिकायतकर्ता भी ढाबा परिसर में आ गया तथा ढाबा में बैठ गया व आरोपी भी करीब 10 मिनट बाद आकर शिकायतकर्ता से ढाबे में बैठकर बातें करने लगा।

जिसे मै, दोनो लोकसेवक साक्षीगण तथा समस्त ट्रैप टीम सदस्य स्पष्ट रूप से देख रहे थे। करीब 05 मिनट बात करने के पश्चात शिकायतकर्ता से आरोपी लेखपाल ने बात करते करते इशारे से एवं बोलकर दस हजार रिश्वती रुपये की मांग किया। जिस पर शिकायतकर्ता ने अपने पहने शर्ट की उपरी जेब से पूर्व में दिये गये निर्देश के अनुसार सफेद कागज से ट्रीटेड नोटो (रुपये दस हजार) को निकालकर आरोपी लेखपाल को दिया।

जिसे आरोपी लेखपाल द्वारा लेकर गिना जाने लगा तथा शिकायतकर्ता ने पूर्व निर्धारित संकेत के अनुसार अपने हाथ से अपना सर खुजलाया जो इस बात का संकेत था कि शिकायतकर्ता ने आरोपी लेखपाल के मांगने पर लेखपाल को ट्रीटेड रिश्वती नोट दे दिये है। कि पूर्ण विश्वास हो जाने पर कि आरोपी लेखपाल द्वारा शिकायतकर्ता से ट्रीटेड रिश्वती नोट प्राप्त कर लिये गये हैं, ट्रैप टीम द्वारा एक बारगी दबिश देकर करीब 14.30 बजे रिश्वती नोटो समेत उक्त आरोपी लेखपाल को अपना राजभोग फैमिली ढाबा फर्रुखाबाद रोड कायमगंज जनपद फर्रुखाबाद से समक्ष लोक सेवक साक्षीगण पकड़ लिया गया।

मेरे द्वारा आरोपी लेखपाल के दाहिने हाथ से10,000 रुपये (पांच सौ रुपये के 20 नोट) रिश्वती ट्रीटेड नोटो को बरामद कर उसका मिलान फर्द ट्रीटमेंट में अंकित नोटो के नम्बर से किया गया तो सभी नोटो के नम्बर समान पाये गये। मेरे द्वारा नाम पता पूँछने पर आरोपी ने अपना नाम नरेश कुमार उर्फ रामनरेश पुत्र श्री बिहारी लाल जाटव निवासी ग्राम पुरवावा तहसील बिलग्राम थाना मल्लावां जनपद हरदोई, हाल पता रविन्द्र पाल सिंह का घर, मुहल्ला प्रीतम नगर रेलवे क्रासिंग के पास थाना फतेहगढ़ जनपद फर्रुखाबाद।

सम्प्रति लेखपाल क्षेत्र कुरार द्वितीय तहसील कायमगंज जनपद फर्रुखाबाद मो0नं0 9918519154 उम्र 47
करीब वर्ष बतायी। मौके पर ही मुख्य आरक्षी देव प्रकाश मिश्रा से पकड़े गये अभियुक्त लेखपाल नरेश कुमार उर्फ रामनरेश, शिकायतकर्ता व मेरा हाथ सोडियम कार्बोनेट एवं पानी के घोल से बारी बारी धुलवाया गया तो सभी के हाथो के धोवन का रंग गुलाबी हो गया।

जिसे अलग-अलग कांच की शीशी में भर कर सील सर्व मुहर कर नमूना मुहर तैयार किया गया तथा उस पर लेबल चस्पा कर संकेत क्रमशः प्रदर्श B.C व D डाला गया। मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गयी। जिससे शान्ति व्यवस्था भंग होने की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जिस पर मुझ ट्रैप टीम प्रभारी द्वारा शिकायतकर्ता, लोकसेवक साक्षीगण, ट्रैप टीम तथा अभियुक्त लेखपाल नरेश कुमार उर्फ रामनरेश की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुये सभी को सरकारी वाहनो से लेकर थाना कोतवाली
कादरी गेट जनपद फर्रुखाबाद गये।

वाहन संख्या यूपी 30 बी0जे0 0890 प्लेटीना मोटर साइकिल रंग काला जिससे आरोपी ढाबे पर रिश्वत लेने आया था को मेरे निर्देश पर आरक्षी अभिषेक कुमार लेकर थाना कादरी गेट आये जिसे सुरक्षार्थ थाना कादरी गेट पर खड़ा किया गया तथा थाने पर प्रभारी निरीक्षक के कार्यालय कक्ष में बैठकर अन्य विधिक कार्यवाही अमल में लाई गयी। गिरफ्तारी मेमो व सूचना मेमो
तैयार किया गया। अभियुक्त लेखपाल नरेश कुमार उर्फ रामनरेश की जामा तलाशी निरीक्षक श्री मृत्युंजय कुमार मिश्र द्वारा समक्ष ट्रैप टीम व लोकसेवक साक्षीगण के
ली गयी।

तो उनकी जेब से एक अदद पर्स जिसके अन्दर 1021/-रुपये, आधार कार्ड नं0 925140977663, डीएल नं0 3702/03, गुनिया एक अदद तथा एक अदद मोबाइल फोन ओप्पो A-52020 बरंग सफेद IMEI 869637045833695 व 869637045833687 जिसमें 9918519154 सिम लगा है जिसमें विभिन्न रिकार्डिंग जमा है में जमा
रिकार्डिंग को सावधानी पूर्वक कापी किया गया तथा मोबाइल को सील सर्व मुहर कर
कब्जा पुलिस में इस आशय से लिया गया।

कि मोबाइल में सेव रिकार्डिंग का परीक्षण आवश्यकता पड़ने पर कराया जायेगा। सूचना पाकर थाना कादरी गेट पर आये श्री रामेन्द्र लाल मौर्य पुत्र स्व गुलजारी लाल नि0 ग्राम नगला खन्ता पोस्ट सिंघीरामपुर थाना कमालगंज जिला फर्रुखाबाद मो0नं0 95557776469 सम्प्रति राजस्व निरीक्षक क्षेत्र मंझना तहसील कायमगंज जनपद फर्रुखाबाद से आरोपी से प्राप्त फाइल बस्ता खुलवाया गया।

तो उसमें खसरा ग्राम कुरार फसली सन् 1423 व दो शीट नक्शा ग्राम कुरार फसली सन् 1388 बरामद हुआ जिसे मूल रुप से वास्ते कार्य सरकार राजस्व निरीक्षक श्री रामेन्द्र लाल मौर्य को सुपुर्द किया गया तथा सुपुर्दगी नामा पर उनके हस्ताक्षर प्राप्त किये गये। शिकायतकर्ता से प्राप्त सफेद कागज जिसमें रिश्वती नोट रखे गये थे, को एक खाकी रंग के लिफाफे में रखकर सील सर्व मुहर तैयार कर उस पर आवश्यक प्रविष्टियाँ की गयीं व सभी सम्बन्धित के हस्ताक्षर बनवाये गये।

अभियुक्त लेखपाल नरेश कुमार उर्फ रामनरेश से बरामद रिश्वती नोटों को एक खाकी रंग के लिफाफे में रखकर उन पर नोटों का विवरण व अन्य प्रविष्टियाँ अंकित कर सभी सम्बन्धित के हस्ताक्षर बनवाये गये। ट्रैप की कार्यवाही के दौरान माननीय सर्वोच्च न्यायालय व मानवाधिकार आयोग के आदेशों व निर्देशों का पालन किया गया। पकड़े गये लेखपाल नरेश कुमार उर्फ रामनरेश द्वारा रिश्वत के रुप में 10,000/- (दस हजार रुपये) प्राप्त किया गया।

उसके द्वारा अपनी पदावधि के दौरान अवैध रुप से रिश्वत लेकर स्वयं को साशय समृद्ध किया गया है, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित भ्रष्टचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7/13 (1) बी सपठित धारा 13 (2) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है, से अवगत कराकर बाजाफ्ता बाकायदा हिरासत पुलिस में लिया गया। गिरफ्तारी की सूचना अभियुक्त के बताये अनुसार उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता को मोबाइल नं0 7080737473 पर दी गयी।

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